शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि भंग किए गए कर्मचारी चयन आयोग के स्थान पर नया भर्ती आयोग बनेगा. विधानसभा सदन में नियम-130 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि पूर्व IAS अधिकारी दीपक सानन की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट के बाद नया आयोग बनाया जाएगा. देश के विभिन्न राज्यों के चयन आयोग का अध्ययन कर यह आयोग बनेगा. जिसका दफ्तर हमीरपुर जिले में ही होगा.
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि पूर्व हमीरपुर चयन आयोग के स्टाफ को नए आयोग को तैनात नहीं किया जाएगा. नए आयोग के लिए दूसरे विभागों से स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी, जिनको प्रमोशन संबंधित विभागों के नियमानुसार दी जाएगी. नए चयन आयोग में रोटेशन के आधार पर उन कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा, जिनकी इंटीग्रिटी ठीक होगी.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नया चयन आयोग पारदर्शी तरीके से काम करेगा और मेरिट आधार पर भर्तियां करेगा और इसमें पेपर लीक संभावना खत्म होगी. उन्होंने कहा कि सरकार पेपर लीक के मामले में कड़ी कार्रवाई करने के लिए कानून के विकल्प पर भी विचार करेगी. उन्होंने कहा कि जब तक नया आयोग नहीं बनता तब तक लोक सेवा आयोग क्लास थ्री भर्तियां करेगा. पहले चरण में 3 हजार भर्तियां लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जाएंगी.
CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछले 5 सालों से जब से BJP सरकार सत्ता में रही, पेपर लीक की घटनाएं बढ़ती गई. पहले पुलिस पेपर लीक हुआ, लेकिन उसको ढकने के लिए पुलिस भर्ती फटाफट करवाई गई. उन्होंने कहा कि सता की कुर्सी में बैठे लोग जब आंखें मूंद लेते हैं तो कर्मचारी चयन आयोग के जैसा भ्रष्टाचार होता है. सत्ता का कोई दुरुपयोग करता है तो इस तरह के केस सामने आते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम विपक्ष में थे और कहते थे प्रदेश में पेपर बिक रहे हैं तब जयराम सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया.
CM सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस ने अपनी चार्जशीट में भी यह मामला रखा था. उन्होंने कहा कि सरकार बनते ही पेपर लीक का यह मामला पकड़ा गया. उन्होंने कहा कि हमीरपुर चयन आयोग में 5 केस दर्ज हुए हैं और 21 इंक्वायरी की गई हैं. पिछले कल चयन आयोग के पूर्व सचिव को गिरफ्तार कर लिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती पेपर लीक मामले में जो भी दोषी पाया गया उसको बख्शा नहीं जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि एचपीयू, बागवानी विश्वविद्यालय और सरदार पटेल विश्वविद्यालय की भर्तियों में मेरिट की अनदेखी की शिकायतें सरकार को आ रही हैं, लेकिन अभी सरकार इसमें नहीं जाना चाहती.
'जल शक्ति विभाग में 75 फीसदी भर्तियां सराज व धर्मपुर से हुईं': इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि चयन आयोग भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ था. जब जयराम ठाकुर सत्ता में थे तब वे भ्रष्टाचार को रोकने में नाकाम रहे. आज जब कांग्रेस सरकार ने कार्रवाई की हो तो वह तारीफ करने की बजाए आलोचना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2022 में पुलिस के पेपर 10 से 12 लाख में बिके, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. सदन में जब दबाव पड़ा तो जयराम ने CBI जांच की बात कही, 6 महीने कोई कार्रवाई नहीं हुई और उसके बाद चुनावों के बीच CBI कार्रवाई करने आती है. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के समय में धांधली को लेकर शिमला क्लीनवेज की चर्चा पूरे प्रदेश में हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार समय में जल शक्ति विभाग के तहत हुई भर्तियों में से 75 फीसदी भर्तियां सराज व धर्मपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्रों से हुईं, यही नहीं इन दोनों चुनाव क्षेत्र के लोगों को दूसरे डिविजनों में एडजस्ट किया गया.
'HPU में हुई भर्तियों की हाई लेवल जांच होनी चाहिए': संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पूर्व सरकार के समय में एचपीयू में हुई भर्तियों की हाई लेवल की जांच की जानी चाहिए. सरदार विवि में भी बीएड और TGT असिस्टेंट प्रोफेसर बनाए गए हैं. इससे पहले चर्चा में हिस्सा लेते हुए विधायक भवानी सिंह ने कहा कि चयन आयोग जैसा भ्रष्टाचार तब तक नहीं हो सकता जब तक कि इसको सरकार का वरदहस्त हासिल न हो. सुरेश कुमार ने कहा कि हमीरपुर चयन आयोग में धांधली से हमीरपुर का नाम बदनाम हुआ है. हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर द्वारा गत वर्षों में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं को लेकर विधायक सुरेश कुमार, विधायक केवल सिंह पठानिया, मलेंद्र राजन ने नियम 130 के तहत प्रस्ताव लाया था.
Read Also- HPSSC Paper Leak: आरोपी पूर्व सचिव को कोर्ट ने 10 अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर भेजा