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कौशल विकास योजनाओं से युवाओं को मिलेगा रोजगार, एशियन बैंक विकास के साथ मिलकर काम कर रही सरकार

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Published : Sep 15, 2019, 11:57 AM IST

भाजपा प्रदेश महामंत्री चन्द्रमोहन ठाकुर ने कहा कि देवभूमि हिमाचल में युवाओं के कौशल विकास पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करके रोजगार प्राप्त करने के योग्य बनाया जा सके.

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शिमला: भाजपा प्रदेश महामंत्री चन्द्रमोहन ठाकुर ने कहा कि देवभूमि हिमाचल में युवाओं के कौशल विकास पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करके रोजगार प्राप्त करने के योग्य बनाया जा सके.

इस समय प्रदेश में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, एशियन विकास बैंक के सहयोग से कौशल विकास परियोजना और दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य विकास योजना चलाई जा रही है. इन सभी योजनाओं के तहत प्रदेश के करीब एक लाख युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार के योग्य बनाया जाएगा.

कौशल विकास निगम ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 22 प्रशिक्षण सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षण देने का कार्य सौंपा है. कौशल विकास निगम ने चयनित कॉलेजों में छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ग्रेजुएट एंड ऑन कार्यक्रम शुरू किया है, जिसमें इस सत्र में 750 छात्रों को शामिल किया गया है.

28 मार्च, 2018 को एशियन विकास बैंक के साथ 650 करोड़ रुपये की पांच वर्षीय कौशल विकास परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. इस परियोजना के तहत 53 हजार से भी ज्यादा युवाओं का कौशल विकास किया जाएगा, 50 आईटीआई स्तरोन्नत की जाएगी, छह शहरी आजीविका केंद्र और 7 ग्रामीण आजीविका केंद्र खोले जाएंगे.

चन्द्रमोहन ठाकुर ने कहा कि एशियन विकास बैंक के सहयोग से कौशल विकास कार्यक्रम के तहत तीन प्रशिक्षण सेवा प्रदाताओं को अल्प अवधि के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है. इस कार्यक्रम के तहत प्रथम चरण में सात हजार युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस परियोजना के तहत निगम आदर्श करियर केन्द्र, हमीरपुर, राजकीय महिला तकनीकी महाविद्यालय, कांगड़ा, शहरी आजीविका केन्द्र, शमशी, शहरी आजीविका केन्द्र, सुन्दरनगर और शहरी आजीविका केन्द्र नाहन के निर्माण कार्य शुरू किए गए हैं.

हिमाचल प्रदेश में 77 करोड़ रुपये की लागत से दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना भी लागू की गई है. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 21.56 करोड़ रुपये की पहली किश्त प्राप्त हो चुकी है. इससे करीब 50,000 युवाओं को रोजगार संबंधी कौशल प्रदान किया जाएगा. सभी रोजगार केन्द्रों को कौशल पहचान केन्द्रों और आदर्श करियर परामर्श केंद्रों में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया है.

इससे युवाओं के लिए परामर्श के माध्यम से रोजगार व प्लेसमेंट के अवसर बढ़ेंगे. ग्रामीण महिलाओं को पंचायत स्तर पर संगठित करके अधिकारों के प्रति उन्हें जागरूक कराना, उनके उत्थान के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे उन्हें अवगत करवाना और कौशल विकास प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से नई सशक्त महिला योजना शुरू की गई है. इन सभी कौशल विकास गतिविधियों से राज्य के युवाओं को रोजगार और अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के अवसर मिलेंगे.

शिमला: भाजपा प्रदेश महामंत्री चन्द्रमोहन ठाकुर ने कहा कि देवभूमि हिमाचल में युवाओं के कौशल विकास पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करके रोजगार प्राप्त करने के योग्य बनाया जा सके.

इस समय प्रदेश में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, एशियन विकास बैंक के सहयोग से कौशल विकास परियोजना और दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य विकास योजना चलाई जा रही है. इन सभी योजनाओं के तहत प्रदेश के करीब एक लाख युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार के योग्य बनाया जाएगा.

कौशल विकास निगम ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 22 प्रशिक्षण सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षण देने का कार्य सौंपा है. कौशल विकास निगम ने चयनित कॉलेजों में छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ग्रेजुएट एंड ऑन कार्यक्रम शुरू किया है, जिसमें इस सत्र में 750 छात्रों को शामिल किया गया है.

28 मार्च, 2018 को एशियन विकास बैंक के साथ 650 करोड़ रुपये की पांच वर्षीय कौशल विकास परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. इस परियोजना के तहत 53 हजार से भी ज्यादा युवाओं का कौशल विकास किया जाएगा, 50 आईटीआई स्तरोन्नत की जाएगी, छह शहरी आजीविका केंद्र और 7 ग्रामीण आजीविका केंद्र खोले जाएंगे.

चन्द्रमोहन ठाकुर ने कहा कि एशियन विकास बैंक के सहयोग से कौशल विकास कार्यक्रम के तहत तीन प्रशिक्षण सेवा प्रदाताओं को अल्प अवधि के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है. इस कार्यक्रम के तहत प्रथम चरण में सात हजार युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस परियोजना के तहत निगम आदर्श करियर केन्द्र, हमीरपुर, राजकीय महिला तकनीकी महाविद्यालय, कांगड़ा, शहरी आजीविका केन्द्र, शमशी, शहरी आजीविका केन्द्र, सुन्दरनगर और शहरी आजीविका केन्द्र नाहन के निर्माण कार्य शुरू किए गए हैं.

हिमाचल प्रदेश में 77 करोड़ रुपये की लागत से दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना भी लागू की गई है. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 21.56 करोड़ रुपये की पहली किश्त प्राप्त हो चुकी है. इससे करीब 50,000 युवाओं को रोजगार संबंधी कौशल प्रदान किया जाएगा. सभी रोजगार केन्द्रों को कौशल पहचान केन्द्रों और आदर्श करियर परामर्श केंद्रों में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया है.

इससे युवाओं के लिए परामर्श के माध्यम से रोजगार व प्लेसमेंट के अवसर बढ़ेंगे. ग्रामीण महिलाओं को पंचायत स्तर पर संगठित करके अधिकारों के प्रति उन्हें जागरूक कराना, उनके उत्थान के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे उन्हें अवगत करवाना और कौशल विकास प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से नई सशक्त महिला योजना शुरू की गई है. इन सभी कौशल विकास गतिविधियों से राज्य के युवाओं को रोजगार और अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के अवसर मिलेंगे.

Intro:भाजपा प्रदेश महामंत्री चन्द्रमोहन ठाकुर ने एक प्रेस विज्ञपति के माध्यम से बताया कि देवभूमि हिमाचल में युवाओं के कौशल विकास पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करके रोजगार प्राप्त करने के योग्य बनाया जा सके। इस समय प्रदेश में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, एशियन विकास बैंक के सहयोग से कौशल विकास परियोजना तथा दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य विकास योजना चलाई जा रही है। इन सभी योजनाओं के अंतर्गत प्रदेश के लगभग एक लाख युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार प्राप्त करने के योग्य बनाया जाएगा।Body:उन्होंने कहा कौशल विकास निगम द्वारा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 22 प्रशिक्षण सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षण देने का कार्य सौंपा गया। 22 हजार युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। लगभग 2340 प्रशिक्षुओं द्वारा प्रशिक्षण पूरा किया गया, 341 प्रशिक्षुओं को रोजगार भी प्राप्त हुआ है। कौशल विकास निगम के सहयोग से उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा स्नातक (वोकेशनल) कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसमें शैक्षणिक सत्र 2017-18 में 824 तथा वर्ष 2018-19 सत्र में 1010 विद्यार्थियों ने अपना पंजीकरण करवाया है।
कौशल विकास निगम द्वारा चयनित महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ‘‘ग्रेजुएट एड-ऑन’’ कार्यक्रम आरंभ किया गया है, जिसमें इस सत्र में 750 विद्यार्थी शामिल हुए। 28 मार्च, 2018 को एशियन विकास बैंक के साथ 650 करोड़ रुपये की 5 वर्षीय कौशल विकास परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस परियोजना के तहत 53 हजार से भी ज्यादा युवाओं का कौशल विकास किया जाएगा, 50 आई.टी.आई. स्तरोन्नत की जाएगी, 6 शहरी आजीविका केंद्र तथा 7 ग्रामीण आजीविका केंद्र खोले जाएंगे।
उन्होंने कहा एशियन विकास बैंक के सहयोग से चलाए जा रहे कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत तीन प्रशिक्षण सेवा प्रदाताओं को अल्प अवधि के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के लिए सूचीबद्ध किया गया। इस कार्यक्रम के तहत प्रथम चरण में 7 हजार युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। एशियन विकास बैंक की इस परियोजना के अंतर्गत निगम द्वारा आदर्श करियर केन्द्र, हमीरपुर, राजकीय महिला तकनीकी महाविद्यालय, कांगड़ा, शहरी आजीविका केन्द्र, शमशी, शहरी आजीविका केन्द्र, सुन्दरनगर तथा शहरी आजीविका केन्द्र, नाहन के निर्माण कार्य आरम्भ किए गए हैं। मंडी जिले में ग्रामीण आजीविका केन्द्र, सदयाना, शिमला जिला के ग्रामीण आजीविका केन्द्र, चैपाल तथा प्रगतिनगर के निर्माण कार्य भी आरम्भ किए गए।
हिमाचल प्रदेश में 77 करोड़ रुपये की लागत से दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना भी लागू की गई है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 21.56 करोड़ रुपये की पहली किश्त प्राप्त हो चुकी है। इससे लगभग 50,000 युवाओं को रोजगार संबंधी कौशल प्रदान किया जाएगा। सभी रोजगार केन्द्रों को कौशल पहचान केन्द्रों तथा आदर्श करियर परामर्श केंद्रों में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया। इससे युवाओं के लिए परामर्श के माध्यम से रोजगार एवं प्लेसमेंट के अवसर बढ़ेंगे। ग्रामीण महिलाओं को पंचायत स्तर पर संगठित करके अधिकारों के प्रति उन्हें जागरूक कराना, उनके उत्थान के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे उन्हें अवगत करवाने तथा कौशल विकास प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से नई सशक्त महिला योजना आरम्भ की गई है। इन सभी कौशल विकास गतिविधियों से राज्य के युवाओं को रोजगार और अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के अवसर मिलेंगे।Conclusion:
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