शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल में निवेश में आ रही दिक्कतों के बारे में जानने के लिए निवेशकों के साथ बैठक करेंगे. यह बैठक 7 व 8 जून को होगी, इसमें करीब 80 उद्योगपति शामिल होंगे. हिमाचल में बीते कई साल पहले किए निवेश के लिए किए गए एमओयू पेंडिंग पड़े हुए हैं. यही वजह है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इनको लेकर निवेशकों के साथ साथ बैठक करने जा रहे हैं. इसके लिए सरकार की ओर से 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करने वाले निवेशकों को बुलाया गया है.
'80 निवेशक इस बैठक में होंगे शामिल': दरअसल, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू निवेशकों के साथ 7 व 8 जून को बैठक करेंगे, बताया जा रहा कि करीब 80 निवेशक इस बैठक में शामिल होंगे. सरकार ने निवेश को लेकर कई साल पहले एमओयू कर रखे थे,लेकिन इनमें से कई एमओयू अभी भी धरातल पर नहीं उतरे हैं. ये निवेश उद्योग, ऊर्जा एवं पर्यटन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में किए जाने हैं, मुख्यमंत्री निवेश करने को लेकर आ रही समस्याओं का जानेंगे. सुखविंदर सिंह सरकार प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देना चाहती है. यही वजह है कि सरकार निवेशकों की समस्याओं को हल करना चाह रही है. सरकार पहले ही उद्योगों में निवेश के लिए निवेश ब्यूरो को स्थापित करने की बात कर चुकी है. इसमें एक ही जगह पर सभी मंजूरियां देने का प्रावधान किया जाएगा.
'किशाऊ बांध को लेकर सीएम पड़ोसी राज्यों के साथ करेंगे बैठक': हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा पर बनने वाले 660 मेगावाट के किशाऊ बांध व राज्य से संबंधित मामलों को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू संबंधित राज्यों के साथ बैठक करेंगे. मुख्यमंत्री वाटर सैस लगाने, पानी व बिजली सहित अन्य अंतरराज्यीय मामलों को लेकर बैठक करेंगे. बताया जा रहा है कि इनको लेकर पहले सोमवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत की मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ-साथ हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक होनी थी, जो स्थगित हो गई.
'हिमाचल पर करीब 75 हजार करोड़ रुपए का है कर्ज': मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि वह जल्द ही पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे. सुखविंदर सिंह सुक्खू हरियाणा व दिल्ली के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर चुके हैं और आने वाले दिनों में फिर से उनके साथ चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे हिमाचल पर मौजूदा समय में करीब 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है. हिमाचल के पास बहता हुआ पानी सोना है, जिससे हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी को लाभ मिल सकता है. वाटर सेस व अन्य मुद्दों पर पड़ोसी राज्यों के साथ चर्चा होगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह भी कहा कि बिना रजिस्ट्रेशन की बसों पर कार्रवाई होगी.
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