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ठियोग में कृषि विभाग की मनमानी! सरकारी सुविधाओं के नाम पर किसानों को दी जा रही एक्सपायर दवाइयां

विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि किसानों को स्प्रेयर मशीनों के साथ बीज नहीं दी जा रही है. किसी के साथ कोई जबरदस्ती नहीं किया जा रहा है.

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Published : Jun 11, 2019, 8:45 AM IST

किसानों को दी जा रही एक्सपायर दवाइयां

शिमला: देश आज डिजिटल हो रहा है. नई तकनीक और नई खोजों से तरक्की की राह के सपने हर कोई देख रहा है लेकिन किसानों की स्थिति जस की तस है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि किसानों को सरकारी सुविधा मुहैया कराने का जिम्मा सरकार ने जिन्हें दिया है, वही विभाग इन किसानों के साथ मनमानी करता है.

ठियोग में कृषि विभाग की मनमानी!

ऐसा ही एक मामला शिमला के ठियोग से सामने आया है. यहां जब ईटीवी भारत की टीम ने कृषि विभाग के ब्लॉक कार्यालय जाकर लोगों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानने की कोशिश की तो सच्चाई कुछ और ही निकली.

ठियोग में कृषि विभाग के ब्लॉक कार्यलय में इन दिनों किसानों को स्प्रेयर मशीनें बांटी जा रही है. सब्सिडी पर जिसकी कीमत 1650 रुपये है लेकिन विभाग इन स्प्रेयरों के साथ जबरदस्ती दवाई भी थोप रहा है. किसानों को उसकी कीमत भी चुकानी पड़ रही है. लोगों का कहना है कि बीज और दवाई लेने से मना करने पर भी उन्हें पैसे देने पड़ रहे हैं.

किसान और कृषि विभाग के अधिकारी की बाइट

ईटीवी भारत की टीम ने जब इस मामले की पड़ताल की तो अधिकारियों की हवा निकल गई. आनन-फानन में मशीनें और दवाईयां देना बंद कर दिया. विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि किसानों को स्प्रेयर मशीनों के साथ बीज नहीं दी जा रही है और जो दवाईयां दी जा रही है वो किसानों के काम के लिए है. किसी के साथ कोई जबरदस्ती नहीं किया जा रहा है.

बहरहाल विभाग इस पर बचने की कोशिश क्यों कर रहा है. ये एक बड़े जांच का विषय बनकर जरूर रह गया है.

शिमला: देश आज डिजिटल हो रहा है. नई तकनीक और नई खोजों से तरक्की की राह के सपने हर कोई देख रहा है लेकिन किसानों की स्थिति जस की तस है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि किसानों को सरकारी सुविधा मुहैया कराने का जिम्मा सरकार ने जिन्हें दिया है, वही विभाग इन किसानों के साथ मनमानी करता है.

ठियोग में कृषि विभाग की मनमानी!

ऐसा ही एक मामला शिमला के ठियोग से सामने आया है. यहां जब ईटीवी भारत की टीम ने कृषि विभाग के ब्लॉक कार्यालय जाकर लोगों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानने की कोशिश की तो सच्चाई कुछ और ही निकली.

ठियोग में कृषि विभाग के ब्लॉक कार्यलय में इन दिनों किसानों को स्प्रेयर मशीनें बांटी जा रही है. सब्सिडी पर जिसकी कीमत 1650 रुपये है लेकिन विभाग इन स्प्रेयरों के साथ जबरदस्ती दवाई भी थोप रहा है. किसानों को उसकी कीमत भी चुकानी पड़ रही है. लोगों का कहना है कि बीज और दवाई लेने से मना करने पर भी उन्हें पैसे देने पड़ रहे हैं.

किसान और कृषि विभाग के अधिकारी की बाइट

ईटीवी भारत की टीम ने जब इस मामले की पड़ताल की तो अधिकारियों की हवा निकल गई. आनन-फानन में मशीनें और दवाईयां देना बंद कर दिया. विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि किसानों को स्प्रेयर मशीनों के साथ बीज नहीं दी जा रही है और जो दवाईयां दी जा रही है वो किसानों के काम के लिए है. किसी के साथ कोई जबरदस्ती नहीं किया जा रहा है.

बहरहाल विभाग इस पर बचने की कोशिश क्यों कर रहा है. ये एक बड़े जांच का विषय बनकर जरूर रह गया है.


---------- Forwarded message ---------
From: Suresh Sharma <journalist.suresh86@gmail.com>
Date: Mon, Jun 10, 2019, 9:11 PM
Subject: एक्सपायरी बीज और दवाई देकर किसानों को लूट रहा विभाग स्प्रेयर मशीन के साथ जबरदस्ती दी जा रही दवाई ओर बीज।
To: <rajneeshkumar@etvbharat.com>


इसे देश का दुर्भाग्य नही कहेंगे तो क्या कहेंगे कि आज भी देश का अन्नदाता गरीबी की मार ओर महंगाई और उधारी की जिंदगी को सहता खेती छोड़ने ओर आत्महत्या करने पर विवश हो जाता है। जिसके पीछे हमारी सरकारें ओर उनका सरकारी तंत्र जिम्मेदार है। देश आज डिजिटल हो रहा है नई तकनीक और नई खोजों से तरक्की की राह के सपने हर कोई देख रहा है लेकिन किसानों की स्थिति जस की तस है आज भी वह ठगा जा रहा है।ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि देश के इन किसानों को नई तकनीक और नई खेती करने का जिम्मा सरकार ने जिन्हें दिया है वही विभाग इन किसानों के साथ मनमानी करता है वो विभाग यानी कृषि विभाग जो किसानों की आमदनी पर डाका डालकर उनकी खून पसीने की कमाई पर हाथ साफ कर रहा है।etv भारत की टीम ने आज ठियोग के कृषि विभाग के ब्लॉक कार्यलय जा कर लोगों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानने की कोशिश की तो वँहा की तसवीर हैरान करने वाली थी।ठियोग में क्रषि विभाग के ब्लॉक कार्यलय में इन दिनों किसानों के साथ सरेआम लूट घसीट का काम चल रहा है ।यंहा पर किसानों को स्प्रेयर मशीन बांटी जा रही है सब्सिडी पर जिसकी कीमत 1650 रुपये है। लेकिन विभाग इन सप्रेयरो के साथ जबरदस्ती दवाई भी थोप रहा है जिसे किसान नही लेना चाहते।किसानों को उसकी कीमत भी चुकानी पड़ रही है। विभाग के कर्मचारी साफ लफ्ज़ो में कह रहे है कि मशीन ले जानी है तो दवाई भी ले जानी है। ओर बीज भी वो भी एक्सपायरी डेट का जी हां ठीक सुना आपने यंहा विभाग जबरदस्ती किसानों को दवाई ओर बीज दे रहा है और जो बीज किसानों को दिया जा रहा है उसकी एक्सपायरी तिथि 2018 थी लेकिन विभाग तो अपने घाटे ओर मुनाफे का खेल इन गरीब किसानों से वसूल रहा है।लोगों का कहना है कि बीज और दवाई के लिये न करने पर भी उन्हें उसके पैसे देने पड़ रहे है। विभाग 1650 मशीन ओर 230 रुपये दवाई ओर बीज के वसूल रहा है। ओर इनकी कोई भी नही सुन रहा है। मशीने अधिकतर खराब निकल रही है।

बाईट ,,, किसान

etv भारत ने जब इस मामले की पड़ताल की तो अधिकारियों की हवा निकल गयी आनन फानन में मशीने ओर दवाई देना बंद कर दिया लोगो को कुछ समय बाद आने को कहा गया।etv भारत के रिपोर्टर को देखकर विभाग भौचक्का रह गया।ओर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बात से अपना पल्ला झाड़ दिया और कहा कि किसानों को बीज नही दिया जा रहा और दवाई लोगों के काम ही आती है इसलिए दी जा रही है।

बाईट,,,एस एम एस (सब्जेक्ट मेटर स्पेशलिस्ट)
धर्म चंद 

बहरहाल कृषि विभाग की इस मनमानी के आज तक कितने किसान शिकार हो गए होंगे ये एक बड़े घोटाले ओर बड़ी लूट की ओर इशारा कर रहे है की आखिर विभाग क्यों किसानों को जबरदस्ती दवाई ओर एक्सपायरी बीज दे रहा हैं। ओर इसके पीछे की क्या कहानी है।लेकिन किसानों से ये लूट कब से जारी है ओर कब तक जारी रहेगी ये चिंता का विषय बन गया है। विभाग इस पर बचने की कोशिश क्यो कर रहा है ।लेकिन ये एक बड़े जांच का विषय बनकर जरूर रह गया है।
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