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हिमाचल में संस्कृत विश्वविद्यालय खोलने की तैयारी, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शिक्षण संस्थान के प्रमुखों के साथ की बैठक

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में प्रथम संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा न केवल एक प्राचीन, शुद्ध व संंपन्न भाषा है बल्कि भारत की संस्कृति, इतिहास व परम्पराओं की परिचायक भी है.

Suresh Bhardwaj
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Published : Sep 5, 2019, 10:11 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में संस्कृत कॉलेजों के संचालन के लिए संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है. संस्कृत विश्वविद्यालय को स्थापित करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. इस विश्वविद्यालय को प्रदेश में कहां स्थापित किया जाना है इसे लेकर विचार विमर्श चल रहा है.

प्रदेश में संस्कृत विश्वविद्यालय खोलने के सिलसिले में प्रधान सचिव शिक्षा की अध्यक्षता में भूमि चयन के लिए एक शोध समिति और शैक्षणिक पहलुओं के लिए एक शैक्षणिक समिति गठित की जाएगी. यह फैसला बुधवार को संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के शिक्षण संस्थानों से आए प्रमुखों और शिक्षकों के साथ आयोजित बैठक में शिक्षा मंत्री सुरेश भरद्वाज ने लिया.

बैठक की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में प्रथम संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा न केवल एक प्राचीन, शुद्ध व संंपन्न भाषा है बल्कि भारत की संस्कृति, इतिहास व परम्पराओं की परिचायक भी है. संस्कृत के विद्वानों ने समाज के कल्याण के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने दृष्टिपत्र में संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने का संकल्प लिया था ओर इस दिशा में सभी हितधारकों को ध्यान में रखते हुए इस विषय पर विचार किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: राज्यपाल ने रोपा 'जिन्को' पौधा, दमा..अल्जाइमर से लेकर कैंसर की बीमारियों के इलाज में होता है इस्तेमाल

विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए उचित स्थान की खोज की जाएगी, जहां संस्कृत भाषा की प्रासंगिकता होगी. इसके अलावा गठित की जाने वाली समितियां विश्वविद्यालय के स्वरूप, प्रारूप और आर्थिक पक्ष पर भी विचार करेंगी. इस अवसर पर प्रधान सचिव शिक्षा के. के. पंत ने कहा कि संस्कृत भाषा में हमारे देश की विभिन्न संस्कृतियां समाहित है. प्रदेश सरकार संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना करने के लिए प्रयास कर रही है ताकि संस्कृत के विद्वानों, शोधकर्ताओं और छात्रों को प्रदेश में ही शिक्षण और पाठन के अवसर प्राप्त हो, जिससे संस्कृत भाषा के साथ-साथ हमारी संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा.

इस बैठक में निदेशक शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा, केन्द्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के कुलपति डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सिकन्दर कुमार, हिमाचल संस्कृत अकादमी के सचिव डॉ. भक्तवत्सल शर्मा भी उपस्थित रहे.

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शिमला: हिमाचल प्रदेश में संस्कृत कॉलेजों के संचालन के लिए संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है. संस्कृत विश्वविद्यालय को स्थापित करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. इस विश्वविद्यालय को प्रदेश में कहां स्थापित किया जाना है इसे लेकर विचार विमर्श चल रहा है.

प्रदेश में संस्कृत विश्वविद्यालय खोलने के सिलसिले में प्रधान सचिव शिक्षा की अध्यक्षता में भूमि चयन के लिए एक शोध समिति और शैक्षणिक पहलुओं के लिए एक शैक्षणिक समिति गठित की जाएगी. यह फैसला बुधवार को संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के शिक्षण संस्थानों से आए प्रमुखों और शिक्षकों के साथ आयोजित बैठक में शिक्षा मंत्री सुरेश भरद्वाज ने लिया.

बैठक की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में प्रथम संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा न केवल एक प्राचीन, शुद्ध व संंपन्न भाषा है बल्कि भारत की संस्कृति, इतिहास व परम्पराओं की परिचायक भी है. संस्कृत के विद्वानों ने समाज के कल्याण के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने दृष्टिपत्र में संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने का संकल्प लिया था ओर इस दिशा में सभी हितधारकों को ध्यान में रखते हुए इस विषय पर विचार किया जा रहा है.

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विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए उचित स्थान की खोज की जाएगी, जहां संस्कृत भाषा की प्रासंगिकता होगी. इसके अलावा गठित की जाने वाली समितियां विश्वविद्यालय के स्वरूप, प्रारूप और आर्थिक पक्ष पर भी विचार करेंगी. इस अवसर पर प्रधान सचिव शिक्षा के. के. पंत ने कहा कि संस्कृत भाषा में हमारे देश की विभिन्न संस्कृतियां समाहित है. प्रदेश सरकार संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना करने के लिए प्रयास कर रही है ताकि संस्कृत के विद्वानों, शोधकर्ताओं और छात्रों को प्रदेश में ही शिक्षण और पाठन के अवसर प्राप्त हो, जिससे संस्कृत भाषा के साथ-साथ हमारी संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा.

इस बैठक में निदेशक शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा, केन्द्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के कुलपति डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सिकन्दर कुमार, हिमाचल संस्कृत अकादमी के सचिव डॉ. भक्तवत्सल शर्मा भी उपस्थित रहे.

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Intro:प्रदेश में संस्कृत कॉलेजों के संचालन के लिए संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है। संस्कृत विश्वविद्यालय को स्थापित करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। इस विश्वविद्यालय को प्रदेश मे कहां स्थापित किया जाना है ऐसे लेकर विचार विमर्श चल रहा है। इसी विषय को अब प्रधान सचिव शिक्षा की अध्यक्षता में भूमि चयन के लिए एक शोध समिति तथा शैक्षणिक पहलुओं के लिए एक शैक्षणिक समिति गठित की जाएगी। यह फैसला बुधवार को संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के शिक्षण संस्थानों से आए प्रमुखों और शिक्षकों के साथ आयोजित बैठक में शिक्षा मंत्री सुरेश भरद्वाज ने लिया।

Body:बैठक की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में प्रथम संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा न केवल एक प्राचीन, शुद्ध व संंपन्न भाषा है बल्कि भारत की संस्कृति, इतिहास व परम्पराओं की परिचायक भी है। संस्कृत के विद्वानों ने समाज के कल्याण के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने दृष्टिपत्र में संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने का संकल्प लिया था ओर इस दिशा में सभी हितधारकों को ध्यान में रखते हुए इस विषय पर विचार किया जा रहा है। विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए उचित स्थान की खोज की जाएगी, जहां संस्कृत भाषा की प्रासंगिकता होगी। इसके अतिरिक्त गठित की जाने वाली समितियां विश्वविद्यालय के स्वरूप, प्रारूप ओर आर्थिक पक्ष पर भी विचार करेंगी।

Conclusion:इस अवसर पर प्रधान सचिव शिक्षा के.के. पन्त ने कहा कि संस्कृत भाषा में हमारे देश की विभिन्न संस्कृतियां समाहित है। प्रदेश सरकार संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना करने के लिए प्रयास कर रही है ताकि संस्कृत के विद्वानों, शोधकर्ताओं तथा छात्रों को प्रदेश में ही शिक्षण और पाठन के अवसर प्राप्त हो, जिससे संस्कृत भाषा के साथ-साथ हमारी संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा। इस बैठक में निदेशक शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा, केन्द्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के कुलपति डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सिकन्दर कुमार, हिमाचल संस्कृत अकादमी के सचिव डॉ. भक्तवत्सल शर्मा भी उपस्थित रहे।
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