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आज से दो दिन के कांगड़ा दौरे पर नड्डा, 'आप' के साथ अपने भी होंगे चुनौती - हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शिमला और बिलासपुर दौरे के बाद आज कांगड़ा आ रहे हैं. आगामी विधानसभा चुनाव (Himachal Assembly Election 2022) की तैयारियों को देखते हुए नड्डा का ये दौरा अहम माना जा रहा है. जेपी नड्डा कांगड़ा की नब्ज तो टटोलेंगे ही साथ में कार्यकर्ताओं से लेकर संगठन के पदाधिकारियों के साथ आगामी रणनीति पर चर्चा भी करेंगे. लेकिन दो दिन कांगड़ा दौरे के दौरान जेपी नड्डा Kangra visit of JP Nadda) के सामने कई चुनौतियां होंगी. जानने के लिए पढ़ें पूरी ख़बर

जेपी नड्डा
जेपी नड्डा
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Published : Apr 21, 2022, 8:01 PM IST

Updated : Apr 22, 2022, 6:14 AM IST

शिमला: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Election 2022) के मद्देनजर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा के दो दिन के दौरे पर (Kangra visit of JP Nadda) रहेंगे. इस दौरान जहां पहले दिन नड्डा नगरोटा में रोड शो कर पार्टी कार्यकर्ताओं में (JP Nadda in Kangra)जोश भरने की कोशिश करेंगे. वहीं, यह टोह भी लेंगे की कांगड़ा का आखिर इस बार मूड क्या है. हिमाचल की 68 सीटों वाली विधानसभा में सबसे ज्यादा 15 सीटें यहां से ही आती है. बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 11 सीटें जीतीं थी, दरअसल माना जाता है कि कांगड़ा जीतने वाला सत्ता बनाता है और नड्डा कांगड़ा के इसी किले को 2017 से भी बेहतर अंदाज में जीत की रणनीति बनाएंगे.

दूसरे दिन रहेगा बैठकों का दौर: जेपी नड्डा दूसरे दिन यानि शनिवार को दिनभर बूथ लेवल से लेकर मंडल स्तर तक के जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. इस दौरान उनका विधानसभा चुनाव के करीब 6 महीने पहले यह जानने का प्रयास रहेगा कि मिशन रिपीट के लिए कांगड़ा तैयार है कि नहीं. इसके अलावा आपसी कलह और पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी को भी भांपा जाएगा. कुल मिलाकर दूसरे दिन कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ मंथन होगा और आगामी विधानसभा चुनाव में कांगड़ा को लेकर रणनीति बनेगी.

बीजेपी का मिशन रिपीट- बीजेपी इस बार मिशन रिपीट यानि हिमाचल में सरकार रिपीट करने का दावा कर रही है. जो कि पिछले करीब 4 दशक से हिमाचल में नहीं हुआ है. यूपी और उत्तराखंड में सरकार रिपीट होने के बाद बीजेपी की बांछे खिली हुई हैं. लेकिन नड्डा भी जानते हैं कि बिना कांगड़ा जीते मिशन रिपीट मुमकिन नहीं है. इसलिये हिमाचल में फिर से कमल खिलाने के लिए जेपी नड्डा ने कमान संभाल ली है और यही वजह है कि 2 हफ्ते से भी कम के अंतराल में नड्डा दूसरी बार हिमाचल दौरे पर पहुंच रहे हैं. 5 राज्यों के चुनावी नतीजों को भी बीजेपी भुनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है और ये तय है कि हिमाचल में मिशन रिपीट के अभियान में इन नतीजों का जिक्र बार-बार होगा.

आम आदमी पार्टी बनेगी रोड़ा ? : वहीं, आम आदमी पार्टी भी हिमाचल में धीरे-धीरे पांव पसार रही है, ऐसे में प्रदेश के सबसे बड़े जिले पर भी 'आप' की नजर होगी. ऐसे में जेपी नड्डा कांगड़ा दौरे के दौरान इस इलाके में आप की स्थिति और उससे होने वाले नुकसान का भी गणित लगाएंगे. विधायकों से लेकर अन्य पदाधिकारियों से इसपर फीडबैक लेने से लेकर आम आदमी पार्टी को लेकर भी रणनीति बन सकती है. कांगड़ा जिले की सीमाएं पड़ोसी राज्य पंजाब से सटा है, ऐसे में आम आदमी पार्टी की नजर खासतौर पर कांगड़ा पर होगी. क्योंकि सियासी जानकार मानते हैं कि पंजाब में सरकार चलाते हुए कांगड़ा को साधना कुछ आसान बना सकता है और आगामी चुनावों में अगर आम आदमी पार्टी हिमाचल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कामयाब रहती है तो हैरानी नहीं होगी अगर वो उपस्थिति कांगड़ा जिले से दर्ज हो.

टिकट देने का गुणा भाग: चुनाव में भले कुछ वक्त हो लेकिन बीजेपी के स्टाइल के मुताबिक कुछ विधायकों का टिकट कटना पक्का है. कांगड़ा जिला भी इससे अछूता नहीं रहने वाला. ऐसे में चुनाव से 6 महीने पहले पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा कांगड़ा की नब्ज टटोलेंगे, विधायकों से लेकर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के फीडबैक के सहारे किसे टिकट देना है और किसका टिकट कटेगा, इसका गुणा भाग लगा सकते हैं. कौन सी सीटों पर विधायक का विरोध हो रहा है, कहां जनता की नाराजगी है, कहां पार्टी में धड़े बन रहे है. जेपी नड्डा इन सब सवालों का जवाब ढूंढेंगे ताकि चुनाव के वक्त फैसला लेने में आसानी हो.

नाराज नेताओं की फौज बिगाड़ सकती है खेल- टिकट बंटवारे से नाराज नेता कई बार खेल बिगाड़ देते हैं और अगर नाराज नेता दूसरे दलों के हाथ लग जाएं तो विरोधी के हाथ बटेर भी लग सकता है. वैसे भी चुनाव से पहले नेताओं का पार्टी बदलना और खासकर आम आदमी पार्टी के रूप में विकल्प मिलने का नुकसान बीजेपी को भी हो सकता है. टिकट की चाह नेताओं को आप के साथ जुड़ने पर मजबूर कर सकती है और ये बात नड्डा भी अच्छी तरह जानते हैं. आम आदमी पार्टी कह चुकी है कि कई भाजपाई उसके संपर्क में है ऐसे में नड्डा के सामने चुनौती नाराज नेताओं को मनाने की भी होगी.

जयराम ठाकुर की अगुवाई में चुनाव- जेपी नड्डा अपने पिछले दौरे के दौरान ये बात कह चुके हैं कि हिमाचल में पार्टी जयराम ठाकुर की अगुवाई में ही चुनाव लड़ेगी. यही बात कांगड़ा दौरे पर भी दोहराई जा सकती है. दरअसल आम आदमी पार्टी ने जयराम सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि क्योंकि बीजेपी सरकार बीते चार साल में नाकाम साबित हुई है ऐसे में चुनाव से पहले बीजेपी आलाकमान हिमाचल में मुख्यमंत्री बदलने जा रहा है. नड्डा भी चाहते हैं कि चुनाव से पहले कोई भी ऐसी बात ना हो जिससे पार्टी में गुटबाजी को हवा मिले. इसलिये सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के नारे को बुलंद किया जा रहा है.

शिमला-बिलासपुर का कर चुके दौरा- इसी महीने की 9 तारीख को जेपी नड्डा 4 दिन के दौरे पर हिमाचल आए (Himachal visit of JP Nadda) थे. उस दौरान नड्डा ने शिमला और बिलासपुर में कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया था. शिमला में रोड शो के बाद विधायकों से लेकर पार्टी संगठन तक की बैठक ली थी और फिर बिलासपुर की नब्ज भी टटोली थी. हिमाचल की सत्ता पर फिर से काबिज होने के लिए बीजेपी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. साल 2014 और फिर 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने लोकसभा की चारों सीटें जीतीं थी और फिर 2017 में विधानसभा चुनाव में बंपर बहुमत हासिल किया था. जानकार मानते हैं कि बीते 8 साल में हिमाचल में बीजेपी का बहुत कुछ दांव पर है ऐसे में जेपी नड्डा पूरे प्रदेश की नब्ज टटोलने में जुटे हैं और इसी कड़ी में शिमला, बिलासपुर के बाद कांगड़ा आ रहे हैं.

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शिमला: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Election 2022) के मद्देनजर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा के दो दिन के दौरे पर (Kangra visit of JP Nadda) रहेंगे. इस दौरान जहां पहले दिन नड्डा नगरोटा में रोड शो कर पार्टी कार्यकर्ताओं में (JP Nadda in Kangra)जोश भरने की कोशिश करेंगे. वहीं, यह टोह भी लेंगे की कांगड़ा का आखिर इस बार मूड क्या है. हिमाचल की 68 सीटों वाली विधानसभा में सबसे ज्यादा 15 सीटें यहां से ही आती है. बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 11 सीटें जीतीं थी, दरअसल माना जाता है कि कांगड़ा जीतने वाला सत्ता बनाता है और नड्डा कांगड़ा के इसी किले को 2017 से भी बेहतर अंदाज में जीत की रणनीति बनाएंगे.

दूसरे दिन रहेगा बैठकों का दौर: जेपी नड्डा दूसरे दिन यानि शनिवार को दिनभर बूथ लेवल से लेकर मंडल स्तर तक के जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. इस दौरान उनका विधानसभा चुनाव के करीब 6 महीने पहले यह जानने का प्रयास रहेगा कि मिशन रिपीट के लिए कांगड़ा तैयार है कि नहीं. इसके अलावा आपसी कलह और पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी को भी भांपा जाएगा. कुल मिलाकर दूसरे दिन कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ मंथन होगा और आगामी विधानसभा चुनाव में कांगड़ा को लेकर रणनीति बनेगी.

बीजेपी का मिशन रिपीट- बीजेपी इस बार मिशन रिपीट यानि हिमाचल में सरकार रिपीट करने का दावा कर रही है. जो कि पिछले करीब 4 दशक से हिमाचल में नहीं हुआ है. यूपी और उत्तराखंड में सरकार रिपीट होने के बाद बीजेपी की बांछे खिली हुई हैं. लेकिन नड्डा भी जानते हैं कि बिना कांगड़ा जीते मिशन रिपीट मुमकिन नहीं है. इसलिये हिमाचल में फिर से कमल खिलाने के लिए जेपी नड्डा ने कमान संभाल ली है और यही वजह है कि 2 हफ्ते से भी कम के अंतराल में नड्डा दूसरी बार हिमाचल दौरे पर पहुंच रहे हैं. 5 राज्यों के चुनावी नतीजों को भी बीजेपी भुनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है और ये तय है कि हिमाचल में मिशन रिपीट के अभियान में इन नतीजों का जिक्र बार-बार होगा.

आम आदमी पार्टी बनेगी रोड़ा ? : वहीं, आम आदमी पार्टी भी हिमाचल में धीरे-धीरे पांव पसार रही है, ऐसे में प्रदेश के सबसे बड़े जिले पर भी 'आप' की नजर होगी. ऐसे में जेपी नड्डा कांगड़ा दौरे के दौरान इस इलाके में आप की स्थिति और उससे होने वाले नुकसान का भी गणित लगाएंगे. विधायकों से लेकर अन्य पदाधिकारियों से इसपर फीडबैक लेने से लेकर आम आदमी पार्टी को लेकर भी रणनीति बन सकती है. कांगड़ा जिले की सीमाएं पड़ोसी राज्य पंजाब से सटा है, ऐसे में आम आदमी पार्टी की नजर खासतौर पर कांगड़ा पर होगी. क्योंकि सियासी जानकार मानते हैं कि पंजाब में सरकार चलाते हुए कांगड़ा को साधना कुछ आसान बना सकता है और आगामी चुनावों में अगर आम आदमी पार्टी हिमाचल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कामयाब रहती है तो हैरानी नहीं होगी अगर वो उपस्थिति कांगड़ा जिले से दर्ज हो.

टिकट देने का गुणा भाग: चुनाव में भले कुछ वक्त हो लेकिन बीजेपी के स्टाइल के मुताबिक कुछ विधायकों का टिकट कटना पक्का है. कांगड़ा जिला भी इससे अछूता नहीं रहने वाला. ऐसे में चुनाव से 6 महीने पहले पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा कांगड़ा की नब्ज टटोलेंगे, विधायकों से लेकर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के फीडबैक के सहारे किसे टिकट देना है और किसका टिकट कटेगा, इसका गुणा भाग लगा सकते हैं. कौन सी सीटों पर विधायक का विरोध हो रहा है, कहां जनता की नाराजगी है, कहां पार्टी में धड़े बन रहे है. जेपी नड्डा इन सब सवालों का जवाब ढूंढेंगे ताकि चुनाव के वक्त फैसला लेने में आसानी हो.

नाराज नेताओं की फौज बिगाड़ सकती है खेल- टिकट बंटवारे से नाराज नेता कई बार खेल बिगाड़ देते हैं और अगर नाराज नेता दूसरे दलों के हाथ लग जाएं तो विरोधी के हाथ बटेर भी लग सकता है. वैसे भी चुनाव से पहले नेताओं का पार्टी बदलना और खासकर आम आदमी पार्टी के रूप में विकल्प मिलने का नुकसान बीजेपी को भी हो सकता है. टिकट की चाह नेताओं को आप के साथ जुड़ने पर मजबूर कर सकती है और ये बात नड्डा भी अच्छी तरह जानते हैं. आम आदमी पार्टी कह चुकी है कि कई भाजपाई उसके संपर्क में है ऐसे में नड्डा के सामने चुनौती नाराज नेताओं को मनाने की भी होगी.

जयराम ठाकुर की अगुवाई में चुनाव- जेपी नड्डा अपने पिछले दौरे के दौरान ये बात कह चुके हैं कि हिमाचल में पार्टी जयराम ठाकुर की अगुवाई में ही चुनाव लड़ेगी. यही बात कांगड़ा दौरे पर भी दोहराई जा सकती है. दरअसल आम आदमी पार्टी ने जयराम सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि क्योंकि बीजेपी सरकार बीते चार साल में नाकाम साबित हुई है ऐसे में चुनाव से पहले बीजेपी आलाकमान हिमाचल में मुख्यमंत्री बदलने जा रहा है. नड्डा भी चाहते हैं कि चुनाव से पहले कोई भी ऐसी बात ना हो जिससे पार्टी में गुटबाजी को हवा मिले. इसलिये सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के नारे को बुलंद किया जा रहा है.

शिमला-बिलासपुर का कर चुके दौरा- इसी महीने की 9 तारीख को जेपी नड्डा 4 दिन के दौरे पर हिमाचल आए (Himachal visit of JP Nadda) थे. उस दौरान नड्डा ने शिमला और बिलासपुर में कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया था. शिमला में रोड शो के बाद विधायकों से लेकर पार्टी संगठन तक की बैठक ली थी और फिर बिलासपुर की नब्ज भी टटोली थी. हिमाचल की सत्ता पर फिर से काबिज होने के लिए बीजेपी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. साल 2014 और फिर 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने लोकसभा की चारों सीटें जीतीं थी और फिर 2017 में विधानसभा चुनाव में बंपर बहुमत हासिल किया था. जानकार मानते हैं कि बीते 8 साल में हिमाचल में बीजेपी का बहुत कुछ दांव पर है ऐसे में जेपी नड्डा पूरे प्रदेश की नब्ज टटोलने में जुटे हैं और इसी कड़ी में शिमला, बिलासपुर के बाद कांगड़ा आ रहे हैं.

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Last Updated : Apr 22, 2022, 6:14 AM IST
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