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प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल कमला नेहरू में छाया ब्लड का संकट, मरीज हो रहे परेशान

कमला नेहरू अस्पताल में ब्लड का संकट ख़ड़ा हो गया है. कैंप न लगने के कारण यहां पर ऑपरेशन तक के लिए ब्लड नहीं मिल पा रहा. कोरोना संकट के कारण डोनर भी नहीं मिल रहे. ऐसे में रूटीन आपरेशन भी टालने पड़ रहे हैं. वहीं, एमरजेंसी के दौरान अगर डोनर न मिले तो परिजनों को आईजीएमसी ब्लड लाने के लिए भेजा जा रहा है.

Blood crisis
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल कमला नेहरू में छाया ब्लड का संकट.
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Published : Jun 9, 2020, 4:41 PM IST

शिमला: प्रदेश के सबसे बड़े मातृ शिशु अस्पताल कमला नेहरू में ब्लड का संकट खड़ा हो गया है. ब्लड डोनेशन कैंप न लगने के कारण यहां पर ऑपरेशन तक के लिए मरीजों को ब्लड नहीं मिल पा रहा. इमरजेंसी ऑपरेशन के दौरान भी मरीजों के परिजनों को ब्लड डोनर साथ लाने के लिए कहा जा रहा है.

कोरोना संकट के कारण डोनर भी नहीं मिल रहे. ऐसे में रूटीन आपरेशन भी टालने पड़ रहे हैं. वहीं, एमरजेंसी के दौरान अगर डोनर न मिले तो परिजनों को आईजीएमसी ब्लड लाने के लिए भेजा जा रहा है. अस्पताल में लगभग सभी तरह के ब्लड की कमी है. ऐसे में जब तक कैंप नहीं लग पाएंगे तब तक ब्लड संकट जारी रह सकता है. हालांकि कुछ संस्थाएं ब्लड कैंप जरूर लगा रही हैं, लेकिन इन कैंपों से आईजीएमसी में भी ब्लड की कमी पूरी नहीं हो पा रही है. आईजीएमसी में भी रोजाना कई ऑपेरशन हो रहे हैं.

वीडियो

आईजीएमसी आने-जाने में लग रहा काफी वक्त:
इमरजेंसी के दौरान हालांकि अगर डोनर नहीं मिलता है तो केएनएच से परिजनों को आईजीएमसी ब्लड के लिए भेजा जा रहा है. आईजीएमसी से केनएच का फासला करीब डेढ किलोमीटर का है. ऐसे में परिजनों को पैदल ही आईजीएमसी ब्लड के लिए जाना पड़ रहा है. इन दिनों गाड़ियां भी नहीं चल रही. ऐसे में केएनएच से आईजीएमसी तक आने जाने में एक घंटे का समय लग रहा है.

इमरजेंसी में ब्लड की तुरंत जरूरत रहती है, लेकिन आईजीएमसी से ब्लड लाने में ही लगभग एक घंटे का समय लग रहा है. केएनएच में आम दिनों में रोजाना 30 से 40 यूनिट ब्लड की जरूरत रहती है. वहीं, आजकल भी अस्पताल में 15 से 20 यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ रही है, लेकिन कैंप न लगने के कारण इतना ब्लड उपलब्ध करवाना मुश्किल हो गया है.

केएनएच की एमएस अम्बिका चौहान ने बताया कि लॉकडाउन के चलते अस्पताल में रक्त की कमी चल रही है. मरीजों के परिजनों को ब्लड डोनर लाने के लिए कहा गया है, जब से कोरोना संकट शुरु हुआ है. केएनएच का ब्लंड कैंप नहीं लग पाया है. पहले ब्लड कैम्प लग जाते थे तो इस तरह की दिक्कत नहीं आती थी.

शिमला: प्रदेश के सबसे बड़े मातृ शिशु अस्पताल कमला नेहरू में ब्लड का संकट खड़ा हो गया है. ब्लड डोनेशन कैंप न लगने के कारण यहां पर ऑपरेशन तक के लिए मरीजों को ब्लड नहीं मिल पा रहा. इमरजेंसी ऑपरेशन के दौरान भी मरीजों के परिजनों को ब्लड डोनर साथ लाने के लिए कहा जा रहा है.

कोरोना संकट के कारण डोनर भी नहीं मिल रहे. ऐसे में रूटीन आपरेशन भी टालने पड़ रहे हैं. वहीं, एमरजेंसी के दौरान अगर डोनर न मिले तो परिजनों को आईजीएमसी ब्लड लाने के लिए भेजा जा रहा है. अस्पताल में लगभग सभी तरह के ब्लड की कमी है. ऐसे में जब तक कैंप नहीं लग पाएंगे तब तक ब्लड संकट जारी रह सकता है. हालांकि कुछ संस्थाएं ब्लड कैंप जरूर लगा रही हैं, लेकिन इन कैंपों से आईजीएमसी में भी ब्लड की कमी पूरी नहीं हो पा रही है. आईजीएमसी में भी रोजाना कई ऑपेरशन हो रहे हैं.

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आईजीएमसी आने-जाने में लग रहा काफी वक्त:
इमरजेंसी के दौरान हालांकि अगर डोनर नहीं मिलता है तो केएनएच से परिजनों को आईजीएमसी ब्लड के लिए भेजा जा रहा है. आईजीएमसी से केनएच का फासला करीब डेढ किलोमीटर का है. ऐसे में परिजनों को पैदल ही आईजीएमसी ब्लड के लिए जाना पड़ रहा है. इन दिनों गाड़ियां भी नहीं चल रही. ऐसे में केएनएच से आईजीएमसी तक आने जाने में एक घंटे का समय लग रहा है.

इमरजेंसी में ब्लड की तुरंत जरूरत रहती है, लेकिन आईजीएमसी से ब्लड लाने में ही लगभग एक घंटे का समय लग रहा है. केएनएच में आम दिनों में रोजाना 30 से 40 यूनिट ब्लड की जरूरत रहती है. वहीं, आजकल भी अस्पताल में 15 से 20 यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ रही है, लेकिन कैंप न लगने के कारण इतना ब्लड उपलब्ध करवाना मुश्किल हो गया है.

केएनएच की एमएस अम्बिका चौहान ने बताया कि लॉकडाउन के चलते अस्पताल में रक्त की कमी चल रही है. मरीजों के परिजनों को ब्लड डोनर लाने के लिए कहा गया है, जब से कोरोना संकट शुरु हुआ है. केएनएच का ब्लंड कैंप नहीं लग पाया है. पहले ब्लड कैम्प लग जाते थे तो इस तरह की दिक्कत नहीं आती थी.

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