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प्रदेश विवि में हुए खूनी संघर्ष ने लिया राजनीतिक रंग, भाजपा और वामपंथी संगठन कर रहे विरोध प्रदर्शन - हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय

भाजपा के बैनर तले मानवाधिकार मंच ने शिमला डीसी ऑफिस के बाहर धरना दिया और वामपंथ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस प्रदर्शन में कई बीजेपी नेता भी शामिल हुए.

विरोध प्रदर्शन करते मानवाधिकार मंच के कार्यकर्ता
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Published : Mar 26, 2019, 11:09 PM IST

शिमलाः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एसएफआई व एबीवीपी छात्र संगठनों के बीच पिछले दो दिनों से चल रहे खूनी संघर्ष की लड़ाई ने राजनीतिक रंग ले लिया है. विरोध स्वरूप एबीवीपी से जुड़ी भाजपा व एसएफआई से जुड़े सीपीआईएम कार्यकर्ता व समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं.

protest in shimla
विरोध प्रदर्शन करते मानवाधिकार मंच के कार्यकर्ता

भाजपा के बैनर तले मानवाधिकार मंच ने शिमला डीसी ऑफिस के बाहर धरना दिया और वामपंथ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस प्रदर्शन में कई बीजेपी नेता भी शामिल हुए. मंच के अध्यक्ष केसी सडियाल ने एसएफआई पर आरोप लगाया कि वामपंथ का इतिहास हिंसा से जुड़ा हुआ रहा है. केरल के बाद शिमला में भी इस तरह का हमला निंदनीय है और ये मानवाधिकार की अवहेलना है. यह सब सुनियोजित तरीके से हुआ है और इस हिंसक वारदात से मानवाधिकारों का हनन कर रहे हैं.

जानकारी देते मंच के अध्यक्ष केसी सडियाल

उन्होंने पुलिस प्रशासन को हिंसा फैलाने वाले ऐसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. बता दें कि समरहिल में संघ की शाखा के दौरान एसएफआई के साथ खूनी संघर्ष हुआ था. जिसमें कई कार्यकर्ता घायल हो गए थे. जिसके बाद एबीवीपी और एसएफआई में खूनी झड़प शुरू हो गई.

शिमलाः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एसएफआई व एबीवीपी छात्र संगठनों के बीच पिछले दो दिनों से चल रहे खूनी संघर्ष की लड़ाई ने राजनीतिक रंग ले लिया है. विरोध स्वरूप एबीवीपी से जुड़ी भाजपा व एसएफआई से जुड़े सीपीआईएम कार्यकर्ता व समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं.

protest in shimla
विरोध प्रदर्शन करते मानवाधिकार मंच के कार्यकर्ता

भाजपा के बैनर तले मानवाधिकार मंच ने शिमला डीसी ऑफिस के बाहर धरना दिया और वामपंथ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस प्रदर्शन में कई बीजेपी नेता भी शामिल हुए. मंच के अध्यक्ष केसी सडियाल ने एसएफआई पर आरोप लगाया कि वामपंथ का इतिहास हिंसा से जुड़ा हुआ रहा है. केरल के बाद शिमला में भी इस तरह का हमला निंदनीय है और ये मानवाधिकार की अवहेलना है. यह सब सुनियोजित तरीके से हुआ है और इस हिंसक वारदात से मानवाधिकारों का हनन कर रहे हैं.

जानकारी देते मंच के अध्यक्ष केसी सडियाल

उन्होंने पुलिस प्रशासन को हिंसा फैलाने वाले ऐसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. बता दें कि समरहिल में संघ की शाखा के दौरान एसएफआई के साथ खूनी संघर्ष हुआ था. जिसमें कई कार्यकर्ता घायल हो गए थे. जिसके बाद एबीवीपी और एसएफआई में खूनी झड़प शुरू हो गई.





प्रदेश विवि में हुए खूनी संघर्ष ने लिया राजनीतिक रंग
भाजपा और वामपंथ सड़कों पर उतरकर कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन 
भाजपा से सम्बन्ध रखने वाले मानवाधिकार मंच ने डीसी कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन 
विवि खुनी संघर्ष में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग 

शिमला ! हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एसएफआई व एवीबीपी छात्र संघठनो के बीच दो दिन से चल रहे खूनी संघर्ष की लड़ाई ने राजनीतिक रंग ले लिया है। विरोध स्वरूप एवीबीपी से जुड़ी भाजपा  व एसएफआई से जुड़े सीपीआईएम सड़कों पर उतर आए है। भाजपा के बैनर तले मानवाधिकार मंच ने शिमला डीसी ऑफिस के बाहर धरना दिया और वामपंथ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस प्रदर्शन में कई बीजेपी नेता भी शामिल हुए !  मंच के अध्यक्ष केसी सडियाल ने एसएफआई पर आरोप लगाया कि वामपंथ का इतिहास हिंसा से जुड़ा हुआ रहा है। केरल के बाद शिमला में भी इस तरह का हमला निंदनीय है ओर ये मानवाधिकार की अवहेलना है। यह सब सुनियोजित तरीके से हुआ है और इस हिंसक वारदात से मानवाधिकारों का हनन कर रहे हैं।उन्होंने पुलिस प्रशासन को हिंसा फैलाने वाले ऐसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है ।
बता दे समरहिल में संघ की शांखा के दौरान एसएफ आई के साथ  खुनी   संघर्ष हुआ था जिसमे कई कार्यकर्त्ता घायल हो गए थे जिसके बाद एबीवीपी और एसएफआई में खुनी झड्फ़ शुरू हो गई है !      



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