शिमला: कोरोना संकट का असर अस्पतालों के ब्लड बैंकों पर भी पड़ा है. अब ब्लड बैंक में खून की कमी होने लगी है. कोरोना काल के दौरान रक्त दान शिविर प्रभावित हुआ है, जिसके कारण अब ब्लड बैंक में खून की कमी होने लगीं है. कोरोना संकट से पहले जहां रक्त दान शिविर जगह -जगह पर लगते थे और उसमें 100 या उससे अधिक यूनिट खून इकट्ठा होता था, लेकिन अब गीने चुने रक्त दान शिविर लगते हैं और उसमें भी 30, 35, 40 यूनिट खून ही इकट्ठा होता है. ऐसे में मरीजों तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
आईजीएमसी की बात करें तो यहां पर अब ओपीडी खुल गयी है, ऑपरेशन भी हो रहे है थैलीसीमिया का काम भी हो रहा है. ऐसे में खून की कमी होने लगी है, क्योंकि लोग कम संख्या में रक्त दान कर रहे हैं.
आईजीएमसी शिमला समेत प्रदेश के कई चिकित्सा संस्थानों में लोगों की जरूरत के अनुसार खून नहीं है. इसकी वजह रक्तदाताओं का कोरोना संक्रमण की वजह से चिकित्सा संस्थानों में न जाना और रक्तदान शिविरों की कमी है. प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में हमेशा की तरह इस बार भी कुछ दुर्लभ समूहों जैसे नेगेटिव ग्रुप के खून की कमी है.
सरकारी, गैर सरकारी, निजी संस्था, कॉलेज, यूनिवर्सिटी बन्द होने से आ रही है खून की कमी
इस सम्बनध में आईजीएमसी में ब्लड बैंक के एचओडी डॉ संदीप मल्होत्रा ने बताया कि कोरोना संकट का असर रक्त दाताओ पर पड़ा है, जिससे अस्पताल में खून की कमी हो रही है. उनका कहना था पहले सरकारी, गैर सरकारी, निजी संस्था, कॉलेज, यूनिवर्सिटी के छात्र भी रक्त दान करते थे, लेकिन अब शिक्षण संस्थान बन्द है. ऐसे में रक्त दान में खून की कमी आ रही है.
उनका कहना था जहां पहले 100 यूनिट खून एकत्रित होता था, अब 30 से 40 यूनिट खून इकट्ठा हो रहा है. उन्होंने लोगों व संस्थानों से अपील की है कि वह रक्त दान करें. इससे किसी का जीवन बचाया जा सकता है.
ये भी पढ़ें: फिर कानूनी जाल में फंसे बिंदल, जिस मामले को एचसी ने किया था खारिज, अब एससी ने जारी किया नोटिस