शिमलाः स्वास्थ्य महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में चुनौतियां भी बहुत हैं ऐसे में इस क्षेत्र में सुधार की गति को रोकना नहीं चाहिए. कोरोना संकट के बाद केंद्र सरकार ने भी स्वास्थ्य बजट में बढ़ोतरी की है. ऐसे में प्रदेश सरकार भी इस बार स्वास्थ्य बजट में बढ़ोतरी कर सकती है. पिछले साल जयराम सरकार ने बजट में स्वास्थ्य के लिए 8316 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की थी. इस बार बजट में बढ़ोतरी की उम्मीद है.
6 मार्च को आम बजट
हिमाचल प्रदेश में यूं तो स्वास्थ्य सेवा में पहले से काफी सुधार हुआ है. मरीजों को अब पहले से बेहतर और निःशुल्क इलाज भी मिल रहा है, लेकिन कई बिंदु अभी भी ऐसे हैं जहां सुधार की गुंजाइश है. शनिवार 6 मार्च को हिमाचल की जयराम सरकार अपना आम बजट पेश करेगी. ऐसे में मरीजों, तीमारदारों और अन्य लोगों के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है.
पढ़ें: ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में पहले स्थान पर आने पर शिमलावासी खुश
ग्राउंड जीरो पर ईटीवी भारत
इस बारे में ईटीवी भारत ने ग्राउंड जीरो पर आईजीएसमी अस्प्ताल में तीमारदारों से बात की और उनसे उनकी उम्मीदों के बारे में जाना. तीमारदार पूर्ण चंद ने बताया कि अस्प्ताल में व्यवस्थाएं ठीक हैं, लेकिन यहां डायलासिस की सुविधा न होने की वजह से मरीजों को भटकना पड़ता है. उनकी मांग है कि बजट में डायलसिस टेस्ट की शुरुआत की घोषणी हो.
पार्किंग व्यवस्था को लेकर बजट में हो प्रावधान
अन्य तीमारदारों ने बताया कि अस्प्ताल में टेस्ट करवाने में परेशानी होती है. आईजीएसमी में पार्किंग की व्यवस्था भी सही नहीं है. इस पर भी सरकार को विचार करना चाहिए. तीमारदार चाहते हैं कि एसआरएल लैब में काउंटर की संख्या को बढ़ाया जाए. साथ ही एसआरएल लैब में टेस्ट के दामों को भी घटाना चाहिए.
ये भी पढ़ेंः CM जयराम ठाकुर ने पेश किया साल 2020-21 का आर्थिक सर्वेक्षण, शनिवार को पेश करेंगे बजट