शिमला: 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा पर भव्य आयोजन किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा सभी राज्यों के सीएम, मंत्री और महत्वपूर्ण पदों पर आसीन लोगों को निमंत्रण भेजा जा रहा है, लेकिन हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्हें अभी तक कोई निमंत्रण नहीं मिला है. जबकि हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उन्हें विश्व हिंदू परिषद और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा निमंत्रण पत्र भेजा गया है. वे राम मंदिर के दर्शन के लिए जरूर जाएंगे.
अयोध्या राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाने के सवाल पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि "हमें अभी तक अयोध्या आने को कोई निमंत्रण नहीं मिला, लेकिन भगवान राम के दरबार में जाने के लिए कोई निमंत्रण की जरूरत नहीं होती. वहां तो मर्यादा पुरुषोत्तम राम हैं, उन्होंने जो आदर्श स्थापित किए हैं. उन आदर्शों के आधार पर हम कह सकते हैं कि हमें अपने जीवन में भी इसका पालन करना चाहिए. जब भी भगवान राम के दरबार से बुलावा आएगा. हम उनके दर्शन के लिए चले जाएंगे."
वहीं, राम मंदिर पर हो रही राजनीति को लेकर उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा राम हिंदुस्तान में रहने वाले सभी व्यक्ति के हैं. सीएम सुक्खू ने कहा हम अयोध्या जाएंगे इसमें कोई दो राय नहीं है. हम आज भी श्री राम के आदर्शों को अपना रहे हैं. इसको राजनीतिक रंग देना सही नहीं है. मेरा मानना है कि हमें भगवान राम के आदर्श और विचारों को अपने जीवन में अपनाने चाहिए.
वहीं, जहां सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अयोध्या राम मंदिर के लिए निमंत्रण मिलने की बात से इनकार किया. वहीं, हिमाचल सरकार में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उन्हें वीएचपी और राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से उन्हें अयोध्या आने का निमंत्रण मिला है. इसके लिए मैं उनका धन्यवाद करना चाहता हूं. विक्रमादित्य ने कहा कि मेरे पिता स्वर्गीय वीरभद्र सिंह भी हमेशा से राम मंदिर आंदोलन के हक में रहे. उन्होंने अपने जीवन के अंतिम समय में अपने निजी कोष से इस मंदिर को बनाने के लिए सहयोग भी दिया है. ये हमारे लिए कोई राजनीतिक विषय नहीं है, बल्कि एक धार्मिक विषय है.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा "निश्चित तौर से हम हिन्दू हैं और अपने धर्म को आगे ले जाना, उसकी संस्कृति में विश्वास रखना हमारा संस्कार है. इस पर हम आगे बढ़ते रहेंगे. निश्चित तौर पर व्यवस्था के अनुरूप अयोध्या जाएंगे, लेकिन कैसे वहां जाना है, इसको लेकर हम आपस में चर्चा करेंगे पर मैं ये मैं कह सकता हूं कि जाऊंगा जरूर. राम मंदिर राजनीति पार्टी से ऊपर है. ये हमेशा थी, हमेशा है और हमेशा रहेगी. जब में विपक्ष में भी था तो उस समय भी हमने इस पर खुलकर बोला. आज सरकार में हैं तो आज भी खुलकर बोल रहे हैं और आगे भी बोलते रहेंगे. सरकारें तो आती जाती रहेंगी मगर अपनी विचारधारा, अपना धर्म, अपनी संस्कृति ये जीवन के आखिरी दिन तक बनी रहनी चाहिए. यही मेरा मानना है और इसी पर हम निरंतर आगे चलते रहेंगे."
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