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प्रदेश में किसान-बागवानों के मुरझाए चेहरे, ओलावृष्टि से सेब और मटर की फसल तबाह

प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों में हुई ओलावृष्टि. ओलावृष्टि से सेब और मटर की फसल को काफी नुकसान हुआ है.

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Published : Apr 23, 2019, 9:33 PM IST

Updated : Apr 23, 2019, 9:41 PM IST

ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसल

शिमला/रामपुर: हिमाचल प्रदेश के सेब बाहुल्य क्षेत्रों में बागवानों की उम्मीदों पर लगातार मौसम की मार पड़ती जा रही है. प्रदेश में हुई ओलावृष्टि से सेब और मटर की फसल को काफी नुकसान हुआ है. बागवानों ने सरकार से नुकसान का आकलन कर राहत प्रदान करने की गुहार लगाई है.

बता दें कि जिला शिमला, मंडी और कुल्लू कई क्षेत्रों में रविवार को हुई भयंकर ओलावृष्टि से सेब की बंपर फसल होने की उम्मीद औंधे मुंह गिर रही है. शिमला जिले के कोटखाई, रोहड़ू, रामपुर और नारकंडा, मंडी के करसोग, कुल्लू के आनी और निरमंड में भारी ओलावृष्टि हुई है.

crops destroyed due to snowfall in himachal
ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसल

कुहल पंचायत के बागवानों का कहना है कि क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि हुई है, जिससे सेब की फसल की परागण लगभग 50 फीसदी नष्ट हुई है. उन्होंने बताया कि ओलावृष्टि से सेब के पेड़ों से पत्ते तक उड़ गए हैं. इसके साथ-साथ मटर की फसल को भी नुकसान हुआ है. बागवानों ने सरकार से गुहार लगाई है कि ओलावृष्टि से जो फसल को नुकसान हुआ है उसका आकलन किया जाए ताकि बागवानों व किसानों को राहत मिल सके.

crops destroyed due to snowfall in himachal
ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसल

गौरतलब है कि सेब की फसल को हिमाचल के ऊपरी क्षेत्र के लोगों की आर्थिकी का मुख्य केंद्र माना जाता है. यहां के ज्यादातर लोग अपने घर का सारा खर्च सेब की आर्थिकी से ही चलाते हैं, लेकिन इस साल परागण से ही लेकर सेब को अचानक प्राकृति की मार पड़ना शुरू हो गया है.

हिमाचल में ओलवृष्टि

वहीं, 24 अप्रैल को मौसम विभाग ने फिर से क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि की चेतावनी दी है.

शिमला/रामपुर: हिमाचल प्रदेश के सेब बाहुल्य क्षेत्रों में बागवानों की उम्मीदों पर लगातार मौसम की मार पड़ती जा रही है. प्रदेश में हुई ओलावृष्टि से सेब और मटर की फसल को काफी नुकसान हुआ है. बागवानों ने सरकार से नुकसान का आकलन कर राहत प्रदान करने की गुहार लगाई है.

बता दें कि जिला शिमला, मंडी और कुल्लू कई क्षेत्रों में रविवार को हुई भयंकर ओलावृष्टि से सेब की बंपर फसल होने की उम्मीद औंधे मुंह गिर रही है. शिमला जिले के कोटखाई, रोहड़ू, रामपुर और नारकंडा, मंडी के करसोग, कुल्लू के आनी और निरमंड में भारी ओलावृष्टि हुई है.

crops destroyed due to snowfall in himachal
ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसल

कुहल पंचायत के बागवानों का कहना है कि क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि हुई है, जिससे सेब की फसल की परागण लगभग 50 फीसदी नष्ट हुई है. उन्होंने बताया कि ओलावृष्टि से सेब के पेड़ों से पत्ते तक उड़ गए हैं. इसके साथ-साथ मटर की फसल को भी नुकसान हुआ है. बागवानों ने सरकार से गुहार लगाई है कि ओलावृष्टि से जो फसल को नुकसान हुआ है उसका आकलन किया जाए ताकि बागवानों व किसानों को राहत मिल सके.

crops destroyed due to snowfall in himachal
ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसल

गौरतलब है कि सेब की फसल को हिमाचल के ऊपरी क्षेत्र के लोगों की आर्थिकी का मुख्य केंद्र माना जाता है. यहां के ज्यादातर लोग अपने घर का सारा खर्च सेब की आर्थिकी से ही चलाते हैं, लेकिन इस साल परागण से ही लेकर सेब को अचानक प्राकृति की मार पड़ना शुरू हो गया है.

हिमाचल में ओलवृष्टि

वहीं, 24 अप्रैल को मौसम विभाग ने फिर से क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि की चेतावनी दी है.


प्राकृति के कहर ने बढ़ाई बागवानों की चिंता
ओलावृष्टि से हुए नुकसान का बागवानों व किसानों ने की रातह की मांग
ऊपरी क्षेत्र में लगभग 50 प्रतिशत परागण हुई नष्ट

रामपुर बुशहर,20 जनवरी मीनाक्षी
हिमाचल प्रदेश के  सेब बाहुल्य क्षेत्रों में मौसम की मार लगातार बागवानों की उम्मीदों पर पड़ती जा रही है। शिमला, मंडी, कुल्लू जिला के कई क्षेत्रों में गत रविवार को हुई भयंकर ओलावृष्टि े सेब की बंपर फसल होने की उम्मीद औंधे मुंह गीर रही है। जिससे ऊंचाई बाले क्षेत्रों में कई बागवान मयुस हो चुके है। शिमला जिला की तहसील कोटखाई, रोहडु, रामपुर, नारकंडा, मंडी की करसोगो तहसील , कुल्लू की आनी, निरमंड तहसील में भारी ओलावृष्टि हुई है। कुहल पंचायत  बागवान चांद, संजिव शर्मा, गोपाल, अमरदत्त, वीनोद का कहना है की क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि हुई है। जिससे सेब की फसल की प्ररागण लगभग 50 फीसदी नष्ट हुई है। उन्होंने बताया कि ओलावृष्टि इस कदर हुई हे कि सेब के पेड़ों से पत्ते तक उड़ गए। इससे सेब की प्रागण पर बूरा असर पर रहा है। बागवानों का कहना है कि इस ओलावृष्टि से मटर की फसल को भी नुकसान हुआ है। बागवानों ने सरकार से गुहार लगाई है कि ओलावृष्टि से जो फसल को नुकसान हुआ है उसका आकलन किया जाए और बागवानों व किसानों को राहत मिल सके। 
हिमाचल के ऊपरी क्षेत्र को लोगों की आर्थीकि का मुख्य केन्द्र माना जाता है। यहां के अधिकतर लोग अपने घर का सारा खर्च सेब की आर्थिकि से ही चलाते है। लेकिन इस साल प्रागण से ही लेकर सेब को अचानक प्राकृति की मार पड़ना शुरू हो गया है। 
वहीं 24 अप्रैल को मौसम विभाग द्वारा फिर से क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि की चेतावनी दी है। इससे क्षेत्र के बागवान एक बार फिर से सहमे हुए है। 

Last Updated : Apr 23, 2019, 9:41 PM IST
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