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फॉरेस्ट क्लीयरेंस के कारण न रुके विकास, CM सुक्खू ने वन विभाग के अफसरों को दिए निर्देश - फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने समय रहते विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए फॉरेस्ट क्लियरेंस देने के निर्देश अधिकारियों को दिए.

CM सुखविंदर सिंह ने वन विभाग के अफसरों को दिए निर्देश
CM सुखविंदर सिंह ने वन विभाग के अफसरों को दिए निर्देश
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Published : Feb 28, 2023, 9:56 PM IST

Updated : Mar 1, 2023, 6:07 AM IST

शिमला: पहाड़ी राज्य होने के कारण हिमाचल में वन भूमि अधिक है. विभिन्न विकास कार्यों के लिए वन भूमि में निर्माण की मंजूरी के लिए कठिनाई आती है. इसी समस्या को देखते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वन विभाग के अफसरों के साथ मीटिंग में कई निर्देश दिए. इसी मसले पर सीएम ने अपने दिल्ली दौरे में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से भी चर्चा की है.

इसी कड़ी में मंगलवार को शिमला में सीएम ने वन विभाग के अफसरों के साथ बैठक की. बैठक में सीएम ने एफसीए यानी फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट और एफआरए यानी फॉरेस्ट राइट एक्ट की मंजूरियां जल्दी प्रदान करने के लिए संबंधित एजेंसियों के माध्यम से सहायता देने की बात कही. सीएम ने राज्य सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) और वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) की मंजूरियों के मामले में सभी अड़चनों को दूर करने के लिए कहा.

उन्होंने कहा कि एफसीए व एफआरए के मामलों में मंजूरी की प्रक्रिया में और तेजी लाने के लिए राज्य सरकार ने फॉरेस्ट क्लियरेंस कंसल्टेंट आर्गेनाइजेशन (एफसीसीओ) के माध्यम से संबंधित एजेंसियों को हैंड होल्डिंग देने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि वन विभाग वन संरक्षण अधिनियम-1980 के तहत वन भूमि को गैर वनीकरण उद्देश्यों में परिवर्तित करने संबंधी मंजूरी शीघ्र हासिल करने को लेकर भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) के सहयोग से उपलब्ध हैंड होल्डिंग एजेंसियों के जरिए कम से कम समय में प्रक्रिया शुरू करेगा.

उन्होंने कहा कि क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया केंद्र सरकार के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग का एक स्वायत्त निकाय है. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ एजेंसियां भारत सरकार से वन मंजूरी लेने के लिए प्रस्ताव तैयार करने और प्रस्तुत करने में उपयोगकर्ता एजेंसियों की मदद कर सकती हैं. मान्यता प्राप्त फॉरेस्ट क्लीयरेंस कंसल्टेंसी ऑर्गेनाइजेशन के रूप में चर्चित इन एजेंसियों के पास विशेषज्ञता होनी चाहिए. साथ ही इस प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के मानदंडों और गुणवत्ता मानकों को पूरा किया जाना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने बैठक में अफसरों से कहा कि केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ बैठक सार्थक रही है और केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार को पूर्ण सहयोग देने का भरोसा दिया है. वन विभाग की इस मीटिंग में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के अलावा उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर, वन विभाग के प्रधान सचिव ओंकार शर्र्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आरडी नज़ीम, प्रधान सचिव पर्यटन देवेश कुमार, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन तथा विभाग के प्रमुख वीके तिवारी और अन्य अफसर मौजूद थे.

ये भी पढे़ं: स्कूल से बंक मारकर देखते थे फिल्म, डंडे से होती थी पिटाई, CM सुक्खू ने बच्चों से साझा की अपनी स्कूल की यादें

शिमला: पहाड़ी राज्य होने के कारण हिमाचल में वन भूमि अधिक है. विभिन्न विकास कार्यों के लिए वन भूमि में निर्माण की मंजूरी के लिए कठिनाई आती है. इसी समस्या को देखते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वन विभाग के अफसरों के साथ मीटिंग में कई निर्देश दिए. इसी मसले पर सीएम ने अपने दिल्ली दौरे में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से भी चर्चा की है.

इसी कड़ी में मंगलवार को शिमला में सीएम ने वन विभाग के अफसरों के साथ बैठक की. बैठक में सीएम ने एफसीए यानी फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट और एफआरए यानी फॉरेस्ट राइट एक्ट की मंजूरियां जल्दी प्रदान करने के लिए संबंधित एजेंसियों के माध्यम से सहायता देने की बात कही. सीएम ने राज्य सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) और वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) की मंजूरियों के मामले में सभी अड़चनों को दूर करने के लिए कहा.

उन्होंने कहा कि एफसीए व एफआरए के मामलों में मंजूरी की प्रक्रिया में और तेजी लाने के लिए राज्य सरकार ने फॉरेस्ट क्लियरेंस कंसल्टेंट आर्गेनाइजेशन (एफसीसीओ) के माध्यम से संबंधित एजेंसियों को हैंड होल्डिंग देने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि वन विभाग वन संरक्षण अधिनियम-1980 के तहत वन भूमि को गैर वनीकरण उद्देश्यों में परिवर्तित करने संबंधी मंजूरी शीघ्र हासिल करने को लेकर भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) के सहयोग से उपलब्ध हैंड होल्डिंग एजेंसियों के जरिए कम से कम समय में प्रक्रिया शुरू करेगा.

उन्होंने कहा कि क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया केंद्र सरकार के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग का एक स्वायत्त निकाय है. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ एजेंसियां भारत सरकार से वन मंजूरी लेने के लिए प्रस्ताव तैयार करने और प्रस्तुत करने में उपयोगकर्ता एजेंसियों की मदद कर सकती हैं. मान्यता प्राप्त फॉरेस्ट क्लीयरेंस कंसल्टेंसी ऑर्गेनाइजेशन के रूप में चर्चित इन एजेंसियों के पास विशेषज्ञता होनी चाहिए. साथ ही इस प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के मानदंडों और गुणवत्ता मानकों को पूरा किया जाना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने बैठक में अफसरों से कहा कि केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ बैठक सार्थक रही है और केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार को पूर्ण सहयोग देने का भरोसा दिया है. वन विभाग की इस मीटिंग में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के अलावा उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर, वन विभाग के प्रधान सचिव ओंकार शर्र्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आरडी नज़ीम, प्रधान सचिव पर्यटन देवेश कुमार, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन तथा विभाग के प्रमुख वीके तिवारी और अन्य अफसर मौजूद थे.

ये भी पढे़ं: स्कूल से बंक मारकर देखते थे फिल्म, डंडे से होती थी पिटाई, CM सुक्खू ने बच्चों से साझा की अपनी स्कूल की यादें

Last Updated : Mar 1, 2023, 6:07 AM IST
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