शिमला: हिमाचल में कोविड-19 में महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा के मामलों में तो बढ़ोतरी हुई है, लेकिन चौकानें वाली बात यह है कि इस दौरान महिलाएं और युवतियां साइबर क्राइम का भी अधिक शिकार हुई हैं.
इससे जुड़ी शिकायतें पुलिस के साइबर सेल में दर्ज होने के साथ ही महिला आयोग में ज्यादा दर्ज हुई है. महिला आयोग में जो शिकायतें कोविड-19 के दौरान दर्ज हुई है उसमें अधिकतर शिकायतें साइबर क्राइम से संबंधित हैं. जिस पर आयोग भी गंभीर हो गया है.
कोरोना के बीच जो लॉकडाउन लगाया गया है उसमें जहां घरेलू हिंसा से जुड़ी शिकायतें आयोग के पास पहुंची तो उसी में इस तरह की शिकायतों का आंकड़ा भी बहुत ज्यादा रहा जिसमें महिलाओं और युवतियों ने यह शिकायतें दर्ज करवाई हैं कि किसी ने उनकी फेक प्रोफाइल बनाई है या उसके फोटो के साथ छेड़छाड़ की गई है.
महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. डेजी ठाकुर ने कहा कि साइबर क्राइम के केस बढ़ गए है. इन मामलों में महिलायें या लड़कियां इस तरह की शिकायतें कर रही है कि उनकी आईडी हैक कर ली गई है. उनकी फोटो से छेड़छाड़ कर गलत फोटो बना कर वायरल की जा रही है या व्हाट्सएप पर उन्हें गलत मैसेज भेजें जा रहे हैं.
इस तरह के मामलों में महिला आयोग कोर्ट के माध्यम से सुनवाई करता है, लेकिन कोविड के दौरान यह संभव नहीं हो पा रहा था तो साइबर क्राइम से जुड़े इन मामलों की शिकायतें समाधान के लिए एसपी और वहां के संबंधित थाना को भेजी गई है. जिससे की तुरंत समाधान मिल सके.
डेजी ठाकुर ने बताया कि यह हैरानी के बात है कि महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा की शिकायतें तो आम हैं, लेकिन कोविड के दौरान साइबर क्राइम की शिकायतों में अचानक से हुई बढ़ोतरी हुई है. इस तरह की शिकायतें पुलिस के पास जाने के बजाए महिलाएं आयोग के पास खुल कर रख रही है.
इसके पीछे की वजह यह भी है कि महिला आयोग ने एक माध्यम महिलाओं और युवतियों को दिया था कि वह अपनी शिकायतें व्हाट्सएप के माध्यम से कर सकती हैं और उन्हें आयोग आने की आवश्यकता नहीं है. यही वजह बनी की महिलाओं और युवतियों में व्हाट्सएप नंबर पर आसानी से अपनी शिकायतें दर्ज की.