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Himachal Crypto Currency Scam: ईडी की रडार पर हिमाचल-पंजाब की 5 महिलाएं, स्कीम चलाकर करती थी लोगों से ठगी!

हिमाचल क्रिप्टो करेंसी घोटाला मामले में अब ईडी की रडार पर पंजाब की एक और हिमाचल की 4 महिलाएं हैं. आरोप है कि ये महिलाओं कई तरह के स्कीम चलाकर लोगों से पैसे लगवाती थी. (Himachal Crypto Currency Scam) (5 women on ED radar in Himachal crypto currency scam) (Shimla Crime News)

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 16, 2023, 12:58 PM IST

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शिमला: हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टो करेंसी स्कैम मामले में आये दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं. मामले में अब (प्रवर्तन निदेशालय) ईडी की राडार पर 5 महिलाएं आई हैं. इन महिलाओं के तार किप्टो करेंसी स्कैम से तार जुड़ने का संदेह है. इन आरोपि महिलाओं में से एक पंजाब के जीरकपुर की, 2 हमीरपुर की, एक ऊना की और एक बद्दी की रहने वाली बताई जा रही है. आरोप है कि ये महिलाएं कोर्वियो, वॉस्क्रो और हाइपेनेक्सट स्कीमें चलाकर लोगों से पैसे लगवाती थी. वहीं, इस घोटाले में मुख्य आरोपी सुभाष का नाम सबसे ऊपर है.

जबिक हिमाचल पुलिस की एसआईटी टीम ने दो आरोपी हेमराज और अभिषेक शर्मा को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है. ये दोनों आरोपी मामले में दूसरे और तीसरे नंबर के मुख्य आरोपी हैं. ये दोनों मंडी के रहने वाला बताए जा रहे हैं. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय अपने स्तर पर इस मामले की जांच कर रहा है. अब तक पुलिस एसआईटी ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जबकि मुख्य आरोपी सुभाष अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है. एसआईटी इन आरोपियों की संपत्तियों की जांच कर रही है.

एसआईटी की शुरुआती जांच में क्रिप्टो करेंसी का घोटाला 200 करोड़ रुपए का बताया जा रहा था, लेकिन दो मास्टरमाइंड की गुजरात से गिरफ्तारी के बाद जिस तरह लोग प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों के साइबर थाना में शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं, उसे देखते हुए अब यह घोटाला सैंकड़ों करोड़ों का लग रहा है. फिलहाल एसआईटी टीम जांच में जुटी हुई है. वहीं, देश छोड़ फरार हो चुके क्रिप्टो करेंसी किंगपिन सुभाष शर्मा को भारत वापस लाने के लिए राज्य के गृह मंत्रालय के माध्यम से केंद्रीय विदेश मंत्रालय से संपर्क किया जा रहा है. अभी तक मामले में जो बातें सामने आई है, उसमें क्रिप्टो करेंसी के नाम पर सबसे ज्यादा ठगी मंडी जिला में हुई है.

मंडी साइबर पुलिस थाना में अब तक 40 शिकायतें मिली है, जिनमें 1000 से ज्यादा लोगों से अनुमानित 25 करोड़ की ठगी हुई है. इसके तीनों मास्टरमाइंड भी मंडी जिला के ही रहने वाले है. मंडी के अलावा कांगड़ा में ज्यादा लोग ठगी का शिकार बने हैं. अभी ऐसे भी बड़ी संख्या में लोग बताए जा रहे हैं, जिन्होंने इसमें पैसा इन्वेस्ट कर रखा है और वापसी की आस लगाए हुए हैं. इसी इंतजार में ये लोग अभी पुलिस को शिकायत नहीं की है.

वहीं, पुलिस उन लोगों की तलाश में हैं, जिन्होंने इस क्रिप्टो करेंसी घोटाले को अंजाम दिया है और बाजार में हेराफेरी कर निर्दोष निवेशकों का शोषण किया है. पुलिस का कहना है कि कब्जे में लिए गए दस्तावेज एकत्र किया गया है. इन दस्तावेजों का डाटा जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

ये भी पढ़ें: Himachal Crypto Currency Scam: 2.5 लाख लोगों से ₹2000 करोड़ की ठगी, निवेशकों के ₹400 करोड़ डूबे: DGP संजय कुंडू

शिमला: हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टो करेंसी स्कैम मामले में आये दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं. मामले में अब (प्रवर्तन निदेशालय) ईडी की राडार पर 5 महिलाएं आई हैं. इन महिलाओं के तार किप्टो करेंसी स्कैम से तार जुड़ने का संदेह है. इन आरोपि महिलाओं में से एक पंजाब के जीरकपुर की, 2 हमीरपुर की, एक ऊना की और एक बद्दी की रहने वाली बताई जा रही है. आरोप है कि ये महिलाएं कोर्वियो, वॉस्क्रो और हाइपेनेक्सट स्कीमें चलाकर लोगों से पैसे लगवाती थी. वहीं, इस घोटाले में मुख्य आरोपी सुभाष का नाम सबसे ऊपर है.

जबिक हिमाचल पुलिस की एसआईटी टीम ने दो आरोपी हेमराज और अभिषेक शर्मा को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है. ये दोनों आरोपी मामले में दूसरे और तीसरे नंबर के मुख्य आरोपी हैं. ये दोनों मंडी के रहने वाला बताए जा रहे हैं. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय अपने स्तर पर इस मामले की जांच कर रहा है. अब तक पुलिस एसआईटी ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जबकि मुख्य आरोपी सुभाष अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है. एसआईटी इन आरोपियों की संपत्तियों की जांच कर रही है.

एसआईटी की शुरुआती जांच में क्रिप्टो करेंसी का घोटाला 200 करोड़ रुपए का बताया जा रहा था, लेकिन दो मास्टरमाइंड की गुजरात से गिरफ्तारी के बाद जिस तरह लोग प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों के साइबर थाना में शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं, उसे देखते हुए अब यह घोटाला सैंकड़ों करोड़ों का लग रहा है. फिलहाल एसआईटी टीम जांच में जुटी हुई है. वहीं, देश छोड़ फरार हो चुके क्रिप्टो करेंसी किंगपिन सुभाष शर्मा को भारत वापस लाने के लिए राज्य के गृह मंत्रालय के माध्यम से केंद्रीय विदेश मंत्रालय से संपर्क किया जा रहा है. अभी तक मामले में जो बातें सामने आई है, उसमें क्रिप्टो करेंसी के नाम पर सबसे ज्यादा ठगी मंडी जिला में हुई है.

मंडी साइबर पुलिस थाना में अब तक 40 शिकायतें मिली है, जिनमें 1000 से ज्यादा लोगों से अनुमानित 25 करोड़ की ठगी हुई है. इसके तीनों मास्टरमाइंड भी मंडी जिला के ही रहने वाले है. मंडी के अलावा कांगड़ा में ज्यादा लोग ठगी का शिकार बने हैं. अभी ऐसे भी बड़ी संख्या में लोग बताए जा रहे हैं, जिन्होंने इसमें पैसा इन्वेस्ट कर रखा है और वापसी की आस लगाए हुए हैं. इसी इंतजार में ये लोग अभी पुलिस को शिकायत नहीं की है.

वहीं, पुलिस उन लोगों की तलाश में हैं, जिन्होंने इस क्रिप्टो करेंसी घोटाले को अंजाम दिया है और बाजार में हेराफेरी कर निर्दोष निवेशकों का शोषण किया है. पुलिस का कहना है कि कब्जे में लिए गए दस्तावेज एकत्र किया गया है. इन दस्तावेजों का डाटा जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

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