शिमला: देश आज डिजिटल हो रहा है. नई तकनीक और नई खोजों से तरक्की की राह के सपने हर कोई देख रहा है लेकिन किसानों की स्थिति जस की तस है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि किसानों को सरकारी सुविधा मुहैया कराने का जिम्मा सरकार ने जिन्हें दिया है, वही विभाग इन किसानों के साथ मनमानी करता है.
ऐसा ही एक मामला शिमला के ठियोग से सामने आया है. यहां जब ईटीवी भारत की टीम ने कृषि विभाग के ब्लॉक कार्यालय जाकर लोगों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानने की कोशिश की तो सच्चाई कुछ और ही निकली.
ठियोग में कृषि विभाग के ब्लॉक कार्यलय में इन दिनों किसानों को स्प्रेयर मशीनें बांटी जा रही है. सब्सिडी पर जिसकी कीमत 1650 रुपये है लेकिन विभाग इन स्प्रेयरों के साथ जबरदस्ती दवाई भी थोप रहा है. किसानों को उसकी कीमत भी चुकानी पड़ रही है. लोगों का कहना है कि बीज और दवाई लेने से मना करने पर भी उन्हें पैसे देने पड़ रहे हैं.
ईटीवी भारत की टीम ने जब इस मामले की पड़ताल की तो अधिकारियों की हवा निकल गई. आनन-फानन में मशीनें और दवाईयां देना बंद कर दिया. विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि किसानों को स्प्रेयर मशीनों के साथ बीज नहीं दी जा रही है और जो दवाईयां दी जा रही है वो किसानों के काम के लिए है. किसी के साथ कोई जबरदस्ती नहीं किया जा रहा है.
बहरहाल विभाग इस पर बचने की कोशिश क्यों कर रहा है. ये एक बड़े जांच का विषय बनकर जरूर रह गया है.