शिमला: प्रदेश के दसवीं और 12वीं के बोर्ड के छात्रों को प्रमोट करने पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा है कि ये फैसला हितधारकों से आए सुझावों पर निर्भर करेगा. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया है कि इस समय छात्रों का स्वस्थ रहना जरूरी है.
उन्होंने कहा कि जो भी सुझाव हितधारकों की ओर से आए इन सुझावों पर मंत्रणा की जाएगी और छात्रों के हित के लिए क्या जरूरी है, इस पर विचार होगा. शिक्षा मंत्री ने कहा कि कैबिनेट में भी मामले पर चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए जो लाभकारी होगा सभी की सहमति से वही फैसला लिया जाएगा.
हितधारकों से मांगे गए सुझाव
बोर्ड की ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा है कि इस बारे में भी हितधारकों से सुझाव मांगे गए हैं, इसके बाद ही इस में कोई फैसला होगा. उन्होंने ये भी कहा है कि प्रदेश में अभी कोरोना का कहर जारी है. ऐसे में शिक्षण संस्थान नहीं खोले जाएंगे. इस समय कोरोना की चेन टूटना जरूरी है.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि यदि आने वाले दिनों में प्रदेश में कोरोना को लेकर स्थिति में सुधार होता है तो शिक्षण संस्थान खोलने पर विचार किया जाएगा. वहीं, अगर स्थिति और बिगड़ती है तो ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी.
ये भी पढ़ें: हिमाचल में अब होगा फाइव डे वीक, सरकार ने बढ़ाई बंदिशें...जानें क्या हैं महत्वपूर्ण निर्णय
हॉस्टल बंद करने को लेकर विचार
प्रदेश में हॉस्टल बंद करने को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा है कि सरकार अभी इस पर विचार कर रही है. आगामी दिनों में होने वाली कैबिनेट में इस मामले पर कोई फैसला लिया जा सकता है.
बता दें कि प्रदेश के स्कूलों को खोलने या नहीं खोलने को लेकर शिक्षा विभाग ने सरकारी व निजी स्कूलों के शिक्षकों, गैर शिक्षकों, छात्रों, अभिभावकों, शिक्षक संगठनों, एसएमसी, वेलफेयर एसोसिएशन व अन्य हितधारकों से सुझाव मांगे गए हैं. इन सुझावों को प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा जिसके बाद स्कूलों के संबध में निर्णय लिया जाएगा. ये सुझाव 24 अप्रैल तक मांगे गए हैं.
ये भी पढ़ें: मंडी में कोराना का कहर! मेडिकल कॉलेज नेरचौक को फिर से बनाया गया कोविड हॉस्पिटल