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शिमलाः सरकार के द्वार तक कोरोना, संक्रमण की चपेट में अबतक आए सीएस सहित कई अधिकारी - Shimla latest news

हिमाचल में कोरोना का संक्रमण अब सरकारी मशीनरी के टॉप तक पहुंच गया है. हिमाचल सरकार के मुख्य सचिव अनिल खाची सहित कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक अधिकारियों को होम आइसोलेशन में जाना पड़ा है.

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Published : May 4, 2021, 10:43 PM IST

शिमलाः कोरोना का संक्रमण अब सरकारी मशीनरी के टॉप तक पहुंच गया है. हिमाचल सरकार के मुख्य सचिव अनिल खाची सहित कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक अधिकारियों को होम आइसोलेशन में जाना पड़ा है. अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान और सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव देवेश कुमार कोरोना पॉजिटिव हैं.

इसके अलावा कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने पर कुछ अफसर अमिताभ अवस्थी, रजनीश कुमार भी आइसोलेशन में है. यहां तक की पुलिस के मुखिया को भी दूसरी बार होम आइसोलेशन में जाना पड़ा पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू इस समय होम आइसोलेशन में हैं. उनकी जगह सीनियर आईपीएस अधिकारी अनुराग गर्ग कार्यभार संभाल रहे हैं.

अफसरों की मतगणना में ड्यूटी लगने से प्रशासनिक मशीनरी प्रभावित

हालत यह है कि एक तरफ कोरोना वायरस दूसरी तरफ ऐन जरूरत के समय अफसरों की मतगणना में ड्यूटी लगने से प्रशासनिक मशीनरी प्रभावित हुई है. हालांकि मतगणना ड्यूटी वाले अफसर जल्द ही लौट आएंगे, लेकिन उन्हें कार्यभार संभालने में समय लग सकता है. इसके अलावा सरकार के मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर और सरवीण चौधरी कोरोना पॉजिटिव है. इसके अलावा राजेंद्र गर्ग भी बीमार हैं और उपचाराधीन है.

कैबिनेट मंत्रियों और अफसरों की कमी से कामकाज प्रभावित

ऐसे में संकट के समय कैबिनेट मंत्रियों और अफसरों की कमी से कामकाज प्रभावित हो रहा है. सचिवालय के कर्मचारी होम आइसोलेशन में है. मई महीने की शुरुआत में ही स्थिति संकटपूर्ण है. पिछले 4 दिन से कोरोना से मौत का आंकड़ा भी बढ़ा है. हालांकि हिमाचल प्रदेश के पास बेड ऑक्सीजन और वेंटिलेटर पर्याप्त संख्या में है लेकिन मैन पावर का संकट सामने आ रहा है. इसके अलावा अफसरों की कमी से भी कामकाज प्रभावित हो रहा है.

बुधवार को कैबिनेट बैठक

मंगलवार को सर्वदलीय बैठक और फिर बुधवार को कैबिनेट बैठक होने वाली है. इन बैठकों में लिए गए फैसलों को लागू करने के लिए पर्याप्त संख्या में मैन पावर जरूरी है. प्रदेश की जनता लॉकडाउन की पक्षधर है और सरकार पर भी कड़े कदम उठाने का दबाव बन रहा है.

सोमवार को हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में यह कहा की कोरोना संक्रमण के इस संकट पूर्ण समय में शासन का कोई भी अंग अपनी जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ सकता, लेकिन यदि नीति निर्धारण और नीतियों को लागू करने वाले अधिकारी ही कोरोना संक्रमण की चपेट में आएंगे तो कामकाज प्रभावित होना स्वाभाविक है.

ये भी पढ़ें:- काष्ठकुणी शैली में बनेगा मनाली का स्वागत द्वार, 12 लाख आएगी लागत

शिमलाः कोरोना का संक्रमण अब सरकारी मशीनरी के टॉप तक पहुंच गया है. हिमाचल सरकार के मुख्य सचिव अनिल खाची सहित कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक अधिकारियों को होम आइसोलेशन में जाना पड़ा है. अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान और सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव देवेश कुमार कोरोना पॉजिटिव हैं.

इसके अलावा कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने पर कुछ अफसर अमिताभ अवस्थी, रजनीश कुमार भी आइसोलेशन में है. यहां तक की पुलिस के मुखिया को भी दूसरी बार होम आइसोलेशन में जाना पड़ा पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू इस समय होम आइसोलेशन में हैं. उनकी जगह सीनियर आईपीएस अधिकारी अनुराग गर्ग कार्यभार संभाल रहे हैं.

अफसरों की मतगणना में ड्यूटी लगने से प्रशासनिक मशीनरी प्रभावित

हालत यह है कि एक तरफ कोरोना वायरस दूसरी तरफ ऐन जरूरत के समय अफसरों की मतगणना में ड्यूटी लगने से प्रशासनिक मशीनरी प्रभावित हुई है. हालांकि मतगणना ड्यूटी वाले अफसर जल्द ही लौट आएंगे, लेकिन उन्हें कार्यभार संभालने में समय लग सकता है. इसके अलावा सरकार के मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर और सरवीण चौधरी कोरोना पॉजिटिव है. इसके अलावा राजेंद्र गर्ग भी बीमार हैं और उपचाराधीन है.

कैबिनेट मंत्रियों और अफसरों की कमी से कामकाज प्रभावित

ऐसे में संकट के समय कैबिनेट मंत्रियों और अफसरों की कमी से कामकाज प्रभावित हो रहा है. सचिवालय के कर्मचारी होम आइसोलेशन में है. मई महीने की शुरुआत में ही स्थिति संकटपूर्ण है. पिछले 4 दिन से कोरोना से मौत का आंकड़ा भी बढ़ा है. हालांकि हिमाचल प्रदेश के पास बेड ऑक्सीजन और वेंटिलेटर पर्याप्त संख्या में है लेकिन मैन पावर का संकट सामने आ रहा है. इसके अलावा अफसरों की कमी से भी कामकाज प्रभावित हो रहा है.

बुधवार को कैबिनेट बैठक

मंगलवार को सर्वदलीय बैठक और फिर बुधवार को कैबिनेट बैठक होने वाली है. इन बैठकों में लिए गए फैसलों को लागू करने के लिए पर्याप्त संख्या में मैन पावर जरूरी है. प्रदेश की जनता लॉकडाउन की पक्षधर है और सरकार पर भी कड़े कदम उठाने का दबाव बन रहा है.

सोमवार को हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में यह कहा की कोरोना संक्रमण के इस संकट पूर्ण समय में शासन का कोई भी अंग अपनी जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ सकता, लेकिन यदि नीति निर्धारण और नीतियों को लागू करने वाले अधिकारी ही कोरोना संक्रमण की चपेट में आएंगे तो कामकाज प्रभावित होना स्वाभाविक है.

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