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शिमला में पानी के बिलों पर घमासान, CPIM ने जल निगम कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन

शिमला में जल प्रबंधन निगम की तरफ से लोगों को दिए जा रहे पानी के भारी भरकम बिलों के खिलाफ सीपीआईएम ने जल निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. जानिए पूरी खबर.

CPIM protested  outside Jal Nigam office in shimla
CPIM ने जल निगम कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन
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Published : Jan 24, 2020, 4:50 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला में जल प्रबंधन निगम की तरफ से लोगों को दिए जा रहे पानी के भारी भरकम बिलों के खिलाफ सीपीआईएम ने मोर्चा खोल दिया है. शुक्रवार को सीपीआईएम ने जल निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया.

इस दौरान सीपीआईएम ने जल निगम और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जल निगम से पानी के वितरण का कार्य ले कर नगर निगम को सौंपने की मांग की. सीपीआईएम का आरोप है कि सरकार ने शहर में पानी का जिम्मा कंपनी को सौंप कर शहर की जनता को परेशानी में डाल दिया है.

जल निगम कंपनी लाखों के बिल लोगों को दे रही है और लोग अब जल निगम कार्यालय के चक्कर काटने के लिए मजबूर हो गए हैं. उन्होंने सरकार से पानी के वितरण का कार्य वापिस लेकर नगर निगम को सौंपने की मांग की है.

वीडियो रिपोर्ट

नगर निगम के पूर्व महापौर और सीपीआईएम नेता संजय चौहान ने कहा कि शहर में पहले नगर निगम के पास पानी के वितरण का कार्य होता है और लोगों को कम बिल दिए जाते थे, लेकिन नगर निगम ने सरकार के दवाब में आकर जल प्रबंधन निगम को पानी के वितरण का जिम्मा सौंपा है.

संजय चौहान का कहना है कि शहर में निगम लोगों को गलत बिल दे रहा है. उन्होंने कहा कि पहले नगर निगम बीस लीटर तक प्रति व्यक्ति पानी मुफ्त में देता था और उसके उसके ऊपर पानी प्रयोग करने पर भी काफी कम दरें वसूली जाती थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने आम जनता पर आर्थिक बोझ डालने के लिए पानी का जिम्मा कंपनी को दे दिया है, जोकि लोगों को लाखों में बिल दे रहा है.

पूर्व महापौर संजय चौहान ने कहा कि जल प्रबंधन निगम पानी का वितरण करने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो गई है. लोगों को आठ महीने के बिल एक साथ दिए जा रहे हैं. उन्होंने सरकार को चेतवानी देते हुए कहा कि अगर लोगों के बिलों को ठीक नहीं किया जाता है तो शहर में लोगों के बीच जा कर बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: बिना भूमि अधिग्रहण के गलत दिशा में बना दिया पुल, बीच सड़क पर आ गया मकान

शिमला: राजधानी शिमला में जल प्रबंधन निगम की तरफ से लोगों को दिए जा रहे पानी के भारी भरकम बिलों के खिलाफ सीपीआईएम ने मोर्चा खोल दिया है. शुक्रवार को सीपीआईएम ने जल निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया.

इस दौरान सीपीआईएम ने जल निगम और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जल निगम से पानी के वितरण का कार्य ले कर नगर निगम को सौंपने की मांग की. सीपीआईएम का आरोप है कि सरकार ने शहर में पानी का जिम्मा कंपनी को सौंप कर शहर की जनता को परेशानी में डाल दिया है.

जल निगम कंपनी लाखों के बिल लोगों को दे रही है और लोग अब जल निगम कार्यालय के चक्कर काटने के लिए मजबूर हो गए हैं. उन्होंने सरकार से पानी के वितरण का कार्य वापिस लेकर नगर निगम को सौंपने की मांग की है.

वीडियो रिपोर्ट

नगर निगम के पूर्व महापौर और सीपीआईएम नेता संजय चौहान ने कहा कि शहर में पहले नगर निगम के पास पानी के वितरण का कार्य होता है और लोगों को कम बिल दिए जाते थे, लेकिन नगर निगम ने सरकार के दवाब में आकर जल प्रबंधन निगम को पानी के वितरण का जिम्मा सौंपा है.

संजय चौहान का कहना है कि शहर में निगम लोगों को गलत बिल दे रहा है. उन्होंने कहा कि पहले नगर निगम बीस लीटर तक प्रति व्यक्ति पानी मुफ्त में देता था और उसके उसके ऊपर पानी प्रयोग करने पर भी काफी कम दरें वसूली जाती थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने आम जनता पर आर्थिक बोझ डालने के लिए पानी का जिम्मा कंपनी को दे दिया है, जोकि लोगों को लाखों में बिल दे रहा है.

पूर्व महापौर संजय चौहान ने कहा कि जल प्रबंधन निगम पानी का वितरण करने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो गई है. लोगों को आठ महीने के बिल एक साथ दिए जा रहे हैं. उन्होंने सरकार को चेतवानी देते हुए कहा कि अगर लोगों के बिलों को ठीक नहीं किया जाता है तो शहर में लोगों के बीच जा कर बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा.

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Intro:शिमला शहर में जल प्रबंधन निगम द्वारा लोगो को दिए जा रहे पानी के भारी भरकम बिलो के खिलाफ सीपीआईएम ने मोर्चा खोल दिया है। सीपीआईएम ने जल निगम कार्यालय के बाहर शुक्रवार को प्रदर्शन किया । सीपीआईएम ने जल निगम और प्रदेश सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की ओर जल निगम से पानी के वितरण का कार्य ले कर नगर निगम को सौंपने की मांग की। सीपीआईएम का आरोप है कि सरकार ने शहर में पानी का जिम्मा कंपनी को सौंप कर शहर की जनता को परेशानी में डाल दिया है। जल निगम कंपनी लाखो के बिल लोगो को दे रही है ओर लोग अब जल निगम कार्यालय के चक्कर काटने के लिए मजबूर हो गए है। उन्होंने सरकार से पानी के वितरण का कार्य वापिस लेकर नगर निगम को सौंपने की मांग की।


Body:नगर निगम के पूर्व महापौर ओर सीपीआईएम नेता संजय चौहान ने कहा कि शहर में पहले नगर निगम के पास पानी के वितरण का कार्य होता है और लोगो को कम बिल दिए जाते थे लेकिन नगर निगम ने सरकार के दवाब में आ कर जल प्रबंधन निगम को पानी के वितरण का जिम्मा सौंपा है । ओर निगम लोगो को लाखों के बिल थमाए जा रहे है। शहर में लोगो को गलत बिल निगम दे रहा है । उन्होंने कहा कि पहले नगर निगम बीस लीटर तक प्रति व्यक्ति पानी मुफ्त में देता था और उसके उसके ऊपर पानी प्रयोग करने पर भी काफी कम दरें वसूल की जाती थी लेकिन प्रदेश सरकार ने आम जनता पर आर्थिक बोझ डालने के लिए पानी का जिला कंपनी को दे दिया जोकि लोगो को लाखों में बिल दे रहा है।


Conclusion:उन्होंने कहा कि जल प्रबंधन निगम पानी का वितरण करने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो गई है । लोगो को आठ महीने के बिल एक साथ दे रहे है और हर माह बिल देने का दावा कंपनी द्वारा किया गया था लेकिन अभी भी छे ओर आठ महीने बाद बिल दिए जा रहे है। उन्होंने सरकार से शिमला में पानी का वितरण जल प्रबधन से लेकर नगर निगम को सौंपने की मांग की ओर यदि लोगो के बिलो को ठीक नही किया जाता है तो शहर में लोगो के बीच जा कर बड़ा आंदोलन शुरू करने की चेतवानी भी दी।
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