शिमला: शिक्षक नेताओं को नोटिस देने पर शिक्षक संघ ने इसे प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशक का तनाशाह रवैया करार दिया है. शिक्षक संघ ने कहा है कि अगर छात्रों और शिक्षकों की मांगों को लेकर उन्हें कोर्ट भी जाना पड़े तो वह गुरेज नहीं करेंगे. इस पूरे मामले को लेकर हिमाचल प्रदेश राजकीय शिक्षक संघ शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर से भी मिला और उन्हें पूरी बात बताई. इस दौरान प्रदेश राजकीय शिक्षक संघ ने शिक्षा मंत्री से शिक्षा विभाग की ओर से जारी नोटिस को तुरंत निरस्त करने की भी मांग उठाई.
जानबूझकर किया जा रहा टारगेट
संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने बताया कि उन्होंने शिक्षा मंत्री से मुलाकात की और पूरे मामले की जानकारी शिक्षा मंत्री को दी है. शिक्षा मंत्री ने शिक्षक संघ की मांगों को पूरा करने का आश्वासन भी दिया है. वीरेंद्र चौहान ने कहा कि सोशल मीडिया पर सरकार के फैसले के खिलाफ सभी संघ टिप्पणी करते हैं लेकिन शिक्षा विभाग ने जानबूझकर केवल तीन ही शिक्षक नेताओं को टारगेट किया है. चौहान ने कहा कि अभिव्यक्ति का अधिकार सभी को है और इसे छीना नहीं जाना चाहिए.
बयान को शिक्षा विभाग ने गलत समझा
प्रदेश राजकीय संघ अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार से पहले मांग उठाई थी कि प्री बोर्ड के बजाए बच्चों की रिविजन करवाई जाए और समय पर परीक्षाएं करवाई जाएं लेकिन शिक्षा विभाग ने इस सुझाव को नहीं माना. वीरेंद्र चौहान ने बताया कि प्रदेशभर से हजारों अभिभावकों और शिक्षकों के उन्हें परीक्षाओं के सबंध में मैसेज और फोन आए थे. इसके बाद सरकार को सुझाव दिया कि परीक्षाएं आयोजित होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उनके इस बयान को शिक्षा विभाग ने गलत तरीके से लिया है. उन्होने कहा कि वह सरकार के आदेशों का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि छात्रों और शिक्षकों के हित में सुझाव दिए थे.
तीन शिक्षक नेताओं से मांगा गया था स्पष्टीकरण
बता दें कि 10वीं और 12वीं की परीक्षा को लेकर बयानबाजी करने पर उप शिक्षा निदेशक उच्च शिक्षा की ओर से तीन शिक्षक नेताओं से स्पष्टीकरण मांगा गया था. इसमें राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रझाना में कार्यरत शिक्षक वीरेंद्र चौहान, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भट्टाकुफर में तैनात महावीर केथला और घणाहट्टी स्कूल में कार्यरत कैलाश ठाकुर से जवाब तलब किया गया था. तीनो स्कूलों के प्रधानाचार्यों को भी इस बारे में नोटिस भेजे गए थे कि इन शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा जाए.
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