शिमलाः सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि आपातकाल के दौरान मीसा के तहत जेल जाने वालों को अब 11 हजार रुपये की सम्मान राशि प्रति माह दी जाएगी. इससे पहले बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र प्रहरी सम्मान राशि के तहत मीसा बंदियों को सालाना 11 हजार रुपये देने का एलान किया था.
बुधवार को बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए सीएम ने इस योजना में संशोधन किया और बताया कि अब ऐसे बंदियों को साल की बजाय हर महीने 11 हजार रुपये की सम्मान राशि दी जाएगी. बुधवार को इसी मामले में सदन में तल्खी भी पैदा हो गई थी, जब कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए लोकतंत्र प्रहरी सम्मान राशि का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आजादी के सेनानियों व इमरजेंसी के बंदियों की तुलना कर रही है.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि आपातकाल के दौरान राजनीतिक लोग कानून तोड़ने के कारण जेल भेजे गए थे. इस पर सत्ता पक्ष ने आपत्ति जताई और कहा था कि इमरजेंसी एक काला अध्याय रहा है. इसी बात पर मुख्यमंत्री ने बजट पर सामान्य चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि जिन लोगों ने आपातकाल का दौर नहीं देखा, उन्हें ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए. सीएम ने कहा कि कांग्रेस ने केवल और केवल सत्ता में बने रहने के लिए ही आपातकाल लगाया था.
जलरक्षकों के लिए पॉलिसी बनेगी, इस बार बढ़ाया 900 रुपए मानदेय
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बजट पर सामान्य चर्चा का जवाब देते हुए एक और महत्वपूर्ण घोषणा की है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्कूलों में तैनात जलरक्षकों यानी वॉटर गार्डस के लिए नीति तैयार करेगी. सीएम ने कहा कि इस बार बजट में जलरक्षकों का मानदेय 900 रुपये तक बढ़ाया गया है. बजट में सीएम ने जलरक्षकों का मानदेय 2100 रुपए से बढ़ाकर 3000 रुपये किया था.
अब राज्य सरकार उनके लिए नीति भी तैयार करेगी. जलरक्षक काफी समय से नीति बनाने की मांग कर रहे थे. सिंचाई व जनस्वास्थ्य विभाग में इस समय साढ़े छह हजार से अधिक जलरक्षक तैनात हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जलरक्षकों को नियमित करने के लिए भी प्रक्रिया शुरू करेगी. नीति तैयार करने के बाद नियमितिकरण की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी.