शिमला: राजधानी के बीचों बीच स्थित रिपन अस्पताल में कोविड-19 सेंटर खोलने को लेकर माकपा ने विरोध जताया है. माकपा का कहना है कि सरकार ने ये फैसला बिना सोचे-समझे लिया है. माकपा जिला सचिव संजय चौहान ने कहा कि सरकार ये फैसला जल्दबाजी में लिया है. माकपा इस फैसले को तुरंत वापस लेने और अस्पताल में नियमित ओपीडी आरंभ कर जनता को राहत प्रदान करने की मांग करती है.
21 मार्च, 2020 को कोविड-19 के बारे में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी पार्टी ने सुझाव दिया था कि आईजीएमसी व रिपन(डीडीयू) अस्पताल में नियमित ओपीडी जारी रखी जाए व नवबहार स्थित इंडस अस्पताल को तुरंत डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल बनाया जाए, लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया.
संजय चौहान ने कहा कि पहले आईजीएमसी में एक महीने से अधिक समय तक ओपीडी बंद कर जनता को परेशानी में डाला गया और अब रिपन अस्पताल में भी कोविड- 19 सेंटर खोल दिया गया. डीडीयू में शिमला शहर व बाहर से बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं और अस्पताल को कोविड- 19 के लिए डेडिकेटेड अस्पताल बनाकर सरकार ने जनता को और अधिक परेशानी में डाल दिया है. यह निर्णय बिल्कुल भी सही नहीं है और इसे सरकार को जनहित में तुरंत बदलना चाहिए.
चौहान ने कहा कि लॉकडाउन व कर्फ्यू को लागू किए 45 दिन से अधिक समय हो गया है, लेकिन अभी भी सरकार कोविड- 19 से निपटने के लिए कोई ठोस रणनीति व कार्यनीति नहीं बना पाई है. सरकार न तो आवश्यकता अनुसार टेस्ट कर पा रही है और न ही प्रभावित मरीजों के लिए उचित व्यवस्था कर पा रही है. इनको क्वारंटाइन करने के लिए न तो ठोस योजना है न ही कार्यक्रम हैं. अधिकांश जिलों में उचित क्वारंटाइन केंद्र भी स्थापित नहीं किए गए हैं और बहुत से सेंटरों में रहने, खाने, साफ-सफाई व अन्य मूलभूत आवश्यकताएं भी उपलब्ध नहीं करवाई गई है.
माकपा ने सरकार से रिपन अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल बनाने के निर्णय को तुरन्त बदलकर इसमें ओपीडी शुरू कर जनता को इस विषम परिस्थिति में राहत प्रदान करने और इंडस अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड- 19 अस्पताल बनाने की मांग की है.
राज्य के बाहर से आ रहे सभी लोगों का टेस्ट कर उनको क्वारंटाइन करने की स्थानीय स्तर पर उचित व्यवस्था की जाए. क्वारंटाइन केंद्रों में रहने, खाने, साफ सफाई व अन्य मूलभूत आवश्यकताओं को सुचारू रूप से उपलब्ध करवाया जाए.