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माकपा ने 25 फीसदी बस किराये में बढ़ोतरी का किया विरोध, सरकार से फैसला वापिस लेने की मांग

माकपा ने सरकार के बस किराए में बढ़ोतरी के फैसले का विरोध किया है. माकपा का कहना है कि कोरोना संकट में आम लोगों के सामने रोजगार छीनने के कारण रोजी रोटी का संकट है. ऐसे में बस किराए में बढ़ोतरी नहीं की जानी चाहिए. इसलिए सरकार इस फैसले को तुरंत वापिस ले.

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Published : Jul 11, 2020, 4:14 PM IST

Sanjay Chauhan
संजय चौहान

शिमला: कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में 25 प्रतिशत बस किराए में बढ़ोतरी का विरोध किया है. साथ ही प्रदेश सरकार से मांग की है कि जनता पर आर्थिक बोझ लादने के इस फैसले को तुरंत वापिस लिया जाए. ऐसा न होने पर पार्टी इस जनविरोधी फैसले के खिलाफ पूरे प्रदेश में जन आंदोलन करेगी.

माकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य संजय चौहान ने कहा कि प्रदेश की बीजेपी सरकार के इस फैसले ने राज्य सचिव मंडल सदस्य और इनके मंत्रियों के दोहरे चरित्र को भी उजागर किया है. परिवहन मंत्री हमेशा प्रदेश में बस किराया न बढ़ाने का बयान दे रहे थे, लेकिन चंद ऑपरेटरों के दबाव में आकर बस किराए में बढ़ोतरी को अंजाम देकर प्रदेशवासियों के साथ कोरोना संकट के समय धोखा किया है.

वीडियो .

संजय चौहान ने कहा कि कोविड-19 के चलते सरकार के लगाए गए लॉकडाउन व कर्फ्यू के कारण देश व प्रदेश में करीब साढ़े तीन महीने से अधिक समय बीत गया है. इस दौरान प्रदेश में भी लाखों लोगों को रोजगार से वंचित होना पड़ा है, जिससे इनके सामने रोजी रोटी का बड़ा संकट है.

ऐसी स्थिति में जनता सरकार से राहत की दरकार कर रही है, लेकिन ऐसे फैसलों से राहत तो दूर सरकार ने इन तीन महीनों में राशन, पानी, बिजली, डीजल, पेट्रोल, प्रॉपर्टी टैक्स, मालभाड़ा, कूड़ा उठाने की फीस आदि में बढ़ोतरी कर जनता पर आर्थिक बोझ डालने का ही काम किया है.

इसलिए माकपा सरकार से मांग करती है कि बस किराए में बढ़ोतरी को तुरंत वापिस लिया जाए. साथ ही राशन व बिजली में दिए जा रहे उपदान की कटौती और पानी, प्रॉपर्टी टैक्स, कूड़े आदि की फीस में हुई बढ़ोतरी को भी वापिस लिया जाए.

ये भी पढ़ें: 25 फीसदी किराए में वृद्धि के फैसले पर भड़की कांग्रेस, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
ये भी पढ़ें: किन्नौर में रामस्वरूप शर्मा ने अधिकारियों के साथ की बैठक, कोरोना वॉरियर्स को दी बधाई

शिमला: कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में 25 प्रतिशत बस किराए में बढ़ोतरी का विरोध किया है. साथ ही प्रदेश सरकार से मांग की है कि जनता पर आर्थिक बोझ लादने के इस फैसले को तुरंत वापिस लिया जाए. ऐसा न होने पर पार्टी इस जनविरोधी फैसले के खिलाफ पूरे प्रदेश में जन आंदोलन करेगी.

माकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य संजय चौहान ने कहा कि प्रदेश की बीजेपी सरकार के इस फैसले ने राज्य सचिव मंडल सदस्य और इनके मंत्रियों के दोहरे चरित्र को भी उजागर किया है. परिवहन मंत्री हमेशा प्रदेश में बस किराया न बढ़ाने का बयान दे रहे थे, लेकिन चंद ऑपरेटरों के दबाव में आकर बस किराए में बढ़ोतरी को अंजाम देकर प्रदेशवासियों के साथ कोरोना संकट के समय धोखा किया है.

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संजय चौहान ने कहा कि कोविड-19 के चलते सरकार के लगाए गए लॉकडाउन व कर्फ्यू के कारण देश व प्रदेश में करीब साढ़े तीन महीने से अधिक समय बीत गया है. इस दौरान प्रदेश में भी लाखों लोगों को रोजगार से वंचित होना पड़ा है, जिससे इनके सामने रोजी रोटी का बड़ा संकट है.

ऐसी स्थिति में जनता सरकार से राहत की दरकार कर रही है, लेकिन ऐसे फैसलों से राहत तो दूर सरकार ने इन तीन महीनों में राशन, पानी, बिजली, डीजल, पेट्रोल, प्रॉपर्टी टैक्स, मालभाड़ा, कूड़ा उठाने की फीस आदि में बढ़ोतरी कर जनता पर आर्थिक बोझ डालने का ही काम किया है.

इसलिए माकपा सरकार से मांग करती है कि बस किराए में बढ़ोतरी को तुरंत वापिस लिया जाए. साथ ही राशन व बिजली में दिए जा रहे उपदान की कटौती और पानी, प्रॉपर्टी टैक्स, कूड़े आदि की फीस में हुई बढ़ोतरी को भी वापिस लिया जाए.

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