शिमला: लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करना डॉ. प्रमोद शर्मा को महंगा पड़ गया. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने चुनाव आयोग के आदेशों की पालना करते हुए विश्वविद्यालय में बिजनेस मैनेजमेंट विभाग में वरिष्ठ प्रोफेसर के पद पर तैनात डॉ. प्रमोद शर्मा को निलंबित कर दिया है. विश्वविद्यालय ने डॉ. प्रमोद को 1 जून को ही निलंबित कर दिया था, लेकिन अधिकारी इसका खुलासा नहीं कर रहे थे.
बता दें कि चुनाव आयोग के निर्देश आने के बाद ही एचपीयू ने यह कदम उठाया था. कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह की शिकायत पर चुनाव आयोग ने यह कार्रवाई की. प्रमोद शर्मा को निलंबित करने के निर्देश एचपीयू कुलसचिव की ओर से जारी किए हैं. आयोग ने एचपीयू को डॉ. प्रमोद के भाजपा प्रत्याशी के साथ चुनाव प्रचार में शामिल होने के आरोपों के साबित होने के बाद कार्रवाई की है. आयोग ने निलबंन के साथ ही तीन दिन के भीतर डॉ. प्रमोद के खिलाफ जारी की गई चार्जशीट की एक प्रति मुख्य निर्वाचन कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा है.
गौर हो कि एचपीयू के प्रोफेसर डॉ. प्रमोद के खिलाफ चुनाव आयोग को शिकायत मिली थी. सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद भाजपा प्रत्याशी के लिए प्रचार कर रहे हैं. हालांकि प्रमोद शर्मा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि इतेफाक से उनकी मुलाकात हुई थी, लेकिन जब जिला निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर जांच करवाई गई तो आरोप सही निकलने पर आयोग की ओर से उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई.