शिमला: आईजीएमसी शिमला में कोरोना संक्रमित दिल्ली के युवक की चोट लगने के बाद हुई मौत से प्रशासन अलर्ट हो गया है. इसके चलते प्रशासन ने अस्पताल में अलग से इमरजेंसी वार्ड बनाया है. इस वार्ड में कोरोना संदिग्ध व बाहरी राज्यों से आने वाले आपातकाल मरीजों का इलाज किया जाएगा.
बता दें कि आईजीएमसी में यह इमरजेंसी वार्ड कोरोना संदिग्ध मरीजों के लिए ट्राइज वार्ड में बनाया गया है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देश के बाद इस इमरजेंसी ट्राइज वार्ड को शुरू किया गया है. वर्तमान में ट्राइज वार्ड में 16 बेड थे. कोरोना संदिग्ध मरीजों के आने पर उसे ट्राइज वार्ड में रखा जाता है. रिपोर्ट आने के बाद ही उसे वार्ड में या आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया जाता है.
गौरतलब है कि 13 जून देर रात दिल्ली से ट्रक में सामान लेकर शिमला आए युवक की सामान उतारते समय चोट लगने के बाद आईजीएमसी इमरजेंसी में मौत हो गई थी. युवक की मौत के बाद मृतक में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने पर अस्पताल में हड़कंप मच गया. साथ ही इमरजेंसी वॉर्ड को सील करना पड़ा था.
इसलिए भविष्य में ऐसी घटना ना हो इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने ट्राइज वार्ड में अलग से अपातकाल बनाने का फैसला लिया. सेब सीजन के दौरान भी हादसे बढ़ जाते हैं. ऐसे में गंभीर मरीजों की कोरोना रिपोर्ट आने तक उन्हें पूरा इलाज देने के लिए ट्राइज में अपातकाल शुरू किया गया है. इसमें 5 बेड और रखे गए हैं यानी अब 21 बेड ट्राइज वार्ड में होंगे, जिसमें दुर्घटनाग्रस्त संदिग्ध मरीजों का इलाज किया जा सकेगा.
इस संबंध में आईजीएमसी के कार्यकारी एमएस डॉ. राहुल गुप्ता ने कहा कि ट्राइज वार्ड में अपातकाल विभाग शुरू किया गया है, जिसमें चिकित्सक पीपीई किट के साथ तैनात रहेंगे. साथ ही किसी भी परिस्थिति से निपटने में सक्षम होंगे. ऐसे में संदिग्ध मरीजों का इलाज आसानी से हो सकेगा.
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