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डॉक्टरों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, वेतन कटौती पर पेन डाउन स्ट्राइक की दी चेतावनी

वेतन कटौती को लेकर हिमाचल में डॉक्टरों ने तय कर लिया है कि सोमवार से पूरे प्रदेश में डॉक्टर काले बिल्ले लगाकार काम करेंगे. डॉक्टरों ने सरकार को यह चेतावनी दी है कि 9 अगस्त तक यदि डॉक्टरों की वेतन कटौती के फैसले को वापस नहीं लिया गया तो उसके बाद पेन डाउन स्ट्राइक की जाएगी.

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Published : Aug 2, 2020, 5:38 PM IST

शिमला: कोरोना महामारी के बीच सेवाएं दे रहे डॉक्टरों ने अब वेतन कटौती को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. डॉक्टरों ने यह तय कर लिया है कि सोमवार से पूरे हिमाचल में डॉक्टर काले बिल्ले लगाकार काम करेंगे. डॉक्टरों ने सरकार को यह चेतावनी दी है कि 9 अगस्त तक यदि डॉक्टरों की वेतन कटौती की मांग को वापस नहीं लिया तो उसके बाद पेन डाउन स्ट्राइक होगी.

ऐसे में सुबह दो घंटे अस्पतालों में मरीजों को दिक्कत आ सकती है. मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन इस मामले को स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष भी रखेगी. संघ के मुताबिक बैंक अवकाश होने की वजह से अनुबंधित चिकित्सा अधिकारीयों का वेतन एक और दो तारीख को अभी तक नहीं आया है. फिलहाल डॉक्टरों ने तीन से नौ अगस्त तक काले बिल्ले लगाए जाएंगे.

इस दौरान यदि किसी भी अनुबंधित चिकित्सा अधिकारी की ग्रेड पे में कटौती गई तो, ये निर्देश पहले जैसे ही रहेंगे. डॉक्टरों के वेतन में कितनी कटौती होगी, इसका असली पता तो डॉक्टरों को वेतन मिलने पर ही होगा. प्रदेश भर में अनुबंध पर सेवाएं दे रहे चिकित्सकों की ग्रेड-पे में बढ़ोतरी वापस लेने का फरमान जारी करते हुए सरकार ने डॉक्टरों के हक व सम्मान को चोट पहुंचाई है.

बताया जा रहा है कि सरकार के इस तुगलकी फरमान से अब अनुबंध पर लगे हुए डॉक्टरों को 8 से 10 हजार रुपए प्रति महीना कम पगार मिलेगी. इतना ही नहीं जिन डॉक्टरों की नौकरी जनवरी 2020 में कॉन्ट्रेक्ट पर लगी है, उनसे रिकवरी करने के फरमान भी जारी किए गए हैं. कॉन्ट्रेक्ट पर लगे डॉक्टरों को 26,250-15,600 रुपए बेसिक व 5400 ग्रेड पे व एनपीए मिलाकर कुल 34,000 रुपए मिलता है, जबकि स्पेशलाइजेशन किए हुए डॉक्टरों को 40 हजार रुपए तक की सैलरी मिलती है.

वेतन कटौती की सूचना मिलते ही डॉक्टरों ने यह मन बना लिया है कि अगर वेतन में कटौती हुई तो यह आंदोलन काफी तेज होगा. जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी. हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिस एसोसिएशन ने सरकार से मांग कि है कि इस मामले को लेकर सही निर्णय लिया जाए. कोरोना महामारी के दौरान डॉक्टर अपनी सेवाएं दिल जान से दे रहे हैं, ऐसे में उनके बेसिक व ग्रेड पे में बिल्कुल भी कटौती नहीं होनी चाहिए.

पुष्पेंद्र वर्मा महासचिव एचएमओए ने कहा कि हमने यह तय कर लिया है कि सोमवार से डॉक्टर काले बिल्ले लगाकर काम करेंगे. जल्द मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन इस मुद्दे को लेकर प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री से भी मिलेंगी. वेतन कटौती का हम विरोध करते है और अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो 9 अगस्त के बाद पेन डाउन स्ट्राइक होगी. अनुबंध पर लगे डॉक्टरों की बेसिक व ग्रेड-पे में बिल्कुल भी कटौती नहीं होनी चाहिए.

पढ़ें: शादी की तैयारियों में जुटी थी दादी, गांव में बांट रही थी मिष्ठान, पोता तिरंगे में लिपटकर पहुंचा घर

पढ़ें: कोरोना संकट में फीका पड़ा राखी का त्योहार, संकट की घड़ी में डाक कर्मचारी निभा रहे बड़ी जिम्मेदारी

शिमला: कोरोना महामारी के बीच सेवाएं दे रहे डॉक्टरों ने अब वेतन कटौती को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. डॉक्टरों ने यह तय कर लिया है कि सोमवार से पूरे हिमाचल में डॉक्टर काले बिल्ले लगाकार काम करेंगे. डॉक्टरों ने सरकार को यह चेतावनी दी है कि 9 अगस्त तक यदि डॉक्टरों की वेतन कटौती की मांग को वापस नहीं लिया तो उसके बाद पेन डाउन स्ट्राइक होगी.

ऐसे में सुबह दो घंटे अस्पतालों में मरीजों को दिक्कत आ सकती है. मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन इस मामले को स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष भी रखेगी. संघ के मुताबिक बैंक अवकाश होने की वजह से अनुबंधित चिकित्सा अधिकारीयों का वेतन एक और दो तारीख को अभी तक नहीं आया है. फिलहाल डॉक्टरों ने तीन से नौ अगस्त तक काले बिल्ले लगाए जाएंगे.

इस दौरान यदि किसी भी अनुबंधित चिकित्सा अधिकारी की ग्रेड पे में कटौती गई तो, ये निर्देश पहले जैसे ही रहेंगे. डॉक्टरों के वेतन में कितनी कटौती होगी, इसका असली पता तो डॉक्टरों को वेतन मिलने पर ही होगा. प्रदेश भर में अनुबंध पर सेवाएं दे रहे चिकित्सकों की ग्रेड-पे में बढ़ोतरी वापस लेने का फरमान जारी करते हुए सरकार ने डॉक्टरों के हक व सम्मान को चोट पहुंचाई है.

बताया जा रहा है कि सरकार के इस तुगलकी फरमान से अब अनुबंध पर लगे हुए डॉक्टरों को 8 से 10 हजार रुपए प्रति महीना कम पगार मिलेगी. इतना ही नहीं जिन डॉक्टरों की नौकरी जनवरी 2020 में कॉन्ट्रेक्ट पर लगी है, उनसे रिकवरी करने के फरमान भी जारी किए गए हैं. कॉन्ट्रेक्ट पर लगे डॉक्टरों को 26,250-15,600 रुपए बेसिक व 5400 ग्रेड पे व एनपीए मिलाकर कुल 34,000 रुपए मिलता है, जबकि स्पेशलाइजेशन किए हुए डॉक्टरों को 40 हजार रुपए तक की सैलरी मिलती है.

वेतन कटौती की सूचना मिलते ही डॉक्टरों ने यह मन बना लिया है कि अगर वेतन में कटौती हुई तो यह आंदोलन काफी तेज होगा. जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी. हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिस एसोसिएशन ने सरकार से मांग कि है कि इस मामले को लेकर सही निर्णय लिया जाए. कोरोना महामारी के दौरान डॉक्टर अपनी सेवाएं दिल जान से दे रहे हैं, ऐसे में उनके बेसिक व ग्रेड पे में बिल्कुल भी कटौती नहीं होनी चाहिए.

पुष्पेंद्र वर्मा महासचिव एचएमओए ने कहा कि हमने यह तय कर लिया है कि सोमवार से डॉक्टर काले बिल्ले लगाकर काम करेंगे. जल्द मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन इस मुद्दे को लेकर प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री से भी मिलेंगी. वेतन कटौती का हम विरोध करते है और अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो 9 अगस्त के बाद पेन डाउन स्ट्राइक होगी. अनुबंध पर लगे डॉक्टरों की बेसिक व ग्रेड-पे में बिल्कुल भी कटौती नहीं होनी चाहिए.

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