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हिमाचल में शिक्षा के सुधार के लिए केंद्र से 500 करोड़ मंजूर, देश भर से चुने गए सिर्फ 6 राज्य

प्रदेश के स्कूलों की शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए वर्ल्ड बैंक की स्टार्स योजना के तहत हिमाचल प्रदेश को 5 वर्ष तक मिलेंगे 500 करोड़. देश भर से हिमाचल को मिला कर सिर्फ 6 राज्यों को चुना गया है. इस योजना के तहत छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए योजनाएं तैयार की जा रही हैं.

हिमाचल को वर्ल्ड बैंक से लिए मिले 500 करोड़
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Published : Sep 10, 2019, 4:58 PM IST

शिमलाः प्रदेश के स्कूलों में प्री प्राइमरी से जमा दो तक की शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए अब बजट की कमी आड़े नहीं आएगी. शिक्षा में गुणवत्ता के स्तर को ऊपर उठाने के लिए समग्र शिक्षा को स्टार्स (स्ट्रेंथनिंग टीचर लर्निंग एंड रिजल्ट्स फॉर स्टेट्स) के तहत 500 करोड़ का बजट केंद्र की ओर से मंजूर किया गया है. पांच सालों तक प्रत्येक वर्ष 100 करोड़ की राशि जारी की जाएगी.

केंद्र की ओर से बजट को कैसे और कहां खर्च किया जाना है इसे लेकर गाइडलाइंस भी पहले से तय कर ली गई हैं. हिमाचल में स्टार्स योजना के बजट को 15 हजार सरकारी स्कूलों में छात्रों की सीखने की क्षमता के विकास के लिए खर्च किया जाएगा.

स्टार्स योजना के तहत पहले सरकारी स्कूलों में लर्निंग आउटकम का लेवल और छात्रों की इनरोलमेंट के साथ ही टीचर एजुकेशन को लेकर प्लान तैयार किया जाएगा. इस फंड से प्रदेश के स्कूलों में चल रही प्री प्राइमरी की शिक्षा व्यवस्था को जांचने के साथ ही इसके स्तर में सुधार किया जाएगा.

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प्राइमरी से मिडल स्तर तक ऑनलाइन शिक्षा, आईसीटी लैब का निर्माण और बच्चों की शिक्षा स्तर में सुधार किया जाएगा. सभी प्राइमरी स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें, डिजिटल बोर्ड, कंप्यूटर की डिमांड के साथ ही योजना के तहत मिलने वाली फंडिंग से प्रदेश के डाइट केंद्रों को भी मजबूत किया जाएगा.

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इस योजना से छात्रों के साथ प्रदेश के शिक्षकों के स्तर में भी सुधार किया जाएगा. इसके साथ ही स्कूल,छात्रों ओर शिक्षकों का डाटा भी पूरी तरह से इस योजना के तहत ऑनलाइन किया जाएगा. इस बजट के मिलने से अब सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों की तरह ही शिक्षा दी जाएगी और उसी तर्ज की सुविधाएं छात्रों को मिलेंगी.

छात्रों को इस बजट से स्कूलों में स्मार्ट कक्षाएं और पढ़ाई के लिए ऑनलाइन मैटीरियल भी उपलब्ध करवाया जाएगा. स्कूलों को स्टार्स के बजट के तहत छह माह के बाद दो विषयों को लेकर रिपोर्ट भेजकर बताना पड़ेगा कि बजट को कहां खर्च किया गया और लर्निंग आउटकम में कितना सुधार हुआ है.

ये भी पढे़ंः शिक्षा के मंदिर का ये कैसा हाल, टूटी कुर्सियों पर संजोए जा रहे हैं HAS-IAS बनने के सपने

शिमलाः प्रदेश के स्कूलों में प्री प्राइमरी से जमा दो तक की शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए अब बजट की कमी आड़े नहीं आएगी. शिक्षा में गुणवत्ता के स्तर को ऊपर उठाने के लिए समग्र शिक्षा को स्टार्स (स्ट्रेंथनिंग टीचर लर्निंग एंड रिजल्ट्स फॉर स्टेट्स) के तहत 500 करोड़ का बजट केंद्र की ओर से मंजूर किया गया है. पांच सालों तक प्रत्येक वर्ष 100 करोड़ की राशि जारी की जाएगी.

केंद्र की ओर से बजट को कैसे और कहां खर्च किया जाना है इसे लेकर गाइडलाइंस भी पहले से तय कर ली गई हैं. हिमाचल में स्टार्स योजना के बजट को 15 हजार सरकारी स्कूलों में छात्रों की सीखने की क्षमता के विकास के लिए खर्च किया जाएगा.

स्टार्स योजना के तहत पहले सरकारी स्कूलों में लर्निंग आउटकम का लेवल और छात्रों की इनरोलमेंट के साथ ही टीचर एजुकेशन को लेकर प्लान तैयार किया जाएगा. इस फंड से प्रदेश के स्कूलों में चल रही प्री प्राइमरी की शिक्षा व्यवस्था को जांचने के साथ ही इसके स्तर में सुधार किया जाएगा.

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प्राइमरी से मिडल स्तर तक ऑनलाइन शिक्षा, आईसीटी लैब का निर्माण और बच्चों की शिक्षा स्तर में सुधार किया जाएगा. सभी प्राइमरी स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें, डिजिटल बोर्ड, कंप्यूटर की डिमांड के साथ ही योजना के तहत मिलने वाली फंडिंग से प्रदेश के डाइट केंद्रों को भी मजबूत किया जाएगा.

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इस योजना से छात्रों के साथ प्रदेश के शिक्षकों के स्तर में भी सुधार किया जाएगा. इसके साथ ही स्कूल,छात्रों ओर शिक्षकों का डाटा भी पूरी तरह से इस योजना के तहत ऑनलाइन किया जाएगा. इस बजट के मिलने से अब सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों की तरह ही शिक्षा दी जाएगी और उसी तर्ज की सुविधाएं छात्रों को मिलेंगी.

छात्रों को इस बजट से स्कूलों में स्मार्ट कक्षाएं और पढ़ाई के लिए ऑनलाइन मैटीरियल भी उपलब्ध करवाया जाएगा. स्कूलों को स्टार्स के बजट के तहत छह माह के बाद दो विषयों को लेकर रिपोर्ट भेजकर बताना पड़ेगा कि बजट को कहां खर्च किया गया और लर्निंग आउटकम में कितना सुधार हुआ है.

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Intro:प्रदेश के स्कूलों में प्री प्राइमरी से लेकर जमा दो तक कि शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए अब बजट की कमी आड़े नहीं आएगी। शिक्षा में गुणवत्ता के इस स्तर को ऊपर उठाने के लिए समग्र शिक्षा को स्टार्स के तहत 500 करोड़ का बजट केंद्र की ओर से मंजूर किया गया है। पांच सालों तक 100-100 करोड़ कर यह राशि समग्र शिक्षा को जारी की जाएगी। बजट को कैसे ओर कहां खर्च किया जाना है इसे लेकर गाइडलाइंस भी केंद्र की ओर से तय कर ली गई है। हर साल सौ करोड़ का जो बजट एसएसए को दिया जाएगा उसके तहत प्रदेश के 15 हजार सरकारी स्कूलों में छात्रों के लर्निंग आउटकम में विकास करने के लिए ख़र्च किया जाएगा।


Body:स्टार्स( स्ट्रेंथनिंग टीचर लर्निंग एंड रिजल्ट्स फ़ॉर स्टेट्स) योजना के तहत पहले सरकारी स्कूलों में लर्निंग आउटकम का लेवल ओर छात्रों की इनरोलमेंट के साथ ही टीचर एजुकेशन को लेकर प्लान तैयार किया जाएगा जिसके बाद प्रोजेक्ट के तहत करोडों की फंडिंग की जाएगी। इस फंड से प्रदेश के स्कूलों में चल रही प्री प्राइमरी की शिक्षा व्यवस्था को जांचने के साथ ही इसके स्तर में सुधार किया जाएगा। प्राइमरी से मिडल स्तर तक ऑनलाइन शिक्षा, आईसीटी लैब्स का निर्माण, बच्चों के शिक्षा स्तर में सुधार कर उन्हें पिसा में भाग लेने के लिए तैयार करना। सभी प्राइमरी स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें, डिजिटल बोर्ड, कंप्यूटर की डिमांड के साथ ही योजना के तहत मिलने वाली फंडिंग से प्रदेश के डाइट केंद्रों को भी सट्रेन्थन किया जाएगा। इस योजना से ना केवल छात्रों बल्कि प्रदेश के शिक्षकों के स्तर में भी सुधार का पूरा प्लान तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही स्कूल,छात्रों ओर शिक्षकों का डाटा भी पूरी तरह से इस योजना के तहत ऑनलाइन किया जाएगा।


Conclusion:इस बजट के मिलने से अब सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों की तरह ही शिक्षा दी जाएगी और उस तर्ज की सुविधाएं छात्रों को मिलेंगी। छात्रों को इस बजट से स्कूलों में स्मार्ट कक्षाएं ओर पढ़ाई के लिए ऑनलाइन मैटीरियल भी उपलब्ध करवाया जायेगा। समग्र शिक्षा के परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि स्टार्स के तहत 500 करोड़ का बजट केंद्र सरकार की ओर से मिलेगा। जिन स्कूलों को स्टार्स के बजट के तहत लाया जाएगा उन्हें छह माह के बाद रिपोर्ट भेजनी होगी की बजट को कहां खर्च किया गया।इसके साथ ही लर्निंग आउटकम में कितना सुधार हुआ है इस पर भी समग्र शिक्षा की ओर से हर छह माह में रिपोर्ट ली जाएगी।
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