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कैबिनेट ने मंजूर की एक बूटा बेटी के नाम योजना, ईटीवी ने 24 जुलाई को प्रकाशित की थी खबर

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Published : Sep 16, 2019, 8:07 PM IST

Updated : Oct 10, 2022, 12:56 PM IST

कैबिनेट ने मंजूर की "एक बूटा बेटी के नाम" योजना, इस योजना का मकसद बेटियों और पर्यावरण के बीच भावनात्मक रिश्ता जोडना है. वन विभाग इस मुहिम के तहत विभिन्न किस्मों के पौधे बांटेगा.

कैबिनेट ने मंजूर की "एक बूटा बेटी के नाम" योजना
कैबिनेट ने मंजूर की "एक बूटा बेटी के नाम" योजना

शिमला: हिमाचल सरकार ने बेटी बचाओ मुहिम में हरियाली का रंग भरने की पहल की है. सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट मीटिंग में "एक बूटा बेटी के नाम" योजना पर मुहर लगाई गई.

ईटीवी भारत (हिमाचल प्रदेश) ने 24 जुलाई को इस योजना से जुड़ी खबर प्रकाशित की थी. अब सरकार ने 16 सितंबर की कैबिनेट मीटिंग में इस को हरी झंडी दिखा दी है. इस संदर्भ में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बजट सत्र में ऐलान किया था. राज्य सरकार का मकसद बेटियों और पर्यावरण के बीच भावनात्मक रिश्ता जोडऩा है. योजना के अनुसार देवभूमि के किसी घर में बेटी की किलकारी गूंजेगी तो धरती मां की कोख में एक पौधा रोपा जाएगा.

प्रदेश भर में तैनात वन विभाग के गार्ड इस मुहिम में अहम भूमिका निभाएंगे. जिस घर में नवजात कन्या आएगी, उस घर के सदस्यों को वन विभाग की तरफ से एक पौधा दिया जाएगा. संबंधित बीट के गार्ड उस परिवार तक पौधा पहुंचाएंगे. इस मुहिम को भावनात्मक लगाव देने के लिए प्रस्ताव रखा गया है कि पौधे की देखरेख में बेटी के माता-पिता प्रमुख भूमिका निभाएंगे. जिस तरह बेटी का पालन-पोषण बड़े ही लाड-प्यार से किया जाता है, उसी तरह पौधे की देखरेख भी की जाएगी. इससे जनता के बीच पर्यावरण चेतना का भी विस्तार होगा और पौधे को बड़े होते देखना भी प्रदेश वासियों की स्मृतियों में दर्ज रहेगा. बेटियां भी बड़े होकर ये जान पाएंगी कि हिमाचल की हरियाली बचाने में उनका भी योगदान है. वन विभाग इस मुहिम के तहत विभिन्न किस्मों के पौधे बांटेगा.

शिमला: हिमाचल सरकार ने बेटी बचाओ मुहिम में हरियाली का रंग भरने की पहल की है. सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट मीटिंग में "एक बूटा बेटी के नाम" योजना पर मुहर लगाई गई.

ईटीवी भारत (हिमाचल प्रदेश) ने 24 जुलाई को इस योजना से जुड़ी खबर प्रकाशित की थी. अब सरकार ने 16 सितंबर की कैबिनेट मीटिंग में इस को हरी झंडी दिखा दी है. इस संदर्भ में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बजट सत्र में ऐलान किया था. राज्य सरकार का मकसद बेटियों और पर्यावरण के बीच भावनात्मक रिश्ता जोडऩा है. योजना के अनुसार देवभूमि के किसी घर में बेटी की किलकारी गूंजेगी तो धरती मां की कोख में एक पौधा रोपा जाएगा.

प्रदेश भर में तैनात वन विभाग के गार्ड इस मुहिम में अहम भूमिका निभाएंगे. जिस घर में नवजात कन्या आएगी, उस घर के सदस्यों को वन विभाग की तरफ से एक पौधा दिया जाएगा. संबंधित बीट के गार्ड उस परिवार तक पौधा पहुंचाएंगे. इस मुहिम को भावनात्मक लगाव देने के लिए प्रस्ताव रखा गया है कि पौधे की देखरेख में बेटी के माता-पिता प्रमुख भूमिका निभाएंगे. जिस तरह बेटी का पालन-पोषण बड़े ही लाड-प्यार से किया जाता है, उसी तरह पौधे की देखरेख भी की जाएगी. इससे जनता के बीच पर्यावरण चेतना का भी विस्तार होगा और पौधे को बड़े होते देखना भी प्रदेश वासियों की स्मृतियों में दर्ज रहेगा. बेटियां भी बड़े होकर ये जान पाएंगी कि हिमाचल की हरियाली बचाने में उनका भी योगदान है. वन विभाग इस मुहिम के तहत विभिन्न किस्मों के पौधे बांटेगा.

Last Updated : Oct 10, 2022, 12:56 PM IST
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