शिमला: प्रदेश के कॉलेजों में शिक्षकों की हाजरी बायोमेट्रिक मशीनों से लगे इसके लिए शिक्षा विभाग ने एक बार फिर से कॉलेजों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाने के विकल्प को तलाश रहा है. इसके लिए विभाग की ओर से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों को खंगाला जा रहा है की किस तरह से इन बॉयोमेट्रिक मशीनों को कॉलेजों में लगाया जाए. शिक्षा विभाग की प्रदेश के स्कूलों के साथ ही कॉलेजों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाने की योजना है. कॉलेजों में शिक्षक शिक्षा विभाग के इस फैसले का लगातार विरोध जताते आ रहे हैं, लेकिन अब इस विरोध को भी नजरअंदाज कर विभाग ने कॉलेजों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाने का फैसला कर लिया है.
विभाग की ओर से यूजीसी के जो नियम देखें जा रहे है उससे विभाग यह जानकारी हासिल करना चाह रहा है कि कॉलेजों में शिक्षकों के कितने टीचिंग ऑवर होना जरूरी है. इसे जानकर विभाग की ओर से एक रिपोर्ट तैयार कर प्रधान शिक्षा सचिव को सौंपी जाएगी और वही रिपोर्ट फिर सरकार के पास जाएगी जिसके बाद सरकार के निर्देशों के तहत यह बायोमेट्रिक मशीनें कॉलेजों में लगाई जाएंगी.
बता दें कि वैसे तो शिक्षा विभाग की यह योजना दो सालों से चल रही है, लेकिन शिक्षक इसका विरोध यह कह कर जता रहे हैं कि एक सप्ताह में 26 घंटे की ड्यूटी के लिए उन्हें रोज सात से आठ घंटे की ड्यूटी करनी होगी. इस बात पर अपना विरोध शिक्षकों ने जारी रखा है और विरोध का ही परिणाम है कि जिन एक्का-दुक्का कॉलेजों में प्रयोग के तौर पर शिक्षा विभाग ने यह मशीनें लगाई थी. वहां भी शिक्षक मशीन से हाजरी लगा ही नहीं रहे हैं, लेकिन अब सरकार की सख्ती के बाद शिक्षा विभाग ने एक बार फिर से कॉलेजों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाने के लिए प्रस्ताव तैयार करना शुरू कर दिया है.