शिमलाः आधुनिकता के इस दौर में जब सबकुछ ऑनलाइन हो रहा है, ऐसे में साइबर ठगी के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं. डिजिटल होते दौर में साइबर ठगी के जरिए रोजाना सैकड़ों लोगों को आए दिन लाखों रुपये का चूना लगाया जाता है. हिमाचल में भी साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. साइबर सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं. कैशलेस अर्थव्यवस्था को अपनाने की दिशा में बढ़ने की वजह से भारत में साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है. डिजिटल भारत कार्यक्रम की सफलता काफी हद तक साइबर सुरक्षा पर ही निर्भर करती है.
सावधानी में ही बचाव
सोशल मीडिया ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को नया आयाम दे दिया है. आज प्रत्येक व्यक्ति बिना किसी डर के सोशल मीडिया के माध्यम से अपने विचार रखकर हजारों लोगों तक पहुंच सकता है, लेकिन सोशल मीडिया का सावधानीपूर्वक उपयोग करके ऑनलाइन ठगी और साइबर अपराध के गंभीर खतरों से बचा सकता है.
कोरोना काल में बढ़े ठगी के मामले
साल 2021 में कोरोना के दौरान लोग अधिकतर कार्य इंटरनेट के माध्यम से कर रहे हैं. ऐसी परिस्थिति का फायदा उठाकर साइबर अपराधी लोगों को आए दिन ठग रहे हैं. राज्य साइबर थाना शिमला ने इस साल 2021 में अब तक आई शिकायतों का विश्लेषण किया, तो पाया कि 5 महीने में अब तक कुल 1 हजार 750 शिकायतें आई हैं. इनमें से 750 शिकायतें वित्तीय संबंधी धोखाधड़ी के संबंध में प्राप्त हुई हैं. विश्लेषण से यह बात सामने आई है कि मुख्य रूप से मोबाइल सिम कार्ड, ई-केवाईसी, वैलिडेशन, नौकरी के लिए झांसा, लोन देने के नाम पर झांसा, डेबिट/क्रेडिट कार्ड फ्रॉड, ऑनलाइन शॉपिंग, होम डिलीवरी फ्रॉड, पावर बैंक ऐप फ्रॉड, ई-केवाईसी अपडेट फ्रॉड, फेसबुक फ्रॉड और वीडियो कॉल के माध्यम से ब्लैक मेलिंग के जरिए ठगा जा रहा है.
साइबर सेल टीम मुस्तैदी से कर रही काम
हिमाचल साइबर थाना की ओर से कार्रवाई करते हुए करीब 15 लाख रुपए पीड़ित व्यक्तियों को बिना पेमेंट गेटवे रिफंड करवाया गया. इसके अलावा करीब 14 लाख रुपये अभी भी पेमेंट गेटवे में होल्ड करवाए गए हैं. इसे रिफंड करवाने की प्रक्रिया चल रही है.
साइबर क्राइम थाना शिमला के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरवीर सिंह राठौर ने जानकारी देते हुए बताया कि उपरोक्त शिकायतों में से सोशल मीडिया से संबंधित कुल 815 शिकायतें प्राप्त हुईं हैं, जो एक सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाने और सोशल मीडिया को साइबर ठगी करने एवं वीडियो कॉल के माध्यम से ब्लैकमेल करने से संबंधित हैं. इसके अलावा 150 शिकायतें विभिन्न मामले जैसे मोबाइल गुम होने और इंटरनेट में गलत इस्तेमाल के संबंध से प्राप्त हुई हैं.
ये भी पढ़ें: अंबानी-जिंदल के साथ हिमाचल के ये 'दानवीर' संभालेंगे बड़ी जिम्मेदारी, गरीबों के लिए करते हैं करोड़ों खर्च
समझदारी के साथ किया जा सकता है बचाव
साइबर सेल के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरवीर राठौर ने बताया कि लोगों को सतर्कता के साथ ऑनलाइन माध्यम का इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि लोग इस समझदारी के और सतर्कता के साथ ऑनलाइन ऐप या अन्य ऑनलाइन चीजों इस्तेमाल करेंगे, तो धोखाधड़ी की आशंका कम हो जाती है.
ये भी पढ़ें: मां 'ज्वालाजी' की दिव्य ज्योति, जिसके रहस्य ने कर दिया अकबर से लेकर अंग्रेजों तक को हैरान