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शिमला में लॉन्ड्री कारोबार हुआ ठप, वर्क फ्रॉम होम ने खड़ी की मुश्किलें

बीते करीब 22 साल से लॉन्ड्री का काम करने वाले राजकुमार का कहना है कि कोरोना ने उनके सामने ऐसे हालात खड़े कर दिए हैं जिसके बारे में उन्होंने कभी नहीं सोचा था. कोरोना ने उनके काम को बुरी तरह प्रभावित किया है. कामकाज ठप होने की वजह से घर परिवार का गुजर-बसर करना भी मुश्किल हुआ है.

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Published : Jul 12, 2021, 2:55 PM IST

शिमलाः कोरोना की वजह से ज्यादातर कार्यालयों में वर्क फ्रॉम होम और स्कूल बंद होने की वजह से लॉन्ड्री कारोबार से जुड़े लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इन लोगों का काम ऑफिस जाने वाले लोगों और स्कूल जाने वाले बच्चों से जुड़ा हुआ है. कोरोना ने लॉन्ड्री कारोबार को पूरी तरह से ठप कर दिया है. लॉन्ड्री कारोबार से जुड़े लोगों के लिए घर-परिवार का गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो गया है. मकान का किराया, बच्चों की स्कूल फीस चुकाने से लेकर घर पर राशन के जुगाड़ के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है.

बीते करीब 22 साल से लॉन्ड्री का काम करने वाले राजकुमार का कहना है कि कोरोना ने उनके सामने ऐसे हालात खड़े कर दिए हैं जिसके बारे में उन्होंने कभी नहीं सोचा था. कोरोना ने उनके काम को बुरी तरह प्रभावित किया है. कामकाज ठप होने की वजह से घर परिवार का गुजर-बसर करना भी मुश्किल हुआ है. हालांकि कोरोना की पहली लहर के समय सरकार की ओर से राशन मिला लेकिन बावजूद इसके राशन के अलावा घर-परिवार के अन्य खर्चों को चलाने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आने वाले समय में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका भी प्रबल है. ऐसे में कारोबार के फिर से प्रभावित होने की भी आशंका है. इस बीच यह लोग सिर्फ उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कोरोना की तीसरी न आए और काम प्रभावित न हो.

शिमला शहर की मशहूर दुकान स्नो व्हाइट के अतर सिंह का कहना है कि कोरोना की वजह से उनका काम बुरी तरह प्रभावित हुआ है. आम सालों के मुकाबले काम केवल 30 से 40 फीसदी ही रह गया है. हालात यह हैं कि कर्मचारियों की तनख्वाह देना भी मुश्किल हो गया है. कार्यालय में वर्क फ्रॉम होम और स्कूल बंद होने की वजह से काम न के बराबर है. आने वाले समय में भी स्कूल खुलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही. ऐसे में कामकाज कब वापस पटरी पर लौटेगा, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता.

वीडियो.

भले ही वैज्ञानिक कोरोना की तीसरी लहर की आशंका आने के दावों को खारिज कर रहे हों लेकिन आम लोगों के बीच तीसरी लहर की का डर बना हुआ है. अगर आने वाले समय में कोरोना की तीसरी लहर आती है तो इससे एक बार फिर कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो जाएगा. जिन लोगों के सामने रोज कमाकर खाने की चुनौती होती है, उन लोगों के लिए एक बार फिर मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. ऐसे में इन कारोबार से जुड़े लोग यही चाहते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर न आए और उनका काम एक बार फिर प्रभावित न हो.

ये भी पढ़ें: वीकेंड पर उमड़ा पर्यटकों का हुजूम, सनवारा टोल पर फिर लगी वाहनों की लंबी कतारें

शिमलाः कोरोना की वजह से ज्यादातर कार्यालयों में वर्क फ्रॉम होम और स्कूल बंद होने की वजह से लॉन्ड्री कारोबार से जुड़े लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इन लोगों का काम ऑफिस जाने वाले लोगों और स्कूल जाने वाले बच्चों से जुड़ा हुआ है. कोरोना ने लॉन्ड्री कारोबार को पूरी तरह से ठप कर दिया है. लॉन्ड्री कारोबार से जुड़े लोगों के लिए घर-परिवार का गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो गया है. मकान का किराया, बच्चों की स्कूल फीस चुकाने से लेकर घर पर राशन के जुगाड़ के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है.

बीते करीब 22 साल से लॉन्ड्री का काम करने वाले राजकुमार का कहना है कि कोरोना ने उनके सामने ऐसे हालात खड़े कर दिए हैं जिसके बारे में उन्होंने कभी नहीं सोचा था. कोरोना ने उनके काम को बुरी तरह प्रभावित किया है. कामकाज ठप होने की वजह से घर परिवार का गुजर-बसर करना भी मुश्किल हुआ है. हालांकि कोरोना की पहली लहर के समय सरकार की ओर से राशन मिला लेकिन बावजूद इसके राशन के अलावा घर-परिवार के अन्य खर्चों को चलाने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आने वाले समय में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका भी प्रबल है. ऐसे में कारोबार के फिर से प्रभावित होने की भी आशंका है. इस बीच यह लोग सिर्फ उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कोरोना की तीसरी न आए और काम प्रभावित न हो.

शिमला शहर की मशहूर दुकान स्नो व्हाइट के अतर सिंह का कहना है कि कोरोना की वजह से उनका काम बुरी तरह प्रभावित हुआ है. आम सालों के मुकाबले काम केवल 30 से 40 फीसदी ही रह गया है. हालात यह हैं कि कर्मचारियों की तनख्वाह देना भी मुश्किल हो गया है. कार्यालय में वर्क फ्रॉम होम और स्कूल बंद होने की वजह से काम न के बराबर है. आने वाले समय में भी स्कूल खुलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही. ऐसे में कामकाज कब वापस पटरी पर लौटेगा, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता.

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भले ही वैज्ञानिक कोरोना की तीसरी लहर की आशंका आने के दावों को खारिज कर रहे हों लेकिन आम लोगों के बीच तीसरी लहर की का डर बना हुआ है. अगर आने वाले समय में कोरोना की तीसरी लहर आती है तो इससे एक बार फिर कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो जाएगा. जिन लोगों के सामने रोज कमाकर खाने की चुनौती होती है, उन लोगों के लिए एक बार फिर मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. ऐसे में इन कारोबार से जुड़े लोग यही चाहते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर न आए और उनका काम एक बार फिर प्रभावित न हो.

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