शिमला: शिशु एवं मातृ अस्पताल शिमला में डॉक्टर्स की कमी होने के कारण गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. महिलाओं को पेश आ रही समस्याओं को देखते हुए अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने महिलाओं के आह्वान पर शिमला, कुल्लू, मंडी, सिरमौर और सोलन में प्रदर्शन किया.
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति राज्य सचिव फालमा चौहान ने कहा कि सरकार रोगियों और गर्भवती महिलाओं को इलाज देना सुनिश्चित करे, ताकि उनको अस्पताल में किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े. फालमा चौहान ने कहा कि प्रदेश में नियमित ओपीडी ना चलने के कारण कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है.
कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर लगाए गए लॉकडाउन में कामकाजी महिलाओं को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. देश व प्रदेश में महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियों की कमी होने के कारण अनवांछित गर्भ का सामना करना पड़ा है. सरकार को यह दवा भी मुफ्त में देनी चाहिए.
फालमा चौहान ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान एपीएल के राशन में कटौती कर दी गई है और दामों में बढ़ोतरी कर दी है, जिससे एपीएल परिवारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मनरेगा को सरकार अभी पूरी तरह से लागू नहीं कर पाई है, जिसके चलते गरीबों को अपने परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो गया है. उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से मनरेगा के कामों को तुरंत शुरू करवाए.
फालमा चौहान ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान महिलाओं पर घरेलू हिंसा की घटनाएं बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं, ऐसे में सरकार पीड़ित महिलाओं को संरक्षण दे. बता दें कि महिलाओं के मुद्दों को लेकर अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने शिमला, कुल्लू, मंडी, सिरमौर और सोलन में प्रदर्शन किया.