शिमला: हिमाचल प्रदेश में डिप्टी सीएम और सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती देने से जुड़े मामले में अदालती नोटिस की तामील नहीं हो पा रही है. हाईकोर्ट ने इस मामले में 4 सीपीएस को नए सिरे से नोटिस जारी कर उनकी तामील के आदेश जारी किए हैं. नए सिरे से नोटिस जारी करने के आदेश देने के बाद हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने अब 19 जून को सुनवाई तय की है.
तीन अलग-अलग याचिकाओं के माध्यम से चुनौती: उल्लेखनीय है कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने 6 सीपीएस की नियुक्ति की थी. सरकार में डिप्टी सीएम भी नियुक्त किए गए हैं. इन नियुक्तियों को कुल 3 अलग-अलग याचिकाओं के माध्यम से चुनौती दी गई है. मंडी की रहने वाली महिला कल्पना देवी ने सीपीएस की नियुक्तियों के खिलाफ याचिका दाखिल की है. इसके अलावा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और ऊना से वर्तमान में विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने भी इन नियुक्तियों को चुनौती दी है. हाईकोर्ट ने इन सभी याचिकाओं को एक साथ सुनने का फैसला लिया था.
अदालती नोटिस की तामील नहीं: याचिका की सुनवाई के बाद सीपीएस को नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन जारी किए गए अदालती नोटिस की तामील नहीं हो रही है. मामले में हाईकोर्ट के नोटिसों को लेकर अभी तक राज्य सरकार के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री सहित केवल 2 ही सीपीएस ने नोटिस स्वीकार किए हैं. अदालत में चल रहे मामले के अनुसार याचिकाओं में अर्की विधानसभा क्षेत्र से सीपीएस संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, दून से चौधरी राम कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल की सीपीएस के तौर पर नियुक्ति को चुनौती दी गई है.
हिमाचल हाईकोर्ट पर सबकी नजर: सभी याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि पंजाब में भी ऐसी नियुक्तियां की गई थीं, जिन्हें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने इन नियुक्तियों को असंवैधानिक ठहराया था. अब सभी की निगाहें हिमाचल हाईकोर्ट के रुख पर टिकी हुई हैं.
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