रामपुर: हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री रामपुर में लवी मेले के समापन समारोह में बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए. इस दौरान मुकेश अग्निहोत्री ने कहा अंतरराष्ट्रीय लवी मेला का अपना एक विशेष महत्व है. यह मेला व्यापार के लिए प्रसिद्ध और साथ ही यह रामपुर के लोगों के प्यार के लिए जाना जाता है, तभी इतने वर्षों से यह मेला इसी स्वरूप में मनाया जा रहा है. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि रामपुर की भूमि पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह की कर्मभूमि है, जिसे उन्होंने बड़े प्यार से संजोया और संवारा है और अब यह दायित्व विधायक नंद लाल निभा रहे हैं.
सभी वादों को पूरा करेगी प्रदेश सरकार: उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने सभी वादों को पूरा करेगी. इसी दिशा में सरकार ने सबसे पहले सरकारी कर्मचारियों के लिए ओपीएस को लागू किया है. आने वाले समय में बाकी वादों को भी पूरा किया जायेगा. प्रदेश में आई आपदा से कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं रहा. ऐसे में केंद्र सरकार से विशेष आर्थिक पैकेज भी नहीं मिला, फिर भी प्रदेश सरकार ने 4500 करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज प्रदेश के प्रभावित परिवारों के लिए जारी किया. जिसके तहत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त माकन के लिए 7 लाख रुपये, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकान के लिए 1 लाख रुपये और पशु की मृत्यु होने पर 55 हजार रुपये प्रदान किये जा रहे हैं.
केंद्र जल्द जारी करे 5000 करोड़ का क्लेम: उपमुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वे हिमाचल को विशेष आर्थिक पैकेज चाहे न दें, लेकिन जो प्रदेश का 5000 करोड़ रुपये का क्लेम है, उसे जरूर जल्द से जल्द जारी करें. ताकि प्रदेश में प्रभावित विकास कार्यों को गति मिल सके. वहीं, खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मेला समिति को मेला के बेहतर आयोजन के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा मेला समिति ने मेला के नाम और स्तर को बनाए रखा है. रामपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 10 सड़कों की स्वीकृति केंद्र सरकार से प्राप्त हुई है.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा सड़कों के सुदृढ़ीकरण के लिए 2800 करोड़ रुपये मिले हैं. जिसमें रामपुर क्षेत्र की 10 सड़कें हैं, जिनका कार्य एक माह के भीतर आरंभ हो जायेगा. वहीं, सांसद लोकसभा प्रतिभा सिंह ने कहा यह मेला ऐतिहासिक है. इसे अभी भी इसी स्वरूप में मनाया जा रहा है. हमें अपनी परंपराओं और खान-पान पर गर्व होना चाहिए. यही बात हमें अपनी युवा पीढ़ी को भी सिखाने की आवश्यकता है. क्योंकि आज की युवा पीढ़ी अपनी परंपराओं से दूर होती जा रही है.
वहीं, अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में जाइका वानिकी परियोजना के तहत निर्मित लिबास पर स्थानीय जनता और सैलानी खूब फिदा दिखें. मेले में जाइका के स्टॉल में किन्नौरी और पारंपरिक लिबास की जमकर बिक्री हुई. प्रदेश के विभिन्न जिलों से यहां पहुंचे लोगों ने किन्नौरी पट्टी से निर्मित कोट, चोली, बास्केट समेत जैकेट की खूब खरीददारी की. जानकारी के मुताबिक यहां किन्नौरी टोपी 400 रुपये प्रति, लेडीज बास्केट 1600, जेंट्स बास्केट 1800, किन्नौरी चोली 2500 और किन्नौरी पट्टी वाला कोट मात्र 4500 रुपये में उपलब्ध हैं. बता दें कि अंतरराष्ट्रीय लवी मेला रामपुर में इस बार चिलगोजे के मांग सबसे अधिक रही. यहां जाइका की ओर से लगे स्टॉल में हर तरह के ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की मांग अधिक रही.