शिमला: 22 दिसंबर 1986 में अमर सिंह हिमाचल पुलिस में बतौर सिपाही भर्ती हुए थे. अमर सिंह ने जीवन में आगे बढ़ना ठान लिया था. इस कारण आज इनके नाम के आगे डॉक्टर शब्द जुड़ा हुआ है. डॉ. अमर सिंह पुलिस ट्रेनिंग में पीएचडी करने वाले हिमाचल के पहले व्यक्ति है. इन्हें बेहतर सेवा के लिए अति उत्कृष्ट पुलिस सेवा मेडल से सम्मानित किया जाएगा.
अति उत्कृष्ट पुलिस मैडल पुलिस लाइन में 25 सालों तक बेहतर सेवा देने के लिए दिया जाता है. डॉ. अमर सिंह ने पुलिस में भर्ती होने के बाद बेहतर सेवा दी. इन्होंने पुलिस में ड्यूटी के साथ पढ़ाई जारी रखी और 2002 में पुलिस ट्रेनिंग विषय पर पीएचडी की थी. सिस समिट की 2004 में डॉक्टर की डिग्री मिली. उसके बाद भी वह पुलिस में अपनी बेहतर सेवा देते रहे.
2007 में डॉ. अमर सिंह को प्रमोशन दिया गया और एएसआई बनाया गया. इस दौरान पुलिस थाना सुंदरनगर में उनकी ड्यूटी लगी. उनके काम को पुलिस में ही नहीं ब्लकि लोगों की ओर से भी सराहा गया. इस दौरान उन्होंने कई बड़े आपराधिक मामले भी सुलझाए. डॉ. अमर सिंह की काबिलियत देखते हुए उन्हें सीएम सिक्योरटी में तैनात किया गया. वहा भी इनके कार्यो को सराहा गया.
डॉ. अमर ने ईटीवी से बातचीत करते हुए बताया कि उन्हें सकारात्मक सोच से काम करने और आगे बढ़ने की प्रेरणा घर से मिली थी. इसके चलते उन्होंने पीएचडी की डिग्री हासिल की और पुलिस ड्यूटी के दौरान ईमानदारी और निष्ठा के साथ काम किया. उन्होंने कहा कि उन्होंने यूएएन मिशन में भी अपनी सेवा दी है और उन्हें अति उत्कृष्ट सेवा मेडल के लिए चुना गया है. इसके लिए उन्हें खुशी है. उन्होंने युवाओं को भी नशे से दूर रह कर अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत करने का संदेश दिया.
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