शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने राज्य में ओपीएस लागू की है. इसके बाद एनपीएस के कर्मचारियों को ओपीएस में आने पर जीपीएफ नंबर जारी किए जा रहे हैं. एजी आफिस (प्रधान महालेखाकार कार्यालय) की ओर से यह नंबर दिए जा रहे हैं. हालांकि, पहले जीपीएफ नंबर फार्म जमा करवाने पर दिए जा रहे थे, लेकिन अब इसके लिए एक्सेल सीट पर कर्मचारियों की डिटेल देनी होगी. संबधित विभागों के कर्मचारियों का ब्यौरा एक्सेल शीट पर डीडीओ (ड्राइंग एंड डिसबर्सिंग ऑफिसर) को देना होगा. इसको लेकर एजी आफिस की ओर से सभी डीडीओ को निर्देश जारी किए गए हैं. 5 अगस्त तक सभी कर्मचारियों की डिटेल विभागों को देनी होगी.
एजी आफिस ने अब जीपीएफ नंबर लेने के संबंध में एसओपी यानी स्टैंड ऑपरेटिंग प्रोसिजर जारी किए हैं. इसके तहत सभी विभागों के डीडीओ को एक्सेल शीट पर कर्मचारियों का पूरा ब्यौरा देना अनिवार्य किया गया है. ताकि त्रुटि की कोई संभावना न रहे. एजी ऑफिस की ओर से अब तक करीब 38,368 कर्मचारियों को जीपीएफ खाता नंबर आवंटित किए जा चुके हैं. ये वो कर्मचारी हैं, जिन्होंने ओपीएस का विकल्प चुना है. इनकी जानकारी भी एजी आफिस की ओर से अपलोड कर दी गई है. इसके साथ ही करीब 70 हजार से अधिक कर्मचारियों की जानकारी एजी ऑफिस में पहुंची है.
हालांकि, जिन कर्मचारियों को जीपीएफ नंबर जारी कर दिए गए हैं, उनकी डिटेल दोबारा से भेजना जरूरी नहीं है, लेकिन जिन कर्मचारियों को अभी नंबर जारी नहीं हुए, उनकी डिटेल डीडीओ को एक्सेल सीट पर देनी होगी. डीडीओ की तरफ से कर्मचारियों की डिटेल्स एजी कार्यालय में नामांकन डाक या मैसेंजर के माध्यम से भेजे गए हैं, लेकिन एजी आफिस ने जीपीएफ नंबर आवंटित नहीं किए गए हैं. इन सभी का ब्यौरा अब डीडीओ के माध्यम से इनकी जानकारी को एक्सेल शीट पर भेजने के लिए कहा गया है. एजी ऑफिस की ओर से 5 अगस्त तक कर्मचारियों की पूरी डिटेल भेजने के लिए कहा गया है.
उल्लेखनीय है कि सुक्खू सरकार ने हिमाचल में ओल्ड पेंशन लागू कर दी है. इसके तहत 2003 के बाद नियुक्त कर्मचारी ओपीएस का विकल्प ले सकते हैं, वहीं नए कर्मचारियों के लिए ओपीएस ही रहेगी. ओपीएस में आने पर कर्मचारियों को जीपीएफ नंबर दिए जा रहे हैं. ये नंबर संबंधित विभागों के डीडीओ के माध्यम से दिए गए फार्म पर जारी किए जाते रहे हैं, लेकिन फार्म के माध्यम से कई त्रुटियां सामने आ रही हैं. यही वजह है कि एजी आफिस की ओर से अब कर्मचारियों की डिटेल एक्सेल शीट पर मांगी गई है. इससे कर्मचारियों के जीपीएफ नंबर की प्रक्रिया आसान होगी और साथ में त्रुटियों की संभावना भी नहीं रहेगी.