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किसानों की केसीसी लिमिट माफ करे सरकार, आम लोन धारकों को भी दे राहत: सुशांत कपरेट - कोरोना वॉरियर

कांग्रेस प्रदेश सचिव सुशांत कपरेट सरकार से किसानों की केसीसी लिमिट माफ करने की मांग की है. उन्होंने आम लोन धारकों को भी राहत देने की मांग की है.

सुशांत कपरेट, कांग्रेस प्रदेश सचिव
सुशांत कपरेट, कांग्रेस प्रदेश सचिव
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Published : May 12, 2020, 8:32 PM IST

शिमला: कोरोना संक्रमण के चलते इस बार किसानों को सब्जियों के दाम नहीं मिल पाए हैं. वहीं, ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है. कांग्रेस ने सरकार से किसानों की केसीसी लिमिट माफ करने की मांग की है.

कांग्रेस प्रदेश सचिव सुशांत कपरेट ने कहा कि कोरोना के साथ-साथ इस बार ओलावृष्टि ने किसानों-बागवानों की कमर तोड़ दी है. ऐसे में किसान केसीसी लिमिट की किस्त भी नहीं दे पा रहे हैं. किसानों को राहत देते हुए सरकार केसीसी लिमिट को माफ करने के साथ ही आम लोन धारकों का 3 महीने तक की किश्तों पर ब्याज न लगाने की मांग की है.
सुशांत ने कहा कि कोरोना का बागवानी पर भी काफी असर पड़ा है. इस बार बागवानों को कार्टन नहीं मिल पाएंगे. वहीं, सेब सीजन के दौरान बागवानों को मजदूरों की कमी से जूझना पड़ेगा. सेब सीजन के दौरान अधिकतर मजदूर नेपाल से आते हैं, लेकिन इस बार कोरोना के चलते कोई भी लोग नेपाल से नहीं आ पाएंगे. ऐसे में बागवानों को मजदूरों की कमी झेलनी पड़ेगी.

वहीं, उन्होंने पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी पर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने के बाद भी डीजल-पेट्रोल के दामों में कमी नहीं की जा रही है, जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है. बागवानों को भी इस बार ट्रकों का भाड़ा अधिक देना पड़ेगा. उन्होंने सरकार की ओर से कोरोना वीरों और डॉक्टरों के वेतन में कटौती के फैसले पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को कोरोना वॉरियर्स को बोनस देना चाहिए, लेकिन सरकार संकट की घड़ी में दिन रात काम मे जुटे कर्मियों के वेतन में कटौती कर अपना खजाना भरने में लगी है.

शिमला: कोरोना संक्रमण के चलते इस बार किसानों को सब्जियों के दाम नहीं मिल पाए हैं. वहीं, ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है. कांग्रेस ने सरकार से किसानों की केसीसी लिमिट माफ करने की मांग की है.

कांग्रेस प्रदेश सचिव सुशांत कपरेट ने कहा कि कोरोना के साथ-साथ इस बार ओलावृष्टि ने किसानों-बागवानों की कमर तोड़ दी है. ऐसे में किसान केसीसी लिमिट की किस्त भी नहीं दे पा रहे हैं. किसानों को राहत देते हुए सरकार केसीसी लिमिट को माफ करने के साथ ही आम लोन धारकों का 3 महीने तक की किश्तों पर ब्याज न लगाने की मांग की है.
सुशांत ने कहा कि कोरोना का बागवानी पर भी काफी असर पड़ा है. इस बार बागवानों को कार्टन नहीं मिल पाएंगे. वहीं, सेब सीजन के दौरान बागवानों को मजदूरों की कमी से जूझना पड़ेगा. सेब सीजन के दौरान अधिकतर मजदूर नेपाल से आते हैं, लेकिन इस बार कोरोना के चलते कोई भी लोग नेपाल से नहीं आ पाएंगे. ऐसे में बागवानों को मजदूरों की कमी झेलनी पड़ेगी.

वहीं, उन्होंने पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी पर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने के बाद भी डीजल-पेट्रोल के दामों में कमी नहीं की जा रही है, जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है. बागवानों को भी इस बार ट्रकों का भाड़ा अधिक देना पड़ेगा. उन्होंने सरकार की ओर से कोरोना वीरों और डॉक्टरों के वेतन में कटौती के फैसले पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को कोरोना वॉरियर्स को बोनस देना चाहिए, लेकिन सरकार संकट की घड़ी में दिन रात काम मे जुटे कर्मियों के वेतन में कटौती कर अपना खजाना भरने में लगी है.

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