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अब बच्चों से मनमानी फीस मांगना पड़ सकता है महंगा, शिक्षा विभाग ने जारी किए ये निर्देश

प्रदेश में शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान विनियम अधिनियम 1997, नियम 2003 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में निहित मानदंडों की अनुपालना करने के कड़े निर्देश जारी किए हैं. जिसके तहत निजी स्कूल अब किसी प्रकार की मनमानी नहीं कर सकेंगे.

शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को आदेश जारी किए
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Published : Mar 19, 2019, 10:45 AM IST

शिमला: प्रदेश में शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान विनियम अधिनियम 1997, नियम 2003 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में निहित मानदंडों की अनुपालना करने के कड़े निर्देश जारी किए हैं. जिसके तहत निजी स्कूल अब किसी प्रकार की मनमानी नहीं कर सकेंगे.

education dept issued orders to private schools
शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को आदेश जारी किए

शिक्षा विभाग ने छात्र अभिभावक मंच के साथ हुई बैठक में लिए गए फैसलों पर अधिसूचना जारी करते हुए निजी स्कूलों को ये निर्देश जारी किए हैं. नियमों के तहत निजी स्कूल अभिभावकों को अब किसी चिन्हित दुकान से वर्दी, किताबें, कॉपियां, जूते और अन्य सामान लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं. इतना ही नहीं बिना उचित अनुमति के निजी स्कूल अपने ही स्कूलों में ये सब चीजें भी नहीं बेच सकते हैं. वहीं, मनमानी फीस लेने को लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं.

बता दें कि शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि निजी स्कूल पीटीए का गठन नियमों के अनुसार करें, जिसमें 70 फीसदी अभिभावकों को शामिल किया जाए. वहीं, स्कूल टूअर प्रोग्राम को अनिवार्य न कर अभिभावकों की इच्छा पर रखा जाए. शैक्षणिक टूअर प्रोग्राम अभिभावकों की सहमति से बनाए जाएं. इस टूअर प्रोग्राम के संबंध में एसडीएम को भी अवगत करवाया जाए.

education dept issued orders to private schools
शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को आदेश जारी किए

विभाग ने आदेशों में स्पष्ट कहा है कि अगर आदेशों का पालन नहीं किया गया तो स्कूल प्रबंधक, मुख्याध्यापक और प्रिंसिपल जिम्मेदार होंगे. उन पर अधिनियम 1997 और नियम 2003 के तहत कार्रवाई की जाएगी. निर्देशों का पालन न करने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई भी विभाग करेगा.

शिमला: प्रदेश में शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान विनियम अधिनियम 1997, नियम 2003 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में निहित मानदंडों की अनुपालना करने के कड़े निर्देश जारी किए हैं. जिसके तहत निजी स्कूल अब किसी प्रकार की मनमानी नहीं कर सकेंगे.

education dept issued orders to private schools
शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को आदेश जारी किए

शिक्षा विभाग ने छात्र अभिभावक मंच के साथ हुई बैठक में लिए गए फैसलों पर अधिसूचना जारी करते हुए निजी स्कूलों को ये निर्देश जारी किए हैं. नियमों के तहत निजी स्कूल अभिभावकों को अब किसी चिन्हित दुकान से वर्दी, किताबें, कॉपियां, जूते और अन्य सामान लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं. इतना ही नहीं बिना उचित अनुमति के निजी स्कूल अपने ही स्कूलों में ये सब चीजें भी नहीं बेच सकते हैं. वहीं, मनमानी फीस लेने को लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं.

बता दें कि शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि निजी स्कूल पीटीए का गठन नियमों के अनुसार करें, जिसमें 70 फीसदी अभिभावकों को शामिल किया जाए. वहीं, स्कूल टूअर प्रोग्राम को अनिवार्य न कर अभिभावकों की इच्छा पर रखा जाए. शैक्षणिक टूअर प्रोग्राम अभिभावकों की सहमति से बनाए जाएं. इस टूअर प्रोग्राम के संबंध में एसडीएम को भी अवगत करवाया जाए.

education dept issued orders to private schools
शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को आदेश जारी किए

विभाग ने आदेशों में स्पष्ट कहा है कि अगर आदेशों का पालन नहीं किया गया तो स्कूल प्रबंधक, मुख्याध्यापक और प्रिंसिपल जिम्मेदार होंगे. उन पर अधिनियम 1997 और नियम 2003 के तहत कार्रवाई की जाएगी. निर्देशों का पालन न करने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई भी विभाग करेगा.

Intro:प्रदेश के निजी स्कूल अभिभावकों को अब किसी चिन्हित दुकान से वर्दी,किताबें,कॉपियां, जूते ओर अन्य सामान लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं । इसके साथ ही फ़ीस को लेकर जो मनमानी निजी स्कूल कर रहे है उसे भी बंद करने के निर्देश शिक्षाविभाग ने जारी किए है। शिक्षाविभाग ने निजी स्कूलों को हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान विनियम अधिनियम 1997 ओर नियम 2003 के साथ ही शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में निहित मानदंडों की अनुपालना करने के कड़े निर्देश जारी किए है।


Body:शिक्षा विभाग ने छात्र अभिभावक मंच के साथ हुए बैठक में लिए गए फैसलों पर अधिसूचना जारी करते हुए निजी स्कूलों को यह कड़े निर्देश जारी किए है कि स्कूल अभिभावकों को किसी भी चिन्हित दुकान से किताबें,कॉपियां,वर्दी ओर जूते खरीदने पर बाध्य नहीं किया कर सकते है। इतना ही नहीं बिना उचित अनुमति के निजी स्कूल अपने ही स्कूलों में यह सब चीजें नहीं बेच सकते है। निदेशक उच्च शिक्षा डॉ.अमरजीत शर्मा ने बताया कि स्कूल की फीस ओर फंड अभिभावकों का शोषण करने वाली ना हो।


Conclusion:शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किए है कि निजी स्कूल पीटीए का गठन नियमों के अनुसार करें,जिसमें 70 फ़ीसदी अभिभावकों को शामिल किया जाए। उच्च शिक्षा निदेशक स्कूल टूअर प्रोग्राम के संबंध में भी निजी स्कूलों को निर्देश दिए है कि इन टूअर को अनिवार्य ना कर अभिभावकों की इच्छा पर रखा जाए कि अभिभावक अपने बच्चे को टूअर पर भेजना चाहते है कि नहीं। स्कूल प्रबंधकों को निर्देश दिए गए है कि शैक्षणिक टूअर प्रोग्राम अभिभावकों की सहमति से बनाये जाएं। इस टूअर प्रोग्राम के संबंध में एसडीएम को भी अवगत करवाया जाए। विभाग ने आदेशों में स्पष्ट कहा है कि अगर आदेशों का पालन नहीं किया गया तो स्कूल प्रबंधक,मुख्याध्यापक,प्रिंसिपल जिम्मेवार होंगे।उन पर अधिनियम 1997 ओर ओर नियम 2003 के तहत कार्रवाई की जाएगी। निर्देशों का पालन न करने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई भी विभाग करेगा।
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