शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल ही के अमेरिका दौरे के बाद केंद्र सरकार ने अमेरिका से आने वाले वाशिंगटन एप्पल पर इंपोर्ट ड्यूटी 20 फीसदी घटा दी है. इससे बाद अब अन्य देशों की तरह इस पर भी 50 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी ही लगेगी. इससे पहले इस सेब पर 70 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लग रही थी. बागवान इंपोर्ट ड्यूटी 100 फीसदी करने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन केंद्र सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी ही घटा दी है. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद हिमाचल सहित जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड के सेब बागवानों को बड़ा झटका लगा है. वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस फैसले को बागवानों के हित के खिलाफ बताया है और कहा है कि वे इस मामले को केंद्र सरकार के समझ उठाएंगे.
वाशिंगटन एप्पल पर आयात शुल्क कम करने पर सीएम सुक्खू का रोष: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार द्वारा वाशिंगटन एप्पल पर आयात शुल्क 70 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत करने पर विरोध जताया है. सीएम सुक्खू ने इसे साफ शब्दों में हिमाचल प्रदेश के सेब बागवानों के हितों के खिलाफ फैसला बताया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के बागवान सभी प्रकार के विदेशी सेब पर आयात शुल्क 70 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने की मांग समय-समय पर करते आए हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने आयात शुल्क बढ़ाने की बजाय वाशिंगटन एप्पल पर 20 प्रतिशत आयात शुल्क घटा दिया है. इस फैसले के बाद से हिमाचल प्रदेश सहित जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड के सेब बागवानों को नुकसान झेलना होगा और हिमाचल के सेब का मूल्य भी कम हो जाएगा.
सीएम सुक्खू की केंद्र से अपील: मुख्यमंत्री ने सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वे इस मामले को केंद्र सरकार के सामने उठाएंगे और सभी प्रकार के विदेशी सेब पर लगने वाले आयात शुल्क को बढ़ाकर 100% करने की मांग केंद्र सरकार से करेंगे. उन्होंने हिमाचल प्रदेश के सेब बागवानों के हितों को देखते हुए केंद्र सरकार से अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है.
'2014 में PM मोदी ने किया था आयात शुल्क बढ़ाने का वादा': सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान विदेशी सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने और सभी प्रकार के कोल्ड ड्रिंक्स में 5 प्रतिशत सेब का कंस्ट्रेट मिलाने का वायदा किया था, लेकिन अब केन्द्र सरकार के वाशिंगटन एप्पल पर आयात शुल्क घटाने के फैसले से हिमाचल के सेब की मांग कम होगी और बागवानों को नुकसान होगा.
'अमेरिका से डील में बागवान के हितों की बलि क्यों': वहीं, बागवानों में केंद्र सरकार के इस फैसले पर नाराजगी है. हिमाचल किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल के अमेरिका दौरे के दौरान हुए डील के बाद यह फैसला आया है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर ऐसा क्यों है कि सरकार किसी भी देश से डील करते समय बागवानों के हितों की बलि देती है. उन्होंने कहा कि बागवान उम्मीद कर रहे थे कि पीएम नरेंद्र मोदी अपने वादे के अनुसार विदेशों से आने वाले आयात शुल्क को 100 फीसदी करेंगे, जबकि सरकार इसके विपरीत आयात शुल्क घटा रही है. उन्होंने कहा कि इससे हिमाचल के बागवानों को अमेरिका से आने वाले वाशिंगटन एप्पल से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने केंद्र सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.
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