रामपुर बुशहर: कोरोना काल में सभी सेक्टर प्रभावित हुए हैं. इस दौरान शिक्षा सबसे अधिक प्रभावित हुई है. आलम यह है कि हिमाचल प्रदेश में तो सरकार ने अभी तक कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों के स्कूल अनिश्चितकालीन के लिए बंद करने की घोषणा की है. कोरोना काल में निजी स्कूल अभिभावकों पर फीस जमा करवाने का दवाब बना रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ छात्रों ने सरकारी स्कूल की ओर रुख किया है.
कोरोना काल में शिक्षा सबसे अधिक हुई प्रभावित
रामपुर के राजकीय प्राथमिक पाठशाला रामपुर में इस सत्र में लगभग 160 के करीब छात्र प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूलों में दाखिला ले चुके हैं और यह संख्या लगातार आगे भी बढ़ने की पूरी संभावना है. कोरोना काल में बदले हालातों में अभिभावकों का निजी स्कूलों से मोहभंग हो रहा है, जिसके चलते सरकारी स्कूलों में एकबार फिर से छात्रों की संख्या बढ़ने लगी है.
लगभग 160 छात्रों ने ली सरकारी स्कूल में एडमिशन
निजी स्कूलों की फीस की मार के बीच अभिभावकों ने सरकारी स्कूलों के प्रति जबरदस्त विश्वास दिखाया. बड़ी संख्या में अभिभावकों ने अपने बच्चों का एडमिशन सरकारी स्कूलों में कराया. जानकारी देते हुए मुख्य अध्यापक रामपुर स्कूल ने बताया कि इस साल उनके पास और भी अधिक संख्या में पहली से पांचवीं तक के छात्र एडमिशन के लिए आ रहे हैं. अभी तक 160 के करीब बच्चों का एडमिशन स्कूल में किया गया है.
ऑनलाइन माध्यम से जारी है छात्रों की पढ़ाई
राजकीय प्राथमिक पाठशाला रामपुर के मुख्याध्यापक ने बताया कि ने बताया कि व्हाट्सएप के माध्यम से छात्रों की पढ़ाई जारी है. इसी के उपरांत अब स्कूल में स्मार्ट क्लासेज के माध्यम से छात्रों की पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि यहां पर दोनों इंग्लिश और हिंदी मीडियम के माध्यम से छात्रों को शिक्षा दी जा रही है. छात्र जिस भी मीडियम से पढ़ना चाहे वह पढ़ सकता है.
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