शिमला: राजधानी शिमला में सामुदायिक संक्रमण को रोकने के लिए कोरोना की टेस्टिंग शुरू हो चुकी है. कोरोना समर्पित अस्पताल रिपन और आईजीएमसी के अलावा शहर में प्रशासन की ओर से अलग सैंपलिग की जा रही है. इसके तहत अभी तक संजौली और बालूगंज में टेस्टिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है. शहर के विकासनगर और उपनगर में भी आसपास के वार्डो के कोरोना लक्षण वाले मरीजों के टेस्ट लेने शुरू किए जाएंगे.
टेस्टिंग वैन चलाई गई
शिमला में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने फैसला लिया है. अभी तक शहरभर में जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से टेस्टिंग वैन चलाई गई थी. इसके माध्यम से ऐसे लोगों के कोरोना टेस्ट किए जा रहे थे, जो पहले से कोराना संक्रमित के संपर्क में आए होते थे या कोरोना के लक्षण से पीड़ित थे.
संजौली में शुरू सैंपलिग
ऐसे लोगों को घरद्वार टेस्टिंग की सुविधा दी जा रही थी, लेकिन कुछ दिन पहले इस वैन में सेवाएं दे रहे दो कर्मियों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद यह सेवा बंद करनी पड़ी. शिमला के संजौली में सैंपलिग शुरू हो गई है. कियोस्क मशीनें शहर के ऐसे स्थानों पर लगवाई जाएंगी, जहां अधिक से अधिक लोग आसानी से टेस्ट करवाने पहुंच सकें. इसके लिए जगह का चयन जल्द किया जाएगा.
कियोस्क मशीन हुई स्थापित
सीएमओ सुरेखा चोपड़ा ने बताया कि लोग महामारी को लेकर घबराए हुए हैं. लोग अस्पताल में टेस्ट के लिये आने से परहेज कर रहे हैं. सीएमओ शिमला ने कहा कि इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने संजौली और बालूगंज ने टेस्ट प्रक्रिया शुरू कर दी है और विकासनगर के सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल के पास भी जल्द ही कियोस्क मशीन स्थापित कर दी जाएगी.
उन्होंने बताया कि अधिकतर ऐसे लोगों में संक्रमण ज्यादा प्रभावी है जोकि पहले से बीपी, शुगर, अस्थमा, कैंसर, किडनी सहित अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं. क्योंकि संक्रमित होने के बाद ऐसे लोगों की हालत गंभीर हो जाती है और उनकी जान बचाना मुश्किल हो जाता है.