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भाजपा बोली, आपदा में केंद्र ने दिल खोलकर की मदद, सीएम सुखविंदर बोले- कहां हैं 800 करोड़ रुपये

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र का आज पहला दिन था. सदन की कार्यवाही के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहस बाजी हुई. यही नहीं विपक्ष के सदस्य नियम-67 के तहत ही चर्चा करवाने की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे. वहीं, कुछ देर बाद विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया. पढ़ें क्या कुछ हुआ.. (Himachal Monsoon Session 2023)

Himachal Monsoon Session 2023
हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन हंगामा
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 18, 2023, 10:52 PM IST

शिमला: हिमाचल विधानसभा के मानसून सेशन के पहले दिन सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहसबाजी हुई. विपक्ष इस बात पर अड़ा था कि मानसून के कारण हुई तबाही पर सदन नियम-67 के तहत चर्चा करे. वहीं, सत्ता पक्ष की तरफ से पहले ही नियम-102 के तहत संकल्प प्रस्ताव लाया जा चुका था. विपक्ष के सदस्य अड़े हुए थे कि सारे कामकाज छोड़कर स्थगन प्रस्ताव के तहत आपदा पर चर्चा की जाए, लेकिन स्पीकर कुलदीप पठानिया ने व्यवस्था देते हुए कहा कि इस बारे में पहले ही सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू नियम-102 के तहत संकल्प प्रस्ताव लाए हैं. स्पीकर ने हालांकि पहले दिन का सारा बिजनेस सस्पेंड कर नियम-102 के तहत चर्चा की अनुमति दी.

सीएम सुखविंदर सिंह ने चर्चा शुरू की, लेकिन विपक्ष के सदस्य नियम-67 के तहत ही चर्चा करवाने की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे. कुछ देर बाद विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया, लेकिन बाद में भाजपा सदस्य सदन में वापिस आए. वहीं, चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने आपदा के समय हिमाचल की काफी मदद की है. उन्होंने गिनाया कि केंद्र से कैसे किश्तों में आठ सौ करोड़ रुपये की मदद आई है. इस पर सत्ता पक्ष ने कहा कि ये तो डिजास्टर रिलीफ के तहत राज्य का हक है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने तो यहां तक कह दिया कि कहां हैं आठ सौ करोड़ रुपये. सीएम ने कहा कि वैसे तो वे ठग शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहते, लेकिन ये ठगी है. सीएम ने कहा कि जब आप हमको यानी सत्ता पक्ष को ठग रहे हैं तो जनता को कैसे ठगते होंगे.

एक-दूजे पर खूब कसे तंज: सीएम सुखविंदर सिंह ने चर्चा की शुरुआत में विपक्ष को जमकर आड़े हाथों लिया. सीएम ने कहा कि विपक्ष का वॉकआउट राजनीति से प्रेरित है. ये मीडिया की सुर्खियों में बने रहने की कोशिश है. सीएम ने यहां तक कहा कि विपक्ष के लोग नौटंकी कर रहे हैं. वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार दावे तो ये कर रही है कि 24 घंटे में रोड बहाल किए, पानी सप्लाई शुरू की, लेकिन ग्राउंड पर हकीकत कुछ और है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार में एक मंत्री दूसरे की नहीं सुनता, दूसरा तीसरे की नहीं सुनता और एक मंत्री तो ऐसे हैं, जो किसी की नहीं सुनते.

'आपदा में अवसर तलाश रहे कुछ लोग, ये पाप है': नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में आरोप लगाया कि कुछ लोग आपदा में अवसर तलाश रहे हैं. ये पाप है, अपराध है. कहा जा रहा है कि जेसीबी किसकी लगेगी, एक ही पार्टी के लोग उपकृत हो रहे हैं. इस पर सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा कि यदि ऐसा पाया गया तो तुरंत सख्त एक्शन होगा. यदि एक भी नाम ऐसा आया कि अपात्र को राहत दे दी गई तो अफसरों सहित अन्य दोषियों पर एक्शन होगा.

बच्चे पैसे दे रहे थे मैंने भी अंशदान किया, ये बड़ी बात नहीं: सदन में चर्चा के दौरान सीएम ने कहा कि आपदा के समय में बच्चों ने अपनी गुल्लक तोडक़र पैसे राहत कोष में दिए हैं. उन्होंने भी अपनी पूंजी में से 51 लाख रुपये दिए. सीएम ने कहा कि वे इस बात का जिक्र नहीं करना चाहते थे. कोरोना के समय भी उन्होंने तत्कालीन सीएम जयराम ठाकुर को एफडी तोडक़र 11 लाख रुपये व एक साल का वेतन दिया था. उनमें ये जज्बा स्कूल कॉलेज के समय से ही है, लेकिन इसकी चर्चा जरूरी नहीं है.

सीएम ने कहा कि जरूरत पडऩे पर राज्य सरकार खुद अपने स्तर पर आपदा प्रभावितों के लिए रिलीफ पैकेज लाएगी. उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि वो केंद्र के बड़े नेताओं से राष्ट्रीय आपदा घोषित करने को लेकर बात करने से डरते हैं. यदि ऐसा है तो हमसे हौसला लें और चले जाना केंद्र के पास. वहीं, विपक्ष का आरोप था कि नियम-102 के तहत संकल्प प्रस्ताव लाकर राज्य सरकार सारा ठीकरा केंद्र पर फोडऩा चाहती है कि हिमाचल में इस नुकसान को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया गया. राज्य सरकार अपनी नाकामी छिपाना चाहती है.

ये भी पढ़ें: Himachal Monsoon Session LIVE: हिमाचल विधानसभा का कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित

शिमला: हिमाचल विधानसभा के मानसून सेशन के पहले दिन सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहसबाजी हुई. विपक्ष इस बात पर अड़ा था कि मानसून के कारण हुई तबाही पर सदन नियम-67 के तहत चर्चा करे. वहीं, सत्ता पक्ष की तरफ से पहले ही नियम-102 के तहत संकल्प प्रस्ताव लाया जा चुका था. विपक्ष के सदस्य अड़े हुए थे कि सारे कामकाज छोड़कर स्थगन प्रस्ताव के तहत आपदा पर चर्चा की जाए, लेकिन स्पीकर कुलदीप पठानिया ने व्यवस्था देते हुए कहा कि इस बारे में पहले ही सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू नियम-102 के तहत संकल्प प्रस्ताव लाए हैं. स्पीकर ने हालांकि पहले दिन का सारा बिजनेस सस्पेंड कर नियम-102 के तहत चर्चा की अनुमति दी.

सीएम सुखविंदर सिंह ने चर्चा शुरू की, लेकिन विपक्ष के सदस्य नियम-67 के तहत ही चर्चा करवाने की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे. कुछ देर बाद विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया, लेकिन बाद में भाजपा सदस्य सदन में वापिस आए. वहीं, चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने आपदा के समय हिमाचल की काफी मदद की है. उन्होंने गिनाया कि केंद्र से कैसे किश्तों में आठ सौ करोड़ रुपये की मदद आई है. इस पर सत्ता पक्ष ने कहा कि ये तो डिजास्टर रिलीफ के तहत राज्य का हक है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने तो यहां तक कह दिया कि कहां हैं आठ सौ करोड़ रुपये. सीएम ने कहा कि वैसे तो वे ठग शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहते, लेकिन ये ठगी है. सीएम ने कहा कि जब आप हमको यानी सत्ता पक्ष को ठग रहे हैं तो जनता को कैसे ठगते होंगे.

एक-दूजे पर खूब कसे तंज: सीएम सुखविंदर सिंह ने चर्चा की शुरुआत में विपक्ष को जमकर आड़े हाथों लिया. सीएम ने कहा कि विपक्ष का वॉकआउट राजनीति से प्रेरित है. ये मीडिया की सुर्खियों में बने रहने की कोशिश है. सीएम ने यहां तक कहा कि विपक्ष के लोग नौटंकी कर रहे हैं. वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार दावे तो ये कर रही है कि 24 घंटे में रोड बहाल किए, पानी सप्लाई शुरू की, लेकिन ग्राउंड पर हकीकत कुछ और है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार में एक मंत्री दूसरे की नहीं सुनता, दूसरा तीसरे की नहीं सुनता और एक मंत्री तो ऐसे हैं, जो किसी की नहीं सुनते.

'आपदा में अवसर तलाश रहे कुछ लोग, ये पाप है': नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में आरोप लगाया कि कुछ लोग आपदा में अवसर तलाश रहे हैं. ये पाप है, अपराध है. कहा जा रहा है कि जेसीबी किसकी लगेगी, एक ही पार्टी के लोग उपकृत हो रहे हैं. इस पर सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा कि यदि ऐसा पाया गया तो तुरंत सख्त एक्शन होगा. यदि एक भी नाम ऐसा आया कि अपात्र को राहत दे दी गई तो अफसरों सहित अन्य दोषियों पर एक्शन होगा.

बच्चे पैसे दे रहे थे मैंने भी अंशदान किया, ये बड़ी बात नहीं: सदन में चर्चा के दौरान सीएम ने कहा कि आपदा के समय में बच्चों ने अपनी गुल्लक तोडक़र पैसे राहत कोष में दिए हैं. उन्होंने भी अपनी पूंजी में से 51 लाख रुपये दिए. सीएम ने कहा कि वे इस बात का जिक्र नहीं करना चाहते थे. कोरोना के समय भी उन्होंने तत्कालीन सीएम जयराम ठाकुर को एफडी तोडक़र 11 लाख रुपये व एक साल का वेतन दिया था. उनमें ये जज्बा स्कूल कॉलेज के समय से ही है, लेकिन इसकी चर्चा जरूरी नहीं है.

सीएम ने कहा कि जरूरत पडऩे पर राज्य सरकार खुद अपने स्तर पर आपदा प्रभावितों के लिए रिलीफ पैकेज लाएगी. उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि वो केंद्र के बड़े नेताओं से राष्ट्रीय आपदा घोषित करने को लेकर बात करने से डरते हैं. यदि ऐसा है तो हमसे हौसला लें और चले जाना केंद्र के पास. वहीं, विपक्ष का आरोप था कि नियम-102 के तहत संकल्प प्रस्ताव लाकर राज्य सरकार सारा ठीकरा केंद्र पर फोडऩा चाहती है कि हिमाचल में इस नुकसान को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया गया. राज्य सरकार अपनी नाकामी छिपाना चाहती है.

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