शिमला: छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल पर कर्ज के बड़े बोझ को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सारा दोष पूर्व की कांग्रेस सरकारों के सिर पर मड़ा है. सीएम जयराम ठाकुर ने प्रदेश में पूर्व में सत्ता में रही कांग्रेस को कर्ज का बोझ बढ़ाने का जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा कि हालात यह है कि अगले 5 साल तक हिमाचल प्रदेश को 50 हजार करोड़ रुपए कर्ज और उसके ब्याज के तौर पर चुकाने हैं.
'कांग्रेस ने अपने समय में केवल कर्ज लिया'
ईटीवी भारत से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जब जब कांग्रेस सरकार रही. उन्होंने केवल कर्ज लेने का काम किया. अगर कांग्रेस का कोई कंट्रीब्यूशन है तो वह सिर्फ और सिर्फ कर्ज बढ़ाने का है. अब स्थितियां यह हो गई हैं कि हिमाचल सरकार को पुराना कर्ज और उसका ब्याज चुकाने पर ही काफी वित्तीय बोझ पड़ता है. कांग्रेस पार्टी इस दोष से मुक्त नहीं हो सकती. यह सही है कि विकास कार्यों के लिए लोन भी लेना पड़ता है, लेकिन कांग्रेस सरकारों ने सिर्फ लोन लेने पर ही ध्यान रखा जिस कारण कर्ज की यह जटिल स्थिति पैदा हुई है.
'पेट्रोल पर वैट कम करने का फिलहाल विचार नहीं'
देशभर में इस समय पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से तरह-तरह की चर्चाओं का दौर है. सरकारों से वैट कम करने की मांग हो रही है. इस सिलसिले में पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि फिलहाल वैट कम करने पर सरकार विचार नहीं कर रही है. आगे परिस्थितियों का अध्ययन करने के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा.
लापरवाह अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
जनमंच में कुछ शिकायतों के बार बार आने पर पूछे गए सवाल को लेकर सीएम जयराम ठाकुर ने कहा की लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि एक जैसी शिकायतें बार-बार ना आए उन्होंने कहा कि क्षेत्र विशेष की बड़ी दिक्कतों को लेकर स्थानीय प्रशासन से फीडबैक लिया जा रहा है. किसी इलाके में अगर बिजली सड़क व अन्य सुविधाओं को लेकर कोई दिक्कत आ रही है तो उस पर अलग से विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जनता की मांग और समस्याओं के बीच अंतर समझना होगा.
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