शिमला: शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने सदैव ही शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है. हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने में देशभर में बेहतरीन कार्य करेगा. गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अन्तर्गत व्यावसायिक प्रशिक्षण के संबंध में प्रदेश सरकार पहले से ही विद्यार्थियों को रोजगार उन्मुख शिक्षा प्रदान की जा रही है. उन्होंने कहा कि मंत्रिमण्डल के समक्ष नई शिक्षा नीति के संबंध में प्रस्तुति प्रदान की जाएगी. नई शिक्षा नीति लागू होने के साथ ही देश से मैकाले शिक्षा पद्धति की विदाई सुनिश्चित हो जाएगी.
कोविड-19 के दृष्टिगत विभाग सीबीएससी की तर्ज पर प्रदेश के विद्यालयों की 9वीं से 12वीं कक्षाओं के पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत की कटौती और प्रश्नपत्रों में 30 प्रतिशत अतिरिक्त विकल्प प्रदान करने के प्रावधान पर विचार किया जा रहा है. इस प्रणाली को लागू करने के सम्बन्ध में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधिकारी, प्रधानाचार्य, अध्यापक वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस संबंध में शिक्षाविदों, अभिभावकों से सुझाव मांगेंगे. इसके पश्चात इस प्रणाली को मंत्रिमण्डल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि जल संर्वधन के प्रति विद्यार्थियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स्कूल शिक्षा बोर्ड शीघ्र ही प्रदेश में ‘जल संवर्धन योजना’ का शुभारम्भ करेगा. इस योजना के अन्तर्गत विद्यालयों में जल के भण्डारण के लिए टैंकों का निर्माण करवाया जाएगा. विद्यालयों में इस जल का उपयोग विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के लिए किया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने कोविड-19 की इस अवधि में विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने की दिशा में बोर्ड उन्हें घर-द्वार पर किताबें उपलब्ध करवाने के प्रयासों की सराहना की.
इस अवसर पर शिक्षा सचिव राजीव शर्मा, सचिव स्कूल शिक्षा बोर्ड अक्षय सूद, निदेशक उच्चत्तर शिक्षा डाॅ. अमरजीत शर्मा और अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड डाॅ. सुरेश कुमार सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.
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