शिमला: विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन माननीयों के लिए यात्रा भत्ते से जुड़े बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक सुखविंद्र सिंह नए तर्कों के साथ सामने आए हैं. ईटीवी से खात बातचीत करते हुए कांग्रेस विधायक सुखविंद्र सिंह ने कहा कि विधायक बनने के लिए लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ता है.
कांग्रेस विधायक सुखविंद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल निर्माता यशवंत सिंह परमार ने 48 साल पहले एक पूर्व विधायक को सड़क किनारे रोड़ी कूटते देख उन्होंने सोचा था कि कि विधायकों को भी पेंशन मिलनी चाहिए. सुक्खू ने कहा कि विधायकों को इस बात को स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए कि उन्हें कितना वेतन व भत्ते मिलते हैं और समय-समय पर वेतन-भत्तों में इजाफा भी होना चाहिए.
सुक्खू ने कहा कि उन्होंने खुद विधानसभा की सुख-सुविधा कमेटी में जाकर पता किया तो उन्हें जानकारी मिली की नब्बे फीसदी विधायक इस सुविधा को अवेल नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि चार लाख सालाना यात्रा भत्ता विधायकों को तब मिलेगा, जब वे इसे क्लेम करना चाहेंगे.
कांग्रेस विधायक सुखविंद्र सिंह ने कहा कि एक डॉक्टर 2.50 लाख रुपये मासिक वेतन लेता है तो एक विधायक प्रोटोकॉल में मुख्य सचिव के बराबर होता है, लेकिन जब कोई विधायक पूर्व हो जाता है तो उसकी दशा खराब हो जाती है.