शिमला: प्रदेश शिक्षा विभाग में हुए 250 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले के बाद केंद्र की ओर से प्रदेश के शिक्षण संस्थानों को छात्रवृत्ति जारी करने से पहले उनका पूरा ब्यौरा लिया जा रहा है. इसके कारण शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश की निजी शिक्षण संस्थानों से उनके फीस स्ट्रक्चर का ब्यौरा मांगा गया है.
शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के सभी निजी शिक्षण संस्थानों को यह निर्देश जारी किए गए हैं कि संस्थान सरकार की ओर से तय फीस स्ट्रक्चर का ब्यौरा जल्द से जल्द एनएसपी पोर्टल पर दें. इस रिपोर्ट के मिलने के बाद ही छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए बजट मिल पाएगा.
निजी शिक्षण संस्थानों की ओर से फीस स्ट्रक्चर का ब्यौरा भेजने के बाद ही पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित छात्रवृत्ति योजना के तहत लाभार्थी छात्रों को फंड जारी किया जाएगा. निदेशक उच्च शिक्षा की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि सत्र 2019-20 के लिए जिन निजी शिक्षण संस्थानों ने सरकार की ओर से तय किए गए फीस स्ट्रक्चर की जानकारी नहीं भेजी है. अब शिक्षण संस्थानों को यह जानकारी एनएसपी पोर्टल पर देने के लिए 26 फरवरी तक का समय दिया गया है.
इस तय समय के बीच में सभी निजी विश्वविद्यालयों के साथ ही निजी शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिए गए हैं कि वह फीस स्ट्रक्चर की जानकारी एनएसपी पोर्टल पर भेजें, जिससे पोस्ट मैट्रिक एससी छात्रवृत्ति योजना के लिए आगामी कार्य को समय पर पूरा किया जा सके.
शिक्षा विभाग संयुक्त निदेशक राकेश भारद्वाज ने कहा कि सरकार ने निजी शिक्षण संस्थानों के लिए फीस स्ट्रक्चर अप्रूव किया है. इसकी जानकारी विभाग के पास नहीं है. अब ऐसे में संस्थानों के फीस स्ट्रक्चर के आधार पर ही छात्रों को छात्रवृत्ति जारी करने के निर्देश केंद्र की ओर से दिए गए हैं.
इसी वजह से पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत लाभार्थी छात्रों से इस छात्रवृत्ति का लाभ देने के लिए शिक्षण संस्थानों को अपने फीस स्ट्रक्चर का ब्यौरा भेजने के निर्देश विभाग की ओर से जारी किए गए हैं. संस्थानों के ब्यौरा भेजने पर उन संस्थानों के छात्रों को छात्रवृत्ति जारी की जाएगी.
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