शिमला: हिमाचल प्रदेश में विशेष जज वन अमन सूद ने चरस के आरोप में महेंद्र सिंह और विनोद को दोषी पाया. जिसके उपरांत एनडीपीएस एक्ट के तहत दोनों दोषियों को 12 साल का कठोर कारावास और 1 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है. वहीं, अगर दोषी जुर्माने की राशि को समय पर जमा नहीं करवाते हैं तो उन्हें 2 साल का और कठोर कारावास होगा.
2019 मामले में फैसला: पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मामले में शिमला पुलिस ने 2019 में मतियाना में पेट्रोलिंग के दौरान दोपहर के समय एक ऑल्टो कार को चेकिंग के लिए रोका. ऑल्टो कार रामपुर की तरफ से आ रही थी. पुलिस ने जब कार ड्राइवर से नाके पर रुकने के लिए कहा तो ऑल्टो के ड्राइवर ने वहां से कार को भगाने का प्रयास किया, लेकिन शिमला पुलिस के सड़क पर खड़े वाहन ने उसे आगे जाने से रोक दिया. उस समय दोनों आरोपी वहां से भागने में असफल रहे थे.
4 किलो चरस के साथ किए थे गिरफ्तार: जानकारी के मुताबिक कार में उस समय महेंद्र सिंह और विनोद, दो लोग मौजूद थे. पुलिस ने जब ऑल्टो कार की चेकिंग की तो उसमें से 4 किलो से ज्यादा की चरस बरामद की. उस दौरान पुलिस ने तुरंत प्रभाव से दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया था. जिसके बाद दोनों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया. राज्य सरकार की ओर से इस केस की पैरवी कपिल मोहन ने की थी.
नशा कारोबारियों पर हिमाचल पुलिस का एक्शन: गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में नशा कारोबार पर रोक लगाने और नशा कारोबारियों के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए प्रदेश पुलिस विभिन्न प्रकार के अभियान चला रही है. वहीं इन अभियानों के अंतर्गत पुलिस कई जगहों पर नाके लगा कर नशा तस्करों को शिकंजे में ले रही है. जिससे नशा कारोबारियों के गिरोह का खात्मा किया जा सके. प्रदेश में नशे के बढ़ते प्रचलन के चलते हिमाचल पुलिस ने नशा कारोबारियों के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार किया है.