शिमला: सोमवार को प्रदेश के पंचायत चौकीदारों (Panchayat Chowkidars) ने सरकार (Government) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उपायुक्त कार्यालय (Deputy Commissioner Office) के बाहर पंचायत चौकीदारों ने स्थाई पॉलिसी (permanent policy) और वेतन बढ़ाने की मांग (demand for salary increase) को लेकर धरना प्रदर्शन किया. चौकीदार संघ (chowkidar union) ने मांगें पूरी नहीं होने पर 15 अगस्त को रिज मैदान (ridge ground) पर आत्मदाह की चेतवनी भी दी. चौकीदारों का आरोप है कि पिछले 40 सालों से वह नौकरी कर रहे हैं, लेकिन उनके लिए कोई स्थाई नीति अभी तक नहीं बनाई गई.
हिमाचल प्रदेश चौकीदार पंचायत संघ के अध्यक्ष जगदीश सिंह (Jagdish Singh president of Himachal Pradesh Chowkidar Panchayat Union) ने बताया कि सरकार उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. अन्य विभागों में तैनात चौकीदारों के लिए सरकार ने पॉलिसी बनाई, लेकिन पंचायतों में पिछले 50 वर्षों से काम कर रहे चौकीदारों की सरकार अनदेखी कर रही है. उन्हाेंने बताया मनरेगा (MGNREGA) सहायकाें काे भी सरकार ने रेगुलर (regular) कर दिया, लेकिन पंचायत चाैकीदाराें काे मात्र 5 हजार रुपए देकर टाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि वह आज कालीबाड़ी (Kalibari) के पास अनशन पर बैठ गए. जब तक मांगें नहीं मानी जाएंगी तब तक अनशन जारी रहेगा.
उन्होंने कहा पंचायत में हर समय बस दो ही कर्मचारी रहते थे एक पंचायत सचिव (Panchayat Secretary) और दूसरा चौकीदार. उन्होंने कहा कि चौकीदार 5 हजार रुपए में परिवार का गुजारा कैसे कर सकता है. कई बार सरकार को चौकीदारों के लिए पॉलिसी बनाने को लेकर ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन सरकार ने इसे नजर अंदाज किया.
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