शिमला: प्रदेश सरकार ने कोविड-19 के दौरान रखे गए आउटसोर्स कर्मियों को फिर से एक्सटेंशन दे दी (Extension To Outsourced Medical Employees) है. विशेष सचिव स्वास्थ्य की ओर से इस संबंध में निर्देश भी जारी किए गए है. आउटसोर्स में रखे यह कर्मी पहले की तरह मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में सेवाएं देंगे. कोरोना महामारी के समय पूरे प्रदेश में 1,895 कर्मचारियों की तैनाती की गई थी. आउटसोर्स पर स्टाफ नर्स, लैब तकनीशियन, डाटा एंट्री ऑपरेटर, कोविड टेस्टिंग और सफाई कर्मी कोरोना वार्डों में अपनी सेवाएं दे रहे थे.
बीते 31 दिसंबर को इनका सेवाकाल समाप्त हो गया था. वहीं, कर्मियों का प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य निदेशक से भी मिला था. कर्मियों को आश्वासन दिया गया था कि उनकी पहले की तरह अस्पताल में सेवाएं जारी रखी जाएंगी. महामारी अभी खत्म नहीं हुई है. हालांकि पहले के मुकाबले अस्पतालों में मरीज नहीं हैं. लेकिन कम स्टाफ होने के कारण इन कर्मियों की अन्य जगहों पर सेवाएं ली जा सकती है.
उधर, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार के इस फैसले के बाद हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य आउटसोर्स यूनियन ने इस फैसले पर सरकार का आभार जताया है. यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कमल जीत डोगरा ने बताया की कोविड-19 के दौरान रखे गए 1895 कर्मचारी लगातार अपनी सेवाएं देते हुए आ रहे थे, जिनका कार्यकाल 31.12.2022 को समाप्त हो गया (Outsourced Medical Employees in Himachal) था.
लेकिन प्रदेश सरकार ने सभी कर्मचारिओं की सेवा विस्तार करके यह दर्शया है की प्रदेश सरकार कर्मचारी हितैषी है. उन्होंने कहा कि हम आशा करते हैं की प्रदेश भर में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारिओं के लिए एक स्थाई निति का प्रावधान राज्य सरकार द्वारा भविष्य में किया जाएगा.
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