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छात्रवृत्ति घोटाला: शिक्षा निदेशालय के अफसरों और कर्मचारियों पर गिर सकती है गाज, CBI करेगी पूछताछ

हिमाचल में हुए 250 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले में उच्च शिक्षा निदेशालय के अफसरों और कर्मचारियों पर गिर सकती है गाज. CBI 2013 से 2017 तक निदेशालय में तैनात अफसरों के अलावा कर्मचारियों से करेगी पूछताछ.

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Published : May 18, 2019, 9:24 AM IST

शिमला: छात्रवृत्ति घोटाले में जांच की आंच उच्च शिक्षा निदेशालय के अफसरों और कर्मचारियों तक पहुंचने वाली है. सीबीआई 2013 से निदेशालय में तैनात अफसरों के अलावा कर्मचारियों से भी पूछताछ करेगी.

निदेशालय में तैनात अफसरों और कर्मचारियों की वर्तमान पोस्टिंग का रिकॉर्ड सीबीआई ने जुटाना शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि इनमें से अधिकतर का तबादला शिमला से बाहर हो गया है. निजी शिक्षण संस्थानों को पैसा जारी करने की पूरी प्रक्रिया जांच के दायरे में आ गई है. शिमला के अलावा पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और जम्मू की सीबीआई टीमें भी मामले की जांच में जुटी हैं.

जानकारी के अनुसार, अगले हफ्ते से सीबीआई पूछताछ शुरू कर देगी. साल 2013 से 2017 तक छात्रवृत्ति शाखा में काम कर चुके अधिकांश अफसरों-कर्मचारियों के तबादले अन्य जिलों के उपनिदेशक कार्यालयों सहित सरकारी स्कूलों में हो चुके हैं. सीबीआई विभिन्न संस्थानों से संपर्क कर जांच को आगे बढ़ाएगी. वहीं, निजी शिक्षण संस्थानों से जब्त किए गए कंप्यूटर्स, हार्ड डिस्क की रिपोर्ट भी जल्द जाएगी. सीबीआई की इस कवायद के बाद से उच्च शिक्षा निदेशालय में हड़कंप मचा है.

पढ़ेंः प्रदेश में जमकर बरसे बादल, किसी के लिए 'राहत' तो किसी के लिए 'आफत'

बता दें कि प्रदेश में हुए 250 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इस सिलसिले में हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के 22 अलग-अलग शहरों में छापेमारी भी की गई है.सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक श्रेणी के प्री मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक छात्रों को छात्रवृत्ति देती थी, लेकिन शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों ने निजी शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर 2013 से 2017 के बीच चार साल में 2.38 लाख छात्रों में से 19,915 को चार मोबाइल फोन नंबर से जुड़े बैंक खातों में छात्रवृत्ति राशि जारी कर दी और 360 छात्रों की छात्रवृत्ति चार बैंक खातों में ट्रांसफर की गई.

सूत्रों के मुताबिक 5729 छात्रों को छात्रवृत्ति देने में आधार नंबर का प्रयोग ही नहीं किया गया है. इस तरह से छात्रवृत्ति आवंटन में निजी शिक्षण संस्थानों ने सभी नियमों को ताक पर रखा. शुरुआत में हिमाचल सरकार के शिक्षा विभाग मामले में स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन बाद में मामले की गंभीरता को देखते हुए हिमाचल सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.

शिमला: छात्रवृत्ति घोटाले में जांच की आंच उच्च शिक्षा निदेशालय के अफसरों और कर्मचारियों तक पहुंचने वाली है. सीबीआई 2013 से निदेशालय में तैनात अफसरों के अलावा कर्मचारियों से भी पूछताछ करेगी.

निदेशालय में तैनात अफसरों और कर्मचारियों की वर्तमान पोस्टिंग का रिकॉर्ड सीबीआई ने जुटाना शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि इनमें से अधिकतर का तबादला शिमला से बाहर हो गया है. निजी शिक्षण संस्थानों को पैसा जारी करने की पूरी प्रक्रिया जांच के दायरे में आ गई है. शिमला के अलावा पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और जम्मू की सीबीआई टीमें भी मामले की जांच में जुटी हैं.

जानकारी के अनुसार, अगले हफ्ते से सीबीआई पूछताछ शुरू कर देगी. साल 2013 से 2017 तक छात्रवृत्ति शाखा में काम कर चुके अधिकांश अफसरों-कर्मचारियों के तबादले अन्य जिलों के उपनिदेशक कार्यालयों सहित सरकारी स्कूलों में हो चुके हैं. सीबीआई विभिन्न संस्थानों से संपर्क कर जांच को आगे बढ़ाएगी. वहीं, निजी शिक्षण संस्थानों से जब्त किए गए कंप्यूटर्स, हार्ड डिस्क की रिपोर्ट भी जल्द जाएगी. सीबीआई की इस कवायद के बाद से उच्च शिक्षा निदेशालय में हड़कंप मचा है.

पढ़ेंः प्रदेश में जमकर बरसे बादल, किसी के लिए 'राहत' तो किसी के लिए 'आफत'

बता दें कि प्रदेश में हुए 250 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इस सिलसिले में हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के 22 अलग-अलग शहरों में छापेमारी भी की गई है.सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक श्रेणी के प्री मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक छात्रों को छात्रवृत्ति देती थी, लेकिन शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों ने निजी शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर 2013 से 2017 के बीच चार साल में 2.38 लाख छात्रों में से 19,915 को चार मोबाइल फोन नंबर से जुड़े बैंक खातों में छात्रवृत्ति राशि जारी कर दी और 360 छात्रों की छात्रवृत्ति चार बैंक खातों में ट्रांसफर की गई.

सूत्रों के मुताबिक 5729 छात्रों को छात्रवृत्ति देने में आधार नंबर का प्रयोग ही नहीं किया गया है. इस तरह से छात्रवृत्ति आवंटन में निजी शिक्षण संस्थानों ने सभी नियमों को ताक पर रखा. शुरुआत में हिमाचल सरकार के शिक्षा विभाग मामले में स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन बाद में मामले की गंभीरता को देखते हुए हिमाचल सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.

Intro:छात्रवृत्ति घोटाला शिक्षा निदेशालय के अफसरों व कर्मचारियों से पूछताछ करेगी सीबीआई


शिमला

 छात्रवृत्ति घोटाले में जांच की आंच अब उच्च शिक्षा निदेशालय के अफसरों और कर्मचारियों तक पहुंचने वाली है। सीबीआई 2013 से निदेशालय में तैनात अफसरों के अलावा कर्मचारियों से भी सीबीआई पूछताछ करेगी।

सीबीआई ने इन अफसरों-कर्मियों की वर्तमान पोस्टिंग का भी सीबीआई ने रिकॉर्ड जुटाना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि इनमें से अधिकतर का तबादला शिमला से बाहर हो गया है।


निजी शिक्षण संस्थानों को पैसा जारी करने की पूरी प्रक्रिया जांच के दायरे में आ गई है। शिमला के अलावा पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और जम्मू की सीबीआई टीमें भी मामले की जांच में जुटी हैं।




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जानकारी के अनुसार  अगले सप्ताह से सीबीआई की टीमें पूछताछ शुरू कर देंगी। साल 2013 से छात्रवृत्ति शाखा में काम कर चुके अधिकांश अफसरों-कर्मचारियों के तबादले अन्य जिलों के उपनिदेशक कार्यालयों सहित सरकारी स्कूलों में हो चुके हैं।


अब सीबीआई ने इनसे संपर्क कर जांच को आगे बढ़ाएगी। इनसे पूछताछ करने तक निजी शिक्षण संस्थानों से जब्त किए गए कंप्यूटरों, हार्ड डिस्क की रिपोर्ट भी आ जाएगी। सीबीआई की इस कवायद के बाद से उच्च शिक्षा निदेशालय में हड़कंप मच गया है।






Conclusion:सीबीआई के द्वारा शिक्षा निदेशालय में जांच मामले से हड़कम्प मच गया है।
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