शिमला: हिमाचल प्रदेश की 14वीं विधानसभा के लिए चुन कर आए वरिष्ठ विधायक चंद्र कुमार को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया (Protem speaker of Himachal assembly) है. सोमवार को राजभवन शिमला में चौधरी चंद्र कुमार (Chaudhary Chandra Kumar) ने प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ ली. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की उपस्थिति में उन्हें ये शपथ दिलाई गई. चंद्र कुमार कांगड़ा जिले के ज्वाली विधानसभा क्षेत्र से चुनकर आए हैं.
वह नव निवार्चित विधायकों को शपथ दिलाएंगे. हालांकि पहले हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र धर्मशाला के तपोवन में 22 दिसंबर से होने जा रहा था, लेकिन सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के कोरोना पाजीटिव आने के बाद अब इस सत्र को स्थगित कर दिया गया है. ऐसे में सत्र की नई तारीख राज्यपाल द्वारा घोषित की जाएगी. (Himachal Protem Speaker)(chandra kumar took oath as protem speaker).
CM सुक्खू के स्वस्थ होने के बाद होगा शीतकालीन सत्र: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के स्वस्थ होने के बाद जल्द से जल्द शीतकालीन सत्र होगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के स्वस्थ होने के बाद ही हिमाचल प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार भी होगा. चंद्र कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री आज सोमवार शाम दिल्ली से वापस लौटने वाले थे. इसके बाद प्रदेश में अन्य कार्य होने थे, लेकिन फिलहाल उनके कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से काम टल गए हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के स्वास्थ्य होते ही जल्द से जल्द शीतकालीन सत्र कराए जाने पर विचार होगा.
कौन होता है प्रोटेम स्पीकर: प्रोटेम (Pro-tem) लैटिन शब्द प्रो टैम्पोर (Pro Tempore) का संक्षिप्त रूप है. इसका शाब्दिक अर्थ होता है-'कुछ समय के लिए'. प्रोटेम स्पीकर कुछ समय के लिए राज्यसभा और विधानसभा में काम करता है. प्रोटेम स्पीकर वह व्यक्ति होता है जो विधानसभा और लोकसभा के स्पीकर के पद पर कुछ समय के लिए कार्य करता है. यह अस्थायी होता है. प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति गवर्नर करता है. आमतौर पर इसकी नियुक्ति तब तक के लिए होती है, जब तक स्थायी विधानसभा अध्यक्ष ना चुन लिया जाए. प्रोटेम स्पीकर ही नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ दिलाता है. शपथ ग्रहण का पूरा कार्यक्रम प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में होता है.
प्रोटेम स्पीकर के कार्य
1. नए सदस्यों को शपथ दिलाना.
2. विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराना.
3. स्थायी स्पीकर चुने जाने तक सदन की गतिविधियों को चलाना.
4. सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने का कार्य.
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